ये मामला दिल्ली के आदर्श नगर में एक फ्लाईओवर पर बने मज़ार से जुड़ा हुआ है. बीते दिनों हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े कुछ युवक वहां पहुंचते हैं और मौलवी से सवाल-जवाब करते हुए बहसबाज़ी पर उतर आते हैं. तब बीचबचाव के लिए एसएचओ आ जाते हैं. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. दिल्ली पुलिस का दावा है कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मद्देनज़र उन्हें निलंबित किया गया है, लेकिन कार्रवाई को इस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने आदर्श नगर थाने के प्रभारी (एसएचओ) सीपी भारद्वाज को निलंबित कर दिया है, जिन्होंने एक हफ्ते पहले हिंदुत्ववादी समूह द्वारा एक मजार के मौलवी को प्रताड़ित किए जाने की घटना में हस्तक्षेप किया था और ऐसा करने से उन्हें रोका था.
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें भारद्वाज को बीच-बचाव करते हुए देखा जा सकता है. उन्होंने संबंधित व्यक्ति को फिर से ये सब न दोहराने की चेतावनी भी दी थी.
वैसे तो दिल्ली पुलिस का दावा है कि ‘सही तरीके से काम नहीं करने’ के चलते भारद्वाज को निलंबित किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सीपी भारद्वाज के खिलाफ कई शिकायतें भी दायर हुई थीं. हालांकि इस कार्रवाई को उस वायरल वीडियो से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां ऑफिसर ने मौलवी को प्रताड़ित करने से व्यक्ति को रोका था.
संविधान सम्मत और क़ानून के मुताबिक़ काम करने वाले दिल्ली पुलिस के इस SHO को सौ सौ सलाम पर क़ानून के मुताबिक़ काम ना करने वाली सरकार अब इस अफ़सर को छोड़ने वाली नहीं है। pic.twitter.com/DkbN3avZAT
— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 4, 2021
एसएसओ भारद्वाज ने हिंदुत्ववादी संगठन के व्यक्ति से कहा था कि यदि वे किसी भी अवैध धार्मिक निर्माण की शिकायत करना चाहते हैं, तो दिल्ली सरकार ने इसके लिए एक समिति बनाई हुई है, वहां वे जाकर अपनी बात रख सकते हैं, लेकिन इस तरह सड़क पर तमाशा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
बीते बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया कि अधिकारी को ‘ड्यूटी अनुपालन में लापरवाही बरतने और उनके खिलाफ दर्ज कई शिकायतों के मद्देनजर निलंबित किया गया है.’
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने द वायर से संपर्क करने पर यही स्पष्टीकरण दोहराया.
निलंबन पर टिप्पणी के लिए द वायर ने पुलिस उपायुक्त (उत्तरी जिला) उषा रंगानी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो सका. यदि उनकी तरफ कोई जवाब आता है तो उसे स्टोरी में अपडेट कर दिया जाएगा.
दरअसल ये मामला आदर्श नगर में एक फ्लाईओवर पर बने मजार से जुड़ा हुआ है, जहां बीते दिनों हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े युवक पहुंचते हैं और मौलवी से सवाल-जवाब करते हुए बहसबाजी पर उतर आते हैं. उन्होंने इसका एक वीडियो बनाया था, जिस पर न्यूज एक्सक्लूसिव लिखा हुआ है. इसे बीते चार अगस्त को सोशल मीडिया पर साझा किया गया था.
वीडियो में भगवा रंग का गमछा कंधे पर रखे हुए एक युवक माइक लेकर मौलवी से सवाल पूछता है फ्लाईओवर कब बना, इस पर मौलवी बताते हैं कि नया फ्लाईओवर 2009 में बना और पहले वाले का निर्माण 1982 में एशियाई खेलों से पहले किया गया था. फिर वह कहते हैं कि यह उन्हें उनके बुजुर्गों द्वारा बताया गया था, जिनका निधन हो गया है.
युवक मौलवी से खाना कहां बनाते हैं और उनके बच्चे कहां रहते हैं, जैसे सवाल पूछता है. इसके बाद युवक मौलवी से पूछता है, ‘आपके ऐसे कितने मजार ऐसे चल रहे हैं’, तब वीडियो में आदर्श नगर के एसएचओ सीपी भारद्वाज नजर आते हैं.
भारद्वाज ने उन लोगों से सवाल किया कि ‘आपको किसने ये अधिकार दिया है कि आप भारत के नागरिकों पर इस तरह का दबाव डालें. यदि आप कुछ कहना चाहते हैं तो आपको कानूनी रास्ता अपनाना होगा.’
एसएचओ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली सरकार ने एक धार्मिक समिति बना रखी है और यदि इन्हें कोई समस्या है तो वे उस समिति में जाकर अपनी बात रखें. सीपी भारद्वाज ने संबंधित व्यक्ति को चेतावनी भी दी थी कि यदि वे दोबारा इस तरह धमकाने की कोशिश करेंगे तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो में धैर्यपूर्वक सकारात्मक जवाब देते हुए एचएचओ भगवा रंग का गमछा लपेटे से युवक कहते हैं, ‘समिति में ऐसी किसी भी संरचना की समीक्षा की जाती है, सभी हितधारकों के विचार लिए जाते हैं और यदि कोई संरचना किसी भी हित में बाधा डालती पाई जाती है या यातायात में बाधा पहुंचाती है तो फिर इसे स्थानांतरित कर दिया जाता है.’
वीडियो में भारद्वाज युवक से यह भी कहते हैं, ‘आप किसी भारतीय को धमकाने का अधिकार नहीं रखते.’ इस बीच युवक कहता है कि चांदनी चौक पर मंदिर तोड़ा गया उस पर आप क्या कहेंगे?
इस पर एसएचओ कहते हैं, ‘जो संवैधानिक व्यवस्था है, आप उस पर बात कीजिए. आप किसी भी नागरिक या धार्मिक व्यक्ति को इस तरह से धमकाएंगे नहीं. आपको कोई अधिकार नहीं है.’
वह समूह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी भी देते हैं और कहते हैं, ‘मैं आप लोगों को कड़ी चेतावनी दे रहा हूं.’
हालांकि, जब भगवा गमछा वाला युवक अपने तर्क पर कायम रहते हुए कहता है कि हम भी आपके खिलाफ कार्रवाई करेंगे, तो अधिकारी आक्रामक हो जाते हैं और युवक को पीछे धकेलते हुए अपने कर्मचारियों को उसे साथ लेकर चलने को कहते हैं.
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