दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में शिकायत दर्ज की, सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की पत्रकारों ने की निंदा.
वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष और लेखिका अरुंधति रॉय समेत पांच महिला हस्तियों को जान से मारने की धमकी दी गई है. दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कर ली है. फेसबुक के जरिए धमकी दिए जाने के कारण पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
फेसबुक पोस्ट पर उन्हें राष्ट्रविरोधी कहने के साथ ही गौरी लंकेेश की तरह हत्या करने की धमकी दी गई है. दिल्ली पुलिस केे अनुसार खुद को विक्रमादित्य राणा बताने वाले शख्स ने सागरिका को धमकी दी है. उसके प्रोफाइल की जांच की जा रही है.
कथित विक्रमादित्य ने पोस्ट में लिखा है, ‘गौरी लंकेश की हत्या को देशविरोधी पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के लिए एक उदाहरण के तौर पर पेश करना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि ऐसे देशद्रोहियों की हत्या का सिलसिला अभी खत्म नहीं होगा. गौरी लंकेश आखिरी नहीं हैं. राष्ट्रविरोधी लोगों की हत्या की जाएगी. शोभा डे, अरुंधति राय, सागरिका घोष, कविता कृष्णन, शेहला राशिद आदि को इस सूची में शामिल किया जाना चाहिए. इनकी एक सूची बनाकर इन सभी को खत्म किया जाना चाहिए.’
Here he is again : VikramAditya Rana on Facebook with a hit list. @DelhiPolice you need to check this pic.twitter.com/eJ8mnkLupu
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) September 6, 2017
वहीं, सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की पत्रकारों ने निंदा की है. पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद उनके लिए अपशब्दों के इस्तेमाल पर कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि यह उस माहौल को उजागर करता है जिसका आज हम सोशल मीडिया पर सामना कर रहे हैं जहां ट्रोल करके या तो विपरीत विचारों वालों को डराया जाता है या तनाव का माहौल पैदा किया जाता है.
55 वर्षीय गौरी की बेंगलुरु में गोली मारकर हत्या के बाद कई पत्रकारों और कार्यकर्ताओं ने कहा कि फेसबुक और ट्विटर पर उन लोगों को चुप करने के लिए ट्रोल किया जाता है जिनके विचार मेल नहीं खाते हैं.
वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने कहा गौरी की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि वह बहादुरी से और निडर होकर अपने विचार रखती थीं. पिछले कुछ सालों में इसलिए लोगों को मार दिया गया क्योंकि उनके विचार मेल नहीं खाते या अलग हैं.
रवीश कुमार ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि गौरी की मौत के बाद भी कई लोग सोशल मीडिया पर उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
वरिष्ठ पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता ने कहा कि किस तरह लोग ट्रोल का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अति दक्षिणपंथी लोग दुष्प्रचार के लिए इस तरह के तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं. व्हाट्सएप के माध्यम से फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं.
ब्रॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन के महासचिव अजीत अंजुम ने कहा कि यह पत्रकारों और ऐसे लोगों के लिए मुश्किल वक्त है जब लोग खासतौर पर सोशल मीडिया पर विभिन्न राय व्यक्त कर रहे हैं. उन्होंने कहा, सबसे पहले तो सोशल मीडिया पर लोगों की हत्या की जा रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)