यूपीः चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक करने, फर्जी पहचान पत्र बनाने के आरोप में युवक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले एक शख्स ने अपनी कंप्यटूर की दुकान पर कथित तौर पर हजारों की संख्या में फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाए थे. चुनाव आयोग का कहना है कि उनका डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है.

चुनाव आयोग. (फोटो: रॉयटर्स)

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले एक शख्स ने अपनी कंप्यटूर की दुकान पर कथित तौर पर हजारों की संख्या में फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाए थे. चुनाव आयोग का कहना है कि उनका डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है.

चुनाव आयोग. (फोटो: रॉयटर्स)

सहारनपुरः उत्तर प्रदेश की सहारनपुर पुलिस ने देश के चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक करने और लगभग 10,000 से अधिक फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है.

सहारनपुर के नाकुड़ क्षेत्र के मछरहेड़ी गांव के रहने वाले विपुल सैनी (24) को चुनाव आयोग की वेबसाइट में सेंध लगाने और फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है.

इस घटना पर चुनाव आयोग का कहना है कि उनका डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है.

सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस. चन्नप्पा ने बताया, ‘आरोपी युवक विपुल सैनी ने यहां के नाकुड़ इलाके में अपनी कंप्यूटर की दुकान में कथित तौर पर हजारों की संख्या में मतदाता पहचान पत्र बनाए थे.’

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैनी चुनाव आयोग की वेबसाइट में उसी पासवर्ड के जरिए लॉग इन करता था, जिसका इस्तेमाल आयोग के अधिकारी करते थे.

हालांकि, आयोग ने गड़बड़ी का अंदेशा होने पर जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद एजेंसियों की जांच के दौरान सैनी शक के दायरे में आए. इसके बाद सहारनपुर पुलिस को सैनी के बारे में जानकारी दी गई.

अधिकारी ने बताया, ‘पूछताछ में सैनी ने बताया कि वह मध्य प्रदेश के हरदा निवासी अरमान मलिक के इशारे पर काम कर रहे थे और उन्होंने तीन माह में 10,000 से ज्यादा फर्जी मतदाता पहचान पत्र बना लिए थे.’

इसके बाद साइबर सेल और सहारनपुर अपराध शाखा के संयुक्त दल ने बीते गुरुवार को सैनी को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस अधीक्षक चन्नप्पा ने बताया, ‘जांच में सैनी के बैंक खाते में 60 लाख रुपये पाए गए, जिसके बाद खाते से लेनदेन पर तत्काल रोक लगा दी गई.’

उन्होंने कहा कि सैनी के खाते में इतनी रकम कहां से आई, इसकी जांच की जाएगी.

चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि सहायक मतदाता सूची अधिकारी (एईआरओ) नागरिकों को सेवा प्रदान करते हैं और मतदाता पहचान पत्र की प्रिंटिंग और समय पर वितरण की जिम्मेदारी उनकी होती है.

प्रवक्ता ने कहा, ‘एईआरओ कार्यालय के एक डेटा एंट्री ऑपरेटर ने अवैध रूप से अपना आईडी एवं पासवर्ड सहारनपुर के नाकुड़ में एक निजी अनधिकृत सेवा प्रदाता को दिया ताकि वह कुछ वोटर कार्ड छाप सकें. दोनों व्यक्ति गिरफ्तार हो चुके हैं.’

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का डेटाबेस पूरी तरह सुरक्षित है.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ‘पूछताछ में सैनी ने बताया कि एक पहचान पत्र के एवज में उन्हें 100 से 200 रुपये मिलते थे. उनके घर से पुलिस ने दो कंप्यूटर भी जब्त किए हैं. जांच एजेंसी आरोपी को अदालत में पेश कर उसके न्यायिक हिरासत का अनुरोध करेगी.’

उन्होंने बताया कि सैनी के पिता किसान हैं. सैनी ने सहारनपुर जिले के एक कॉलेज से बीसीए किया है. पुलिस ने कहा कि इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या उनके संबंध राष्ट्रविरोधी या आतंकवादी ताकतों से भी हैं?

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)