पिछले साल नवंबर तक नौ लाख से अधिक बच्चे थे अत्यंत कुपोषित

आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आईसीडीएस-आरएसएस पोर्टल के मुताबिक, मंत्रालय ने 30 नवंबर 2020 तक देश में ऐसे नौ लाख से अधिक बच्चों की पहचान की है, जो अत्यंत कुपोषित हैं. इन बच्चों की उम्र छह महीने से छह साल के बीच है. इनमें से तकरीबन चार लाख बच्चे उत्तर प्रदेश से थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आईसीडीएस-आरएसएस पोर्टल के मुताबिक, मंत्रालय ने 30 नवंबर 2020 तक देश में ऐसे नौ लाख से अधिक बच्चों की पहचान की है, जो अत्यंत कुपोषित हैं. इन बच्चों की उम्र छह महीने से छह साल के बीच है. इनमें से तकरीबन चार लाख बच्चे उत्तर प्रदेश से थे.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले साल नवंबर तक देश में छह माह से छह साल की उम्र के नौ लाख से अधिक अत्यंत कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है. इनमें से 3.98 लाख से अधिक बच्चे अकेले उत्तर प्रदेश से हैं.आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में ईरानी ने बताया कि देशभर में ऐसे 9.27 लाख से अधिक बच्चों की पहचान की गई है जो अत्यंत कुपोषित हैं और जिनकी उम्र छह माह से छह साल के बीच है.

ईरानी ने बताया कि आईसीडीएस-आरआरएस पोर्टल के अनुसार, 30 नवंबर 2020 तक देश में छह माह से छह साल की उम्र के अत्यंत कुपोषित 927,606 बच्चों की पहचान की गई है. इनमें से 3.98 लाख से अधिक बच्चे उत्तर प्रदेश से हैं.

उन्होने बताया कि मंत्रालय ने 2017-18 से 2020-21 तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 5,312 करोड़ रुपये जारी किए हैं जिनमें से 31 मार्च 2021 तक 2,985.56 करोड़ की धनराशि का उपयोग किया जा चुका है.

एक अन्य सवाल के जवाब में कि क्या बच्चों में कुपोषण के मामले बढ़े हैं?

इस पर ईरानी ने कहा, ‘राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के तहत सर्वेक्षणों के बीच चार साल के अंतराल के बावजूद कई राज्यों में पोषण की स्थिति में सुधार हुआ है.’

उन्होंने बताया कि एकीकृत बाल विकास सेवा के तहत छह माह से छह साल की उम्र के अत्यंत कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण प्रदान किया जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)