म्यांमार में प्रदर्शनों से जुड़ीं गिरफ़्तारियों और मौतों पर नज़र रखने वाले समूह असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिज़नर्स की ओर से कहा गया है कि मारे गए अधिकतर लोग सेना विरोधी कार्यकर्ता हैं और इनमें भी 40 से अधिक लोगों के सिर में गोली मारी गई है. बड़ी संख्या में लोगों की मौत पूछताछ केंद्रों और कारागार में गिरफ़्तारी के बाद हुई है.
बैंकॉक: म्यांमार में आंग सान सू ची की की निर्वाचित सरकार का सेना द्वारा फरवरी में तख्तापलट किए जाने के बाद से अब तक सुरक्षाकर्मियों द्वारा एक हजार से अधिक लोग मारे गए हैं. यह जानकारी मानवाधिकार समूह ने बुधवार को दी.
म्यांमार में प्रदर्शनों से जुड़ीं गिरफ्तारियों और मौतों पर नजर रखने वाले समूह असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (एएपीपी) ने बुधवार को दो और लोगों की मौत की पुष्टि की, जिसके बाद गत छह महीने में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,001 हो गई है.
समूह के मुताबिक, आंग सान सू ची की की सरकार का तख्ता पलट करने के बाद से ही सेना नीत सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों के दौरान पुलिस और सेना में भी हताहतों की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि अब शहरी और ग्रामीण इलाकों में सशस्त्र विरोध बढ़ रहा है.
एएपीपी के महासचिव तियेक नाइंग ने कहा कि मारे गए अधिकतर लोग सेना विरोधी कार्यकर्ता हैं और इनमें भी 40 से अधिक लोगों के सिर में गोली मारी गई है.
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों की मौत पूछताछ केंद्रों और कारागार में गिरफ्तारी के बाद हुई है. हालांकि, सैन्य नेतृत्व ने एएपीपी के आंकड़ों को खारिज कर दिया है, लेकिन हाल में उसने स्वयं कोई आंकड़े जारी नहीं किए हैं.
फरवरी में सू ची की को पदच्युत कर सत्ता पर काबिज हुए सैन्य कमांडर वरिष्ठ जनरल मिन आंग हेलियांग ने कहा था कि मई तक करीब 300 लोगों की मौत हुई है.
जबकि एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मई तक सैन्य तख्तापलट के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
गौरतलब है कि म्यांमार में सेना ने बीते एक फरवरी को तख्तापलट कर नोबेल विजेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को बेदखल करते हुए और उन्हें तथा उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को नजरबंद करते हुए देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी.
म्यांमार की सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथ में लेते हुए कहा था कि उसने देश में नवंबर में हुए चुनावों में धोखाधड़ी की वजह से सत्ता कमांडर इन चीफ मिन आंग ह्लाइंग को सौंप दी है.
सेना का कहना है कि सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह है कि वह व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रहीं.
पिछले साल नवंबर में हुए चुनावों में सू ची की पार्टी ने संसद के निचले और ऊपरी सदन की कुल 476 सीटों में से 396 पर जीत दर्ज की थी, जो बहुमत के आंकड़े 322 से कहीं अधिक था, लेकिन 2008 में सेना द्वारा तैयार किए गए संविधान के तहत कुल सीटों में 25 प्रतिशत सीटें सेना को दी गई थीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)