एक इंटरव्यू में राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कोविड महामारी के दौरान जी-23 के नेता गायब थे और कहा कि जिस पार्टी ने उन्हें इतना कुछ दिया उसे उन्हें बर्बाद नहीं करना चाहिए. पिछले साल अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग करने वाले पार्टी के असंतुष्ट धड़े को जी-23 कहा जाता है.
नई दिल्ली: पिछले साल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी में व्यापक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले जी-23 समूह के कई नेताओं ने सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर उनकी उस टिप्पणी के लिए हमला किया जिसमें उन्होंने कहा था जी-23 नेताओं को पार्टी को बर्बाद नहीं करना चाहिए.
पिछले साल अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग करने वाले पार्टी के असंतुष्ट धड़े को जी-23 कहा जाता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अखबार को दिए एक इंटरव्यू में खड़गे ने कहा था कि कोविड महामारी के दौरान जी-23 के नेता गायब थे और कहा कि जिस पार्टी ने उन्हें इतना कुछ दिया उसे उन्हें बर्बाद नहीं करना चाहिए. खड़गे ने यह टिप्पणी सिब्बल के डिनर के संबंध में सवाल पूछे जाने पर की थी.
सूत्रों ने कहा कि जी-23 के कुछ नेता मामले को सोनिया गांधी के साथ उठा सकते हैं.
जी-23 नेताओं के साथ कुछ अन्य वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के लिए हाल ही में एक डिनर आयोजित करने वाले कपिल सिब्बल ने कहा, ‘राजनीति में कोई भी कदम उठाने और बोलने से पहले सोचना चाहिए.’
सिब्बल ने कहा, ‘जब इस स्तर के नेता कहते हैं कि जिन्हें पार्टी से सब कुछ मिला है, उन्हें पार्टी को बर्बाद करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए, वह भूल जाते हैं कि वह उन लोगों का जिक्र कर रहे हैं, जिन्होंने पार्टी को सब कुछ दिया है, जिनमें से कुछ ने पार्टी के निर्माण में योगदान दिया है, जबकि अन्य ने इसे श्रीमती गांधी के समय में छोड़ दिया था.’
सिब्बल ने आगे कहा, ‘पार्टी को मजबूत करने और भारत की आत्मा को बचाने के राष्ट्रीय संघर्ष में इसे और अधिक प्रभावी बनाने की अपनी निरंतर इच्छा में हम सभी एकजुट हैं. हम रचनात्मक परिवर्तन के एजेंट हैं, न कि बाधक जो किसी बदलाव से नफरत करते हैं.’
राज्यसभा में कांग्रेस के डिप्टी नेता और कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) सदस्य आनंद शर्मा ने कहा, ‘मैं आजीवन कांग्रेस समर्पित व्यक्ति हूं, जो कि कांग्रेस की विचारधारा और उसके मूल्यों में विश्वास करता है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए अत्यधिक सम्मान रखते हुए मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए मैं एक मजबूत और एकजुट कांग्रेस के लिए खड़ा हूं. किसी भी तरह का विवाद हानिकारक होगा.’
लोकसभा सांसद शशि थरूर ने खड़गे की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, ‘सहकर्मियों को एक-दूसरे की सद्भावना का सम्मान करना चाहिए. मैं खड़गे जी का बहुत सम्मान करता हूं और आशा करता हूं कि वे इस बात की सराहना करेंगे कि हम सभी भाजपा के खिलाफ व्यापक राष्ट्रीय संघर्ष में पार्टी को मजबूत करने के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध हैं.’
एक अन्य सांसद और जी-23 नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘मैं मल्लिकार्जुन खड़गे का व्यक्तिगत तौर पर बहुत सम्मान करता हूं, जो कि पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. जहां तक मुझे याद है, सिब्बल के डिनर में किसी भी पार्टी के भीतर के मामलों पर चर्चा नहीं की गई थी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जहां तक कोविड-19 के पहली और दूसरी लहर के दौरान मेरे सहयोग की बात है, काश, खड़गे मुझसे व्यक्तिगत रूप से बात करते और मैं उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र और उसके बाहर किए गए सभी कार्यों के बारे में बताता. विशेष रूप से पार्टी के लोकसभा सदस्यों के प्रतिनिधित्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों में सामान्यीकृत बयानों के निहितार्थ होते हैं और इसलिए ऐसे सामान्यीकरण से बचा जाना चाहिए.’
कोविड के दौरान जी-23 नेताओं के व्यक्तिगत सहयोग के बारे में खड़गे की टिप्पणी पर सिब्बल ने कहा, ‘ऐसा कहा जा सकता है कि जब अज्ञानता आनंद है, तो बुद्धिमान होना मूर्खता है. कोविड समय में हमने जो कुछ किया हो सकता है खड़गे उससे अनजान हों. हम न केवल अपने क्षेत्र के बल्कि उससे बाहर भी लोगों तक पहुंचे और हमारा मानना है कि खड़गे जैसे अन्य लोगों ने भी ऐसा किया होगा. उनकी तरह, इस संबंध में हम उन पर संदेह नहीं करते हैं.’
सिब्बल ने कहा कि समय की मांग एक बड़ी विपक्षी एकता के केंद्र के रूप में पार्टी की एकता है, जो आने वाले सालों में भाजपा से मुकाबला करने का एकमात्र तरीका है.
सिब्बल द्वारा आयोजित डिनर और जी-23 नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों के बारे में पूछने पर राज्यसभा में कांग्रेस नेता खड़गे ने अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘यह कपिल सिब्बल के जन्मदिन के लिए डिनर था और उन्हें जो चर्चा करनी होगी, किया होगा. मैं वहां नहीं था, इसलिए मैं उसके बारे में नहीं बता सकता हूं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन अगर हम उन लोगों के सामने अपनी पार्टी के मुद्दों पर चर्चा करते हैं, जिनसे हम पंजाब में लड़ रहे हैं, तो क्या यह हमारी पार्टी को मजबूत करता है? यह एक निजी कार्यक्रम था. लेकिन जिन लोगों को पार्टी से सब कुछ मिला है, उन्हें पार्टी को बर्बाद करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए.’
मालूम हो कि जी-23 नेताओं द्वारा पिछले साल अगस्त में पत्र लिखे जाने के बाद इस साल जनवरी में पार्टी ने जून में नए अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने की घोषणा तो की थी लेकिन उसके साथ ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि 99 फीसदी पार्टी सदस्य राहुल गांधी को अध्यक्ष बनते देखना चाहते हैं और हाल ही में दिल्ली कांग्रेस ने भी ऐसा ही एक प्रस्ताव पास किया था.