बीते 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक युवती के साथ युवक ने आत्मदाह करने का प्रयास किया था. आत्मदाह से पहले फेसबुक लाइव में उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर की रहने वाली युवती ने आरोप लगाया था कि बसपा सांसद अतुल राय ने 2019 में उनके साथ बलात्कार किया था. इसके बाद सांसद के भाई ने जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज़ में धोखाधड़ी के आरोप में युवती के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया था. युवती फ़िलहाल वेंटिलेटर पर हैं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक युवती के साथ कथित तौर पर आत्महत्या की कोशिश करने वाले 27 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार सुबह मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. युवती फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.
उन्होंने बताया कि बीते 16 अगस्त को आत्मदाह की कोशिश में 27 वर्षीय युवक 65 प्रतिशत, जबकि 24 वर्षीय युवती 85 प्रतिशत तक झुलस गई थी. दोनों को राष्ट्रीय राजधानी के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पुलिस ने बताया कि युवती का इलाज चल रहा है.
पुलिस ने बताया कि युवती उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की रहने वाली है. युवती ने प्रदेश के घोषी सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अतुल राय पर साल 2019 में बलात्कार का आरोप लगाया था, सांसद इस मामले में दो साल से न्यायिक हिरासत में जेल में हैं.
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आत्महत्या का प्रयास करने से पहले युवती ने सहयोगी के साथ फेसबुक लाइव पर एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपनी पहचान बताई और आरोप लगाया कि उसने 2019 में राय के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था. युवती ने आरोप लगाया है कि पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और अन्य लोग आरोपी का साथ दे रहे हैं.
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त दीपक यादव ने कहा था कि इस घटना के पीछे की सटीक वजह का पता लगाने के लिए मामले की जांच जारी है, लेकिन ऐसा संदेह है कि युवती ने आरोपी पक्ष द्वारा फर्जीवाड़े के मामले में फंसाए जाने की डर से आत्महत्या की कोशिश की.
फेसबुक लाइव वीडियो में युवती ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की स्थानीय अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है और न्यायाधीश ने उन्हें समन भी जारी किया है.
युवती ने अपनी जान को खतरा बताते हुए मार्च में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर बलात्कार मामले की सुनवाई इलाहाबाद से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था.
इस बीच सांसद के भाई ने पिछले साल नवंबर में वाराणसी में युवती के खिलाफ कथित तौर पर उसकी जन्मतिथि के बारे में जाली दस्तावेज बनाने की शिकायत दर्ज कराई थी. इसे लेकर युवती के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. जब पुलिस ने अदालत को बताया कि कई छापों के बावजूद वह लापता हैं तो बीते 2 अगस्त को वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने युवती के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था.
मालूम हो कि बीते 16 अगस्त की सुबह सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने का प्रयास किया था. इस मामले में कदाचार के आरोप में वाराणसी के दो पुलिसकर्मियो को निलंबित कर दिया गया था.
फेसबुक लाइव के दौरान पीड़िता ने वाराणसी के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक, कोतवाल राकेश सिंह, विवेचक गिरिजा शंकर सहित कई अधिकारियों पर आरोप लगाया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक युवक दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक थे और अपनी दोस्त 24 वर्षीय युवती के साथ बीते 16 अगस्त को दिल्ली आए थे.
इस मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस ने जांच शुरू की है, लेकिन पीड़ितों के बुरी तरह से जलने की वजह से उनके बयान दर्ज नहीं किए जा सके हैं.
दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 309 आत्महत्या का प्रयास के तहत मामला दर्ज किया और गवाहों और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है.
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने डीजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में दो सदस्यीय कमेटी मामले की जांच के लिए गठित की है. घटनास्थल का निरीक्षण और युवक तथा युवती के परिवार से बातचीत करने के लिए कमेटी को दिल्ली भेजा गया है.
गाजीपुर से उनके परिवार और दोस्त राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे हुए हैं. उन्होंने पुलिस को बताया कि वे इस बात से अनजान थे कि युवक-युवती दिल्ली आएंगे. युवक के दोस्तों ने कहा कि वह सांसद के खिलाफ मामले में युवती का समर्थन कर रहे थे और नियमित रूप से शीर्ष अधिकारियों से उत्पीड़न के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी अपडेट कर रहे थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)