विपक्ष ने पेगासस व किसान मुद्दों पर जारी किया वीडियो, कहा- सरकार हमारी सुने

पेगासस जासूसी विवाद एवं कृषि क़ानूनों पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों ने मिलकर तीन मिनट का एक वीडियो बनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को सुने.

**EDS: VIDEO GRAB** New Delhi: Proesting members place a placard in front of Dy Chairman Harivansh Narayan Singh as he conducts proceedings, during the Monsoon Session of Parliament, in New Delhi, Tuesday, July 27, 2021. (RSTV/PTI Photo) (PTI07_27_2021_000102B)

पेगासस जासूसी विवाद एवं कृषि क़ानूनों पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों ने मिलकर तीन मिनट का एक वीडियो बनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को सुने.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राज्यसभा में विधेयकों पर चर्चा के दौरान पेगासस जासूसी विवाद एवं कृषि कानूनों पर चर्चा की विपक्ष की रणनीति के तहत तीन मिनट का वीडियो बनाया गया है ताकि सरकार उनकी मांगों को सुने.

बीते रविवार सुबह राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन के हैंडल से तृणमूल कांग्रेस द्वारा जारी किये गए इस वीडियो में अपील की गई है- ‘श्रीमान मोदी, हमारी बात सुनिए.’

विपक्षी दल के सूत्रों ने संकेत दिया कि पिछले कुछ सप्ताह से नेताओं ने अहसास किया है कि लोकसभा एवं राज्यसभा में व्यवधान पैदा करना ही काफी नहीं है, सदन के पटल पर ‘किसान, पेगासस एवं स्पायवेयर’ जैसे शब्दों को दोहराना जरूरी है.

संसद में विधेयकों पर अपनी बातें रखने के दौरान ही ऐसे मुद्दों को उठाने की विपक्षी सांसदों की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर ओ’ब्रायन ने कहा कि उनकी ‘रणनीति सोची-समझी है.’

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता ओ’ब्रायन ने कहा, ‘जब आधिकारिक माध्यमों से वंचित किया जा रहा हो तब यह आमजन तक पहुंचने का एक नया तरीका है.’

कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, ‘ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भयभीत हो गए हैं. वे संसद में प्रश्नों का उत्तर देने को इच्छुक क्यों नहीं हैं. विपक्षी दल संसद में चर्चा के लिए तैयार है लेकिन भाजपा सरकार कार्यवाही बाधित कर रही है ताकि सच्चाई लोगों के सामने नहीं आ पाये.’

यह वीडियो राज्यसभा टीवी के क्लिप से तैयार किया गया है जिसमें उच्च सदन में विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए बयान हैं और उनमें शुरुआत किसान, पेगासस जैसे शब्दों से की गई है.

इस वीडियो में सदन में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे यह कहते हुए नजर रहे हैं, ‘हम पिछले 14 दिनों से जिस चर्चा की मांग कर रहे हैं और भविष्य पर जिस पर चर्चा कर सकते हैं, आप उसे होने नहीं दे रहे हैं. आप अब उस विधेयक को पारित कर रहे हैं. यदि आपमें साहस है तो पेगासस विवाद पर चर्चा शुरू कीजिए.’

इस वीडियो में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की वंदना चह्वाण पेगासस मुद्दा उठाते हुए और सरकार पर ‘लोगों की बातें नहीं सुनने का आरोप’ लगाती हुई नजर आ रही हैं. उसमें राजद के मनोज झा यह कहते हुए सुने जा रहे हैं- ‘पेगासस हर व्यक्ति के घर में घुस गया. हमें इस पर चर्चा करनी है.’

वीडियो में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा यह कहते हुए दिख रहे हैं कि यदि उनका ‘माइक्रोफोन बंद नहीं किया जाए’ तो वह किसानों के मुद्दे पर बोलना चाहेंगे.

माकपा सरकार पर ‘संसदीय लोकतंत्र को चुराने’ का आरोप लगाती हुई नजर आ रही है. तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ‘संसद में भाषण की आजादी’ का मुद्दा उठाते हुए दिख रहे हैं.

उसमें समाजवादी पार्टी (सपा), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे अन्य विपक्षी दलों का भी प्रतिनिधित्व है.

उन्नीस जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के समय से संसदीय कार्यवाही विपक्षी दलों के विरोध के चलते लगातार बाधित हो रही है और पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की उनकी मांग के चलते गतिरोध बना हुआ है.

बता दें कि द वायर  सहित अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम ने पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि इजरायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के जरिये नेता, पत्रकार, कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों की के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे संभावित निशाने पर थे.

एनएसओ ग्रुप यह मिलिट्री ग्रेड स्पायवेयर सिर्फ सरकारों को ही बेचती हैं. भारत सरकार ने पेगासस की खरीद को लेकर न तो इनकार किया है और न ही इसकी पुष्टि की है. इस मामले में कई जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से अपनी जनहित याचिकाओं की कॉपी केंद्र सरकार को भी भेजने को कहा है. अब इस मामले पर 10 अगस्त को दोबारा सुनवाई होगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)