बीते 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक युवती और युवक ने आत्मदाह का प्रयास किया था. आत्मदाह से पहले फेसबुक लाइव में यूपी के ग़ाज़ीपुर की रहने वाली युवती ने आरोप लगाया था कि बसपा सांसद अतुल राय ने 2019 में उनसे बलात्कार किया. इसके बाद सांसद के भाई ने जन्मतिथि संबंधित दस्तावेज़ में धोखाधड़ी के आरोप में युवती के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया. युवक की शनिवार को मौत हो गई थी.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक युवक के साथ कथित तौर पर आत्महत्या का प्रयास करने वाली 24 वर्षीय युवती की मंगलवार को मौत हो गई. इससे पहले शनिवार सुबह युवक की भी मौत हो गई थी.
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) दीपक यादव ने बताया, ‘मंगलवार को इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई.’
पोस्टमार्टम के बाद युवती के शव को उनके परिवार को सौंप दिया गया, जिसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.
सुप्रीम कोर्ट के बाहर 16 अगस्त को आत्मदाह की कोशिश में युवती 85 फीसदी जबकि 27 वर्षीय युवक 65 फीसदी तक झुलस गया था.
दोनों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. युवती ने उत्तर प्रदेश के मऊ के घोसी से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस और न्यायपालिका की उनके (सांसद) साथ सांठगांठ है.
युवती और युवक द्वारा आत्मदाह का प्रयास करने के बाद पुलिस उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 309 (आत्महत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया था.
पुलिस को संदेह था कि युवक ने ही युवती को यह कदम उठाने के लिए राजी किया था. पुलिस ने कहा कि युवती उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की रहने वाली थी और 2019 में बसपा सांसद अतुल राय ने कथित तौर पर युवती के साथ बलात्कार किया था.
इस मामले में सांसद पिछले दो साल से न्यायिक हिरासत में हैं. आत्महत्या का प्रयास करने से पहले युवती ने अपने सहयोगी के साथ एक फेसबुक लाइव वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने अपनी पहचान का खुलासा कर दावा किया था कि उन्होंने 2019 में राय के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था.
युवती ने आरोप लगाया था कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आरोपी का समर्थन कर रहे हैं.
इससे पहले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि दोनों ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि एक अदालत ने बलात्कार के मामले में कथित तौर पर उम्र का गलत सबूत जमा कराने पर जालसाजी के मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
युवती ने अपने फेसबुक वीडियो में वारंट का भी जिक्र करते हुए कहा था, ‘पुलिस ने मेरे खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. जज ने मुझे तलब किया. ये सभी सांठगांठ का हिस्सा है. मुझे और मेरे गवाह को फंसाया गया.’
युवक ने खुद पर पेट्रोल छिड़कने और आत्मदाह करने से पहले कहा था, ‘अब उत्तर प्रदेश पुलिस हमारे खिलाफ झूठे मामले और गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है. यह उत्तर प्रदेश की न्यायिक प्रणाली है.’
पुलिस के मुताबिक, युवती ने मार्च में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बलात्कार के अपने मामले को निष्पक्ष सुनवाई के लिए इलाहाबाद से दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि उनकी जान को खतरा है.
अगस्त में वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने सांसद राय के भाई द्वारा दायर शिकायत के आधार पर युवती के खिलाफ जालसाजी मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया था.
बता दें कि पिछले साल नवंबर में जब सांसद अतुल राय के भाई ने युवती के खिलाफ जालसाजी की शिकायत दर्ज कराई थी, तब उन्होंने दावा किया था कि राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते समय उन्होंने (युवती) जो मार्कशीट पेश की थी, उनमें उनकी जन्मतिथि 10 जून है.
उन्होंने 2015 की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय युवती ने एक छात्र नेता पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था और उस समय उन्होंने (युवती) शिकायत दर्ज कराते समय जो दस्तावेज पेश किए थे, उनमें उनकी जन्मतिथि 10 मार्च थी.
पुलिस का कहना है कि युवती और युवक द्वारा आत्मदाह की कोशिश के बाद युवती के खिलाफ जालसाजी मामले की जांच कर रहे वाराणसी कैंट के एसएचओ राकेश सिंह और जांचकर्ता अधिकारी गिरिजा शंकर सहित वाराणसी पुलिस के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई.
उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी (युवती और युवक) मौत हो गई. हम जांच कर रहे है और हमने पिछले हफ्ते ही दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. डीजी स्तर की समिति और दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट जल्द ही सौंपी जाएगी. इसके बाद हम मामले में आगे की कार्रवाई करेंगे.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, युवती के परिजनों ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि वह दिल्ली क्यों गई थी. उन्होंने कहा कि उसे प्रताड़ित किया गया था और उसे लगा कि उसे न्याय नहीं मिल रहा है.
युवती के पिता ने कहा, ‘उसने हमें कभी भी केस के बारे में कुछ नहीं बताया. हम उसकी मदद करना चाहते थे लेकिन उसने कहा कि वह संभाल लेगी. सांसद और उसके सहयोगी उसे 2019 से ही प्रताड़ित कर रहे थे. वे चाहते थे कि हम केस वापस ले लें लेकिन हमने ऐसा नहीं किया. उनके पास कुछ वीडियो थे और वे हमें धमकी दे रहे थे लेकिन मेरी बेटी ने कहा कि हम लड़ेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘मेरी बेटी कभी नहीं भागी. मुझे नहीं पता कि उन्होंने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट क्यों जारी किया. वह परेशान और हताश थी. मैं चाहता हूं कि सरकार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. मेरी बेटी को प्रताड़ित किया गया था. काश हम और भी जान पाते.’
युवती के भाई ने भी कहा कि पुलिस की मंशा मामले की जांच करने से ज्यादा उसे प्रताड़ित करने की थी. वह घर पर थी लेकिन पुलिस कभी जांच-पड़ताल करने नहीं आई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)