जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के जहांगीर चौक पर मुहर्रम के 10 दिनों की शोक अवधि के आठवें दिन जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे कुछ शिया मुसलमानों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया. वर्ष 1990 के दशक में आंतकवाद की शुरुआत होने के बाद से जुलूस पर रोक लगी है, क्योंकि अधिकारियों का मानना है कि धार्मिक समागम का इस्तेमाल अलगाववादी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को श्रीनगर में मुहर्रम का पारंपरिक जुलूस कवर कर रहे पत्रकारों के एक समूह पर लाठीचार्ज किया.
पुलिस ने शहर के जहांगीर चौक पर मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के आठवें दिन जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे कुछ शिया मुसलमानों को हिरासत में भी लिया.
पत्रकारों का कहना है कि इस दौरान मीडियाकर्मी सिर्फ अपना काम कर रहे थे कि तभी पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया.
दरअसल मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के आठवें दिन पारंपरिक मुहर्रम जुलूस अबी गुजर, लाल चौक और डलगेट इलाके से गुजरता है, लेकिन वर्ष 1990 के दशक में आंतकवाद की शुरुआत होने के बाद से इस पर रोक लगी है, क्योंकि अधिकारियों का मानना है कि धार्मिक समागम का इस्तेमाल अलगाववादी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है.
इन मीडियाकर्मियों में अधिकतर फोटो और वीडियो पत्रकार ही मौजूद थे, जो जुलूस को कवर कर रहे थे.
पत्रकारों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने कुछ पत्रकारों को डंडों से पीटा और उनके उपकरणों को नुकसान पहुंचाया. इस घटना के वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर अपलोड किए गए हैं.
इस घटना के वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए. पत्रकारों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और पत्रकारों को भरोसा दिलाया कि मामले की जांच की जाएगी.
कश्मीर प्रेस फोटोग्राफर एसोसिएशन (केपीपीए) ने पुलिसकर्मियों द्वारा बल का प्रयोग किए जान की निंदा करते हुए बयान जारी कर कहा, ‘केपीपीए पुलिस की इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण और अवांछित करार देता है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने अपना पेशेवर कर्तव्य निभा रहे फोटो पत्रकारों की पिटाई की और उन्हें अपना कर्तव्य निभाने से रोका.’
We #respect the religious #sentiments and practices of all but at the same time it is also our joint #responsibility to defeat the ill designs of vested interest who try to disturb #peaceful atmosphere: IGP Kashmir@JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) August 17, 2021
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कश्मीर जोन पुलिस ने पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार के हवाले से अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘हम सभी की धार्मिक भावनाओं और प्रथाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन साथ ही यह हमारी संयुक्त जिम्मेदारी भी है कि हम निहित स्वार्थी तत्वों के गलत मंसूबों को परास्त करें, जो शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं.’
इस बीच नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो.
Very unfortunate to see J&K police personnel mercilessly thrashing journalists in Srinagar. These people were simply doing their jobs – reporting the news. They don’t make the news & they don’t engineer events to create the story. I hope @OfficeOfLGJandK will ensure no repeat. https://t.co/d7ycL0rTPL
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 17, 2021
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा श्रीनगर में पत्रकारों की बेरहमी से पिटाई करते हुए देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. ये लोग केवल अपना काम कर रहे थे. खबर की रिपोर्टिंग कर रहे थे. वे खबर नहीं बना रहे थे. वे खबर के लिए घटना के रचनाकार नहीं थे. मैं उम्मीद करता हूं कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल सुनिश्चित करेंगे कि यह दोबारा नहीं हो.’
उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच और उन फोटो पत्रकारों को मुआवजा देने की मांग की जिनके उपकरण पुलिस कार्रवाई के दौरान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
Media is spending hours debating the human tragedy & unfolding crisis in Afghanistan but will they speak up for their own community in Kashmir who were beaten to pulp today by security forces for doing their job? https://t.co/PcjYBQZMqQ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 17, 2021
वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीट कर कहा, ‘मीडिया अफगानिस्तान में पैदा हो रहे संकट और मानव त्रासदी पर घंटों बहस कर रहा है, लेकिन क्या वह कश्मीर में अपने ही समुदाय के उन सदस्यों के लिए आवाज उठाएगा, जिन्हें सुरक्षाबलों ने अपना काम करने पर आज बुरी तरह पीटा?’
जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) ने बयान जारी कर घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. सज्जाद लोन की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस ने भी घटना की निंदा की है.
अपनी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुलाम हसन मीर ने मीडियाकर्मियों की पिटाई को अलोकतांत्रिक करार दिया.
मुहर्रम शोक अवधि के आठवें दिन जुलूस निकालने का प्रयास असफल
प्रशासन ने मुहर्रम के 10 दिनों की शोक की अवधि के आठवें दिन मंगलवार को यहां शिया समुदाय के सदस्यों द्वारा पारंपरिक जुलूस निकालने के प्रयास विफल कर दिए.
अधिकारियों ने बताया कि समुदाय के कई सदस्यों को शहर के विभिन्न स्थानों से हिरासत में लिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि समुदाय के कुछ सदस्यों ने जुलूस निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में जुलूस निकलने की संभावना थी, वहां पुलिस और सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गयी है.
पुलिस का कहना है कि शहर में कहीं भी कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन जुलूस निकालने वालों को रोकने के लिए कई जगहों पर बैरिकेड लगाए गए हैं.