केरल: गर्भवती महिला की मौत पर अस्पताल का दावा, कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभावों से गई जान

केरल के कोट्टायम ज़िले का मामला. महिला ने गर्भावस्था की पुष्टि के बाद छह अगस्त को कोविशील्ड की पहली डोज़ ली थी. 11 अगस्त को उन्हें तेज सिर दर्द हुआ, जिसके चार दिन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराय गया, जहां 20 अगस्त को उनकी मौत हो गई. कोट्टायम के ज़िला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हमें समझ नहीं आ रहा है कि अस्पताल ने महिला की मौत को किन परिस्थितियों में वैक्सीन से जोड़ा है. हमें ऑटोप्सी रिपोर्ट का इंतज़ार है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

केरल के कोट्टायम ज़िले का मामला. महिला ने गर्भावस्था की पुष्टि के बाद छह अगस्त को कोविशील्ड की पहली डोज़ ली थी. 11 अगस्त को उन्हें तेज सिर दर्द हुआ, जिसके चार दिन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराय गया, जहां 20 अगस्त को उनकी मौत हो गई. कोट्टायम के ज़िला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हमें समझ नहीं आ रहा है कि अस्पताल ने महिला की मौत को किन परिस्थितियों में वैक्सीन से जोड़ा है. हमें ऑटोप्सी रिपोर्ट का इंतज़ार है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

तिरुवनंतपुरमः केरल के कोट्टायम जिले के एक अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत विवादों में है. महिला जिस अस्पताल में भर्ती थीं, उस अस्पताल का दावा है कि उनकी मौत कोरोना वैक्सीन के दुष्परिणामों की वजह से हुई है.

स्वास्थ्य विभाग फिलहाल महिला की अंतिम ऑटोप्सी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कोट्टायम की रहने वाली महिमा मैथ्यू (31 वर्ष) ने छह अगस्त को कोविशील्ड की पहली डोज ली थी. टीका लगवाने से पहले मार स्लीवा मेडिसिटी अस्पताल में उनके गर्भवती होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद 11 अगस्त को उन्हें तेज सिर दर्द हुआ. चार दिन बाद उन्हें उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अगले दिन 16 अगस्त को डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया और 20 अगस्त को मौत की पुष्टि कर दी गई.

अस्पताल ने मौत की रिपोर्ट में सेरेब्रल वेनस थ्रॉम्बोसिस और थ्रोम्बोसाइटोपोनिया को मौत का मुख्य कारण बताया है. हालांकि अभी ऑटोप्सी रिपोर्ट नहीं आई है.

हालांकि कोट्टायम के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. जैकब वर्गीस ने बताया, ‘हमें समझ नहीं आ रहा है कि अस्पताल ने महिला की मौत को किन परिस्थितियों में वैक्सीन से जोड़ा है. वैक्सीन डोज लेने के एक हफ्ते बाद महिला को तेज सिर दर्द हुआ था. हम ऑटोप्सी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. इसके अलावा डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ऑडिट करेगी, तभी हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं.’

महिला के पति ने अपनी शिकायत में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रंजीत के से मामले की जांच कराने की मांग की है.

उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 वैक्सीन लगवाने को को हरी झंडी दी थी. अस्पताल ने मुझे बताया कि वैक्सीन के दुष्प्रभावों की वजह से मेरी पत्नी की तबियत खराब हो गई. मैं अस्पताल के इलाज से खुश नहीं हूं.’

इस महीने की शुरुआत में 19 वर्षीया एक एक युवती की इंट्रेसेरेब्रल हेमरेज की वजह से कोच्चि के अस्पताल में मौत हो गई थी. पीड़ित परिवार का आरोप है कि मौत कोरोना वैक्सीन की वजह से हुई थी.

महिला ने 28 जुलाई को कोविशील्ड की पहली डोज ली थी, लेकिन बाद में उसे तेज सिर दर्द हुआ और एक निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां हेमरेज के बाद 12 अगस्त को उनकी मौत हो गई थी.