अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का टीका भारत में कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली पांचवीं वैक्सीन है. कंपनी ने अपने टीके के आपात इस्तेमाल अधिकार के लिए छह अगस्त को आवेदन दिया था और भारत के औषधि महानियंत्रक ने उसी दिन उसे मंज़ूरी दे दी.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-19 रोधी टीके को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे संक्रमण से निपटने में देश के समग्र प्रयासों को और मजबूती मिलेगी.
मांडविया ने ट्वीट किया, ‘भारत ने टीके की अपनी टोकरी (बास्केट) को और बड़ा किया. भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-19 रोधी टीके को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली. अब भारत के पास आपात इस्तेमाल के लिए पांच टीके हैं. इससे संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में देश के समग्र प्रयासों को और मजबूती मिलेगी.’
India expands its vaccine basket!
Johnson and Johnson’s single-dose COVID-19 vaccine is given approval for Emergency Use in India.
Now India has 5 EUA vaccines.
This will further boost our nation's collective fight against #COVID19
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 7, 2021
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अमेरिका की दवा कंपनी ने अपने टीके के आपात इस्तेमाल अधिकार (ईयूए) के लिए शुक्रवार (छह अगस्त) को आवेदन दिया था और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने उसी दिन उसे मंजूरी दे दी.’
जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया ने एक बयान में कहा कि महामारी को समाप्त करने में मदद के वास्ते उसके टीके की उपलब्धता को बढ़ाने की दिशा में एक यह महत्वपूर्ण कदम है.
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें यह घोषणा करने हुए प्रसन्नता हो रही है कि सात अगस्त 2021 को भारत सरकार ने 18 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को कोविड-19 से बचाने के लिए भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-19 रोधी टीके के लिए आपात इस्तेमाल अधिकार (ईयूए) जारी कर दिए.’
भारत में जिन पांच टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, उनमें सीरम इंस्टिट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का ‘स्पुतनिक वी’ और मॉडर्ना का टीका और अब जॉनसन एंड जॉनसन का टीका.
जॉनसन एंड जॉनसन ने इससे पहले अपने टीके का 18 वर्ष और 60 वर्ष से कम तथा 60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों के दो समूह में कम से कम 600 लोगों पर तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की मंजूरी मांगी थी, ताकि इनके सुरक्षित होने, रिएक्शन होने आदि के बारे में पता लगाया जा सके, लेकिन कंपनी ने 29 जुलाई को अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने हाल में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने टीके के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए अर्जी दी थी.
अधिकारी ने कहा, ‘आवेदन क्लीनिकल परीक्षण करने के लिए दिया गया था और जब हमने ढील देने वाले दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें हमने कहा था कि अगर आपके पास अन्य देशों के नियामक निकायों की मंजूरी हो, तो क्लीनिकल परीक्षणों से छूट मिल सकती है और आपात इस्तेमाल अधिकार भी दिए जा सकते हैं और परीक्षण बाद में शुरू किए जा सकते हैं तो उन्हें इसकी जरूरत नहीं है. इसके बाद उन्होंने वह आवेदन वापस ले लिया.’
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में किए गए एक परीक्षण में पाया गया कि जॉनसन एंड जॉनसन के टीके ने गंभीर बीमारी और मृत्यु से सुरक्षा प्रदान की.
इसके एक खुराक ने मृत्यु के खिलाफ 91 प्रतिशत से 96.2 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की, जबकि बीटा कोरोना वायरस के हावी होने पर अस्पताल में भर्ती होने से 67 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की और डेल्टा संस्करण के हावी होने पर अस्पताल में भर्ती होने से लगभग 71 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की गई.
बता दें कि देश में शुक्रवार तक 50 करोड़ से अधिक संक्रमण रोधी टीके लगाए जा चुके हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह सात बजे तक भारत में 58,08,344 सत्रों में टीके की 50,10,09,609 खुराक दी गईं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में टीके की 49,55,138 खुराक दी गई.
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार देशभर में टीकाकरण की रफ्तार और दायरा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.
वहीं, मांडविया ने शनिवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके लगने की संख्या प्रति माह तेजी से बढ़ रही है और जुलाई में प्रतिदिन औसतन 43.41 लाख खुराक के साथ कुल 13.45 करोड़ खुराक दी गईं.
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘भारत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मजबूत हो रहा है. ‘सबको टीका मुफ्त टीका’ की राह पर चलते हुए संक्रमण रोधी टीके लगने की संख्या प्रति माह तेजी से बढ़ रही है. जुलाई में प्रतिदिन औसतन 43.41 लाख खुराक और कुल 13.45 करोड़ खुराक दी गईं.’
बता दें कि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 जनवरी को भारत में देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. टीकाकरण के पहले चरण में फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था.
उसके बाद एक मार्च से कोविड-19 टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो गया है. इस चरण में 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और 45 साल से ऊपर के उन लोगों को जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हों, को टीका लगाया जा रहा है. एक मई से 18 से 44 साल आयुवर्ग का टीकाकरण भी शुरू हो गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)