केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सात सांसदों और 98 विधायकों की संपत्ति में अत्यधिक इजाफा हुआ है.
नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बीते सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि देशभर में सात लोकसभा सांसदों और 98 विधायकों की संपत्तियों में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है और इसमें अनियमितताएं पाई गई हैं.
सीबीडीटी ने कहा कि वह मामले की आगे जांच करेगा और इन सांसदों की संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज़ एक सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत के समक्ष रखेगा.
बोर्ड ने यह भी कहा कि इन नेताओं के नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता और अदालत के संज्ञान के लिए नामों की सूची सीलबंद लिफाफे में दी जाएगी.
बोर्ड ने कहा कि उन्होंने एक एनजीओ लोक प्रहरी के आरोपों की जांच की है जिसने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों द्वारा आय के स्रोतों को सार्वजनिक करने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल हलफनामे में सीबीडीटी ने कहा कि एनजीओ द्वारा दी गई सूची के अनुसार इन नेताओं द्वारा दाखिल चुनावी हलफनामों का अध्ययन किया गया है और सात लोकसभा सदस्यों और 98 विधायकों के मामलों में अनियमितताएं पाई गई हैं.
दैनिक जागरण में छपी ख़बर के अनुसार, कोर्ट इस मामले की सुनवाई 12 सितंबर को करेगा. बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ग़ैर सरकारी संगठन लोक प्रहरी के अधूरे हलफनामे पर सवाल उठाया था और उन सांसदों और विधायकों की जानकारी मांगी थी जिनकी आय में अचानक 500 गुना से ज़्यादा इज़ाफा हुआ है. सीबीडीटी के दाख़िल हलफनामे में 26 लोकसभा सदस्यों, 11 राज्यसभा सदस्यों और 257 विधायकों की सूची भेजी थी.
विभाग ने बताया कि ज़्यादातर मामलों, लोकसभा के 26 सदस्यों और राज्यसभा के 11 में से 2 सदस्यों की जांच रिपोर्ट आयकर महानिदेशक से सीबीडीटी को मिल चुकी है. इसके अलावा 215 विधायकों के मामलों की जांच हो चुकी है.
सीबीडीटी ने अपनी रिपोर्ट तीन श्रेणियों में पेश की है. पहली श्रेणी में लोकसभा के सात सदस्य और 98 विधायक आते हैं जिनकी संपत्ति आय से अधिक पाई गई है. दूसरी श्रेणी में लोकसभा के 19, राज्यसभा के दो सदस्य और 117 विधायक आते हैं जिनकी संपत्ति में कोई ख़ामी नहीं मिली है. तीसरी श्रेणी में राजसभा के नौ सदस्य और 42 विधायक आते हैं जिनके बारे में अभी आयकर महानिदेशक की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)