झारखंड के धनबाद शहर में बुधवार को सुबह की सैर पर निकले झारखंड के एक जिला जज उत्तम आनंद को एक ऑटोवाले ने टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई. सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि ऑटोवाले ने उन्हें जान-बूझकर टक्कर मारी है. मृतक जज धनबाद में माफ़ियाओं से जुड़े कई मामलों की सुनवाई कर रहे थे और हाल ही में दो गैंगस्टरों की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी थी.
रांची: झारखंड के धनबाद शहर में सुबह की सैर पर निकले एक न्यायाधीश को एक ऑटोवाले ने जान-बूझकर टक्कर मार दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. सीसीटीवी में कैद हिट एंड रन की इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.
पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि आज (बुधवार) सुबह लगभग पांच बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश (आठवें) उत्तम आनंद सुबह की सैर पर निकले थे और रास्ते में उन्हें एक ऑटो रिक्शा ने पीछे से टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज के सामने आने के बाद एसआईटी गठित की गई, जिसमें सड़क पर सीधी दिशा में चलती हुई एक तिपहिया वाहन अचानक से सड़क के किनारे दौड़ लगा रहे जज की दिशा में मुड़ जाता है और उनको टक्कर मारने के बाद आराम से भाग जाता है.
यह क्लिप सोशल मीडिया पर घूम रहा है और वकीलों, नागरिक समाज से लेकर आम लोग बड़ी जांच की मांग कर रहे हैं.
Another #JusticeLoya?
Reward for Honesty | A Deliberate Murder
Jharkhand Judge Uttam Anand was killed while he was on a morning walk; CCTV footage suggests foul play.
He was hearing a high-profile murder case involving a close associate of Jharia MLA Sanjeev Singh of the BJP. pic.twitter.com/QqtsCVofse— MD Wasim (@MD_Wasim28) July 29, 2021
अधिकारी ने बताया कि वहां से गुजर रहे दूसरे ऑटो चालक ने रास्ते में खून से लथपथ पड़े न्यायाधीश को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
उन्होंने कहा कि दुखद पहलू यह है कि न्यायाधीश को अस्पताल ले जाए जाने पर भी किसी ने नहीं पहचाना. परिजनों ने जब उनके घर न लौटने की सूचना पुलिस को दी तो उनकी तलाश शुरू हुई.
इसी बीच पुलिस को अस्पताल में अज्ञात शव लाए जाने की सूचना मिली. बाद में पहचान न्यायाधीश उत्तम आनंद के शव के रूप में हुई.
रिपोर्ट के अनुसार, सड़क दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम के साथ गए जज के ड्राइवर ने अस्पताल में उनके शव की पहचान की.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि न्यायाधीश हजारीबाग के रहने वाले थे. उनके पिता व भाई हजारीबाग अदालत में अधिवक्ता हैं, जबकि उनके दो साले आईएएस अधिकारी हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से साफ हो गया है कि टेंपो ने उन्हें जान-बूझकर टक्कर मारा. जांच से पता चला है कि जज को टक्कर मारने के कुछ घंटे पहले ही वाहन चोरी हो गया था.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने तीन संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ऑटो चालक समेत तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी गिरीडीह से हुई है. पुलिस ने ऑटो भी बरामद किया है.
इससे पहले धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजीव कुमार ने कहा था, ‘मैंने एसपी सिटी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है, जो सभी संभावित कारणों की जांच करेगी. सीसीटीवी फुटेज और सभी संबंधित पहलुओं का विश्लेषण किया जाएगा और वाहन की पहचान की जाएगी. हमने शिकायत दर्ज कराने के लिए पीड़ित परिवार के सदस्यों से आग्रह किया है और हम प्राथमिकी दर्ज करेंगे.’
झारखंड न्यायिक सेवा संघ ने झारखंड उच्च न्यायालय से घटना की जांच करने का आग्रह किया है. झारखंड बार काउंसिल के सदस्यों ने सीबीआई जांच की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट में उठा मामला
जिला जज की संदिग्ध मौत के मामले को वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के सामने उठाते हुए कहा, यह न्यायपालिका पर खुला हमला है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सिंह ने कहा, ‘यह एक ऐसा मामला है जो सीबीआई के पास जाना चाहिए. ऐसे मामलों में आमतौर पर स्थानीय पुलिस की मिलीभगत होती है. यह चौंकाने वाला है. एक जज सुबह की सैर पर है और एक वाहन ने उसे टक्कर मार दी. वह गैंगस्टरों की जमानत अर्जी का निपटारा कर रहे थे. यह न्यायिक स्वतंत्रता पर हमला है.’
Senior Advocate Vikas Singh mentions the murder of Additional District Judge Uttam Anand in Dhanbad.
"It is a brazen attack on judiciary", Vikas Singh mentions before the bench of the Justice DY Chandrahcud. pic.twitter.com/hRT2NamBw0
— Live Law (@LiveLawIndia) July 29, 2021
हालांकि, जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले का उल्लेख सीजेआई के समक्ष करने का सुझाव दिया.इसके बाद सिंह ने मामले को सीजेआई एनवी रमना के सामने उठाया और कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और न्याय के पक्ष में है.
इस पर सीजेआई ने कहा कि मामला उनकी जानकारी में है और कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की पहल पर उन्हें खुशी है और वह इस कदम की तारीफ करते हैं.
सिंह ने कहा, ‘एक एडीजे की इस तरह हत्या नहीं की जा सकती.’
इस पर सीजेआई ने कहा, ‘मैंने चीफ जस्टिस, महासचिव और महारजिस्ट्रार से बात की है. झारखंड हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने मामले को संज्ञान में लिया है और सुनवाई करने जा रहे हैं.
माफियाओं से जुड़े कई मामले की सुनवाई कर रहे थे जज
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस जज आनंद के केसों पर ध्यान दे रही है. वह धनबाद में माफियाओं से जुड़े कई मामलों की सुनवाई कर रहे थे और हाल ही में उन्होंने दो गैंगस्टरों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
द क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, जिला जज उत्तम आनंद रंजय हत्याकांड मामले की सुनवाई कर रहे थे. रंजय का संबंध धनबाद के चर्चित ‘सिंह मेंशन’ से है. सिंह मेंशन के ही संजीव सिंह पहले झरिया से भाजपा विधायक हुआ करते थे.
रंजय की हत्या के बाद धनबाद नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की भी एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई थी. संजीव और नीरज चचेरे भाई थे.
संजीव फिलहाल अपने चचेरे भाई नीरज की हत्या के मामले में दुमका जेल में बंद है. नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह झरिया से कांग्रेस विधायक हैं.
आरोप है कि नीरज सिंह की हत्या के लिए उन्हीं के चचेरे भाई संजीव ने अमन सिंह नाम के शूटर को ठेका दिया था. अमन सिंह भी फिलहाल रांची जेल में बंद है. वो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है.
अब जज की मौत को संदेहास्पद इसलिए कहा जा रहा है कि वो न सिर्फ संजीव सिंह के करीबी रहे रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे, बल्कि उन्होंने नीरज सिंह हत्याकांड के शूटर और संजीव सिंह के करीबी अमन सिंह गिरोह के दो शूटर अभिनव और रवि ठाकुर को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)