बसपा के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू चार अगस्त को भाजपा में शामिल हुए थे. उनको पार्टी में शामिल करने पर भाजपा सांसद व पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने आपत्ति जताई थी. वर्ष 2009 में बबलू का नाम जोशी के घर में आग लगाने के मामले में मुख्य आरोपियों में शामिल रहा है.
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बीते मंगलवार को पार्टी में शामिल करने के एक सप्ताह के भीतर पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू की पार्टी सदस्यता निरस्त कर दी है.
बसपा के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू चार अगस्त को भाजपा में शामिल हुए थे. उनको पार्टी में शामिल करने पर भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने आपत्ति की थी.
बीते मंगलवार को भाजपा मुख्यालय से जारी बयान में पार्टी के प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी हिमांशु दुबे ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू की पार्टी से सदस्यता निरस्त कर दी है.
फोन पर पूछे जाने पर हिमांशु दुबे ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनके (बबलू) मामले की जांच होगी और सभी पक्षों पर विचार विमर्श के बाद उनकी सदस्यता पर निर्णय किया जाएगा. आज सभी पक्षों के अवलोकन के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने यह फैसला किया.
गौरतलब है कि सांसद रीता बहुगुणा जोशी के घर में आग लगाने के मामले में आरोपी रहे बसपा के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू चार अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे.
उन्होंने पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली थी. जितेंद्र सिंह का नाम उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के घर में वर्ष 2009 में आग लगाने के मामले में मुख्य आरोपियों में शामिल रहा है.
उनके भाजपा में शामिल होने पर जोशी ने कहा था, ‘जितेंद्र सिंह बबलू के पार्टी में शामिल होने के समाचार से स्तब्ध हूं. उन्होंने 2009 में, जिस समय मैं मुरादाबाद जेल में बंद थी, उस समय सरोजनी नायडू मार्ग, लखनऊ स्थित मेरे निवास को आग लगाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. पूरे भारत में टेलीविजन पर वह दिखाई दिए थे तथा तहकीकात में वह आरोपी पाए गए थे.’
उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा था, ‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि उन्होंने यह तथ्य पार्टी से छिपाकर भाजपा की सदस्यता प्राप्त की है. मैं प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी सदस्यता निरस्त करने की बात करूंगी.’
मालूम हो कि जुलाई 2009 में लखनऊ स्थित जोशी के घर में आगजनी की घटना के समय मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं. बसपा समर्थकों ने जोशी पर बसपा प्रमुख के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था.
भाजपा में शामिल होने के बाद बबलू ने आगजनी में बेगुनाह होने का दावा किया था. उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. उन्होंने मीडिया से कहा, ‘जब घटना हो रही थी उस वक्त मैं वहां मौजूद भी नहीं था.’
इससे पहले द वायर ने रिपोर्ट किया था कि बबलू पिछले कुछ वर्षों से भगवा खेमे में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे. 2020 में बीकापुर (फैजाबाद) से बसपा के पूर्व विधायक बबलू भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी के राज्य मुख्यालय में प्रवेश कर गए थे.
लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा उनके शामिल होने का विरोध करने के तुरंत बाद पीछे हट गए थे. स्वतंत्र देव सिंह और पार्टी के संगठन सचिव सुनील बंसल ने तब बबलू के शामिल होने को टाल दिया था.
आगजनी की घटना के बाद बबलू को बसपा से निष्कासित कर दिया गया था. जोशी ने तब आगजनी की सीबीआई जांच की मांग की थी. मामले को सीबी-सीआईडी ने अपने हाथ में ले लिया था, जिसने 2011 में बबलू को गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)