शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात शहर के एक लग्ज़री होटल के एक कमरे में मृत पाई गई थीं. दोनों होटल में ठहरे हुए थे, क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था. दिल्ली पुलिस ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में उनके पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की यहां के एक होटल में हुई मौत के मामले में बुधवार को आरोपमुक्त कर दिया.
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया. थरूर ने न्यायाधीश का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते साढ़े सात साल ‘प्रताड़ना’ में बीते और यह फैसला ‘बड़ी राहत’ लेकर आया है.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 18, 2021
इस फैसले के बाद थरूर ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हमारी न्यायिक प्रणाली में प्रक्रिया ही अक्सर सजा बन जाती है. बहरहाल, तथ्य यह है कि न्याय हुआ है और हमारा पूरा परिवार सुनंदा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेगा.’
उन्होंने कहा कि इस फैसले से ‘उस दुःस्वप्न का अंत हुआ जिससे मुझे अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर के निधन के बाद गुजरना पड़ा.’
थरूर के मुताबिक, ‘मुझे कई निराधार आरोप झेलने पड़े और मीडिया की ओर से भी बदनामी का सामना करना पड़ा, लेकिन मुझे न्यायपालिका में पूरा विश्वास था. मेरे रुख की आज पुष्टि हुई है.’
पुलिस ने अदालत से भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (खुदकुशी के लिए उकसाने) समेत विभन्न इल्ज़ामों में आरोप तय करने का आग्रह किया, जबकि थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास पहवा ने अदालत से कहा कि एसआईटी द्वारा की गई जांच राजनीतिक नेता को उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से मुक्त करती है.
पहवा ने मामले में थरूर को आरोपमुक्त करने का आग्रह करते हुए कहा था कि जुर्म साबित करने के लिए उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
उन्होंने पहले अदालत को बताया था कि पुष्कर के परिवार और दोस्तों ने कहा है कि वह आत्महत्या नहीं कर सकती थीं और इसलिए खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप नहीं लगाया जा सकता है.
इस अपराध के लिए अधिकतम सजा 10 साल की कैद का प्रावधान है.
पहवा ने पहले दावा किया था कि पोस्टमॉर्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट से साबित होता है कि यह न तो आत्महत्या थी और न ही हत्या.
आदेश के बाद पहवा ने कहा कि पुलिस द्वारा लगाए गए आत्महत्या के लिए उकसाने और क्रूरता के आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में अपराधों के सबसे आवश्यक तत्व भी मौजूद नहीं थे.
पाहवा ने कहा, ‘मनोवैज्ञानिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित विभिन्न मेडिकल बोर्डों की सभी रिपोर्टों ने थरूर को हत्या या आत्महत्या के आरोपों से मुक्त कर दिया है.’
थरूर के अन्य वकील गौरव गुप्ता ने कहा कि सुनंदा पुष्कर के परिवार के किसी सदस्य या मित्र ने उत्पीड़न या आत्महत्या के लिए उकसाने की कोई शिकायत नहीं की थी.
पहवा ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आखिरकार सात साल बाद इंसाफ की जीत हुई और उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से सम्मानजनक रूप से मुक्त कर दिया गया.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात शहर के एक लग्जरी होटल लीला पैलेस के एक कमरे में मृत मिली थीं. दंपति होटल में ठहरे हुए थे, क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था.
पुष्कर की मौत ने सनसनी मचा दी थी, क्योंकि पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से कथित प्रेम प्रसंग को लेकर उनके बीच (थरूर, सुनंदा और मेहर) ट्विटर पर तकरार होने के कुछ समय बाद ही यह घटना हुई थी.
सुनंदा की मौत थरूर से शादी के तीन साल, तीन महीने और 15 दिन बाद हुई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी.
23 जनवरी, 2014 को सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को दी गई थी. हालांकि दो दिन बाद 25 जनवरी को जांच की जिम्मेदारी वापस दिल्ली पुलिस को सौंप दी गई थी.
साल 2018 में दिल्ली पुलिस ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में उनके पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर पर खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि उनके खिलाफ आगे की कार्यवाही के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.
थरूर पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (महिला के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उस पर क्रूरता करना) और धारा 306 के तहत आरोप लगाया गया था, लेकिन इस मामले में कोई गिरफ्तार नहीं की गई थी. उन्हें पांच जुलाई 2018 को जमानत दे दी गई थी.
अदालत द्वारा कांग्रेस नेता को आरोपमुक्त किए जाने के बाद पार्टी ने उनका जोरदार समर्थन किया.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘आखिर में सत्य की जीत हुई. हमारे सांसद थरूर जी के बारे में भाजपा ने गंदा, भद्दा और खतरनाक माहौल पैदा करने का षडयंत्र किया था जो अदालत के फैसले से आज विफल हो गया. अदालत ने कहा कि थरूर जी निर्दोष हैं.’
उन्होंने सवाल किया, ‘प्रधानमंत्री ने एक जनसभा में थरूर जी और एक महिला के बारे में एक अभद्र बयान दिया था. क्या आप इसके लिए थरूर और देश से माफी मांगेंगे? क्या भाजपा के नेता और कुछ एंकर भी माफी मांगेंगे, जिन्होंने कांग्रेस और शशि थरूर को बदनाम करने को अपना पेशा बना लिया था? देश जवाब मांग रहा है.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उनके समर्थन में ट्वीट किया, ‘सात वर्षों से मेरे मित्र शशि थरूर को परेशान किया गया और बदनाम करने का प्रयास किया गया. आज उनके रुख की पुष्टि हुई. न्यायपालिका की जय हो.’
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता इस मामले में बेनकाब हो गए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)