गौरी लंकेश की हत्या के बाद 25 प्रगतिशील विचारकों और लेखकों को मिली सुरक्षा

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद कर्नाटक सरकार ने प्रगतिशील विचारों के 25 लेखकों, साहित्यकारों और विचारकों को सुरक्षा प्रदान की है.

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वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद कर्नाटक सरकार ने प्रगतिशील विचारों के 25 लेखकों, साहित्यकारों और विचारकों को सुरक्षा प्रदान की है.

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बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या के बाद कर्नाटक सरकार की ख़ुफ़िया जांच एजेंसी के सुझाव के बाद राज्य के 25 लेखक और प्रगतिशील विचारकों को सुरक्षा दी गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पिछले हफ्ते पुलिस को निर्देश के बाद लेखकों और विचारकों को सुरक्षा प्रदान करने का कदम उठाया था, ताकि देश में धर्म और अनुष्ठान के मामलों पर विचार-विमर्श करने वाले बुद्धिजीवियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

सुरक्षा पाने वाले साहित्यकार, लेख़क और विचारकों में गिरीश कर्नाड, बारागुर रामचंद्रप्पा, केएस भगवान, योगेश मास्टर, बनजगेरे जयप्रकाश, पाटील पुतप्पा, चेनवीरा कानवी, नटराज हुलियार और चंद्रशेखर पाटिल शामिल हैं.

लिंगज्ञात समुदाय को हिंदू धर्म से अलग करने के लिए चल रहे आंदोलन के कुछ मजबूत समर्थकों, जिनमें पूर्व आईएएस अधिकारी एसएम जामदार शामिल हैं, उन्हें भी लंकेश की हत्या के बाद राज्य सुरक्षा प्रदान की गई है.

पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूरे राज्य में 25 लेख़क, साहित्यकार और विचारकों को सुरक्षा प्रदान की गई है. सुरक्षा देने के लिए मापदंड के इस्तेमाल पर सूत्रों का कहना है कि अपने काम और विचारों को लेकर विवादों में रहने वालों को सुरक्षा प्रदान की गई है.

गौरी लंकेस की हत्या और 2015 को धारवाड़ में कन्नड़ विद्वान और शोधकर्ता एम.एम. कलबुर्गी की हत्या के दो साल बाद हुई. लंकेस की हत्या के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने घोषणा की कि अधिक प्रगतिशील विचारक को आगे निशाना बनाया जाएगा.

सोशल मीडिया पर लेखकों और विचारकों को धमकाने के लिए 7 सितंबर को बेंगलूर पुलिस एक 22 वर्षीय मल्लानगुदा बसाणगुदा बिरदार को बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था.