केरल में फिलहाल देश में कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक नए मामलों के क़रीब 70 प्रतिशत मामले दर्ज किए जा रहे हैं. बुधवार को राज्य में संक्रमण के 31,445 नए मामले दर्ज किए गए, जो इस अवधि में देश में सामने आए 46,164 मामलों का 68.11 प्रतिशत है.
तिरुवनंतपुरम: केरल में बुधवार को तीन महीने के अंतराल के बाद एक दिन में कोरोना वायरस के 30,000 से ज्यादा मामले सामने आए, वहीं जांच के मामलों में संक्रमण दर बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई .
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में बुधवार को संक्रमण के 31,445 नए मामले सामने आए और कुल संक्रमितों की संख्या 38,83,429 हो गई , वहीं 215 और संक्रमितों की मृत्यु के साथ राज्य में संक्रमण से मृतक संख्या 19,972 पहुंच गई .
पिछली बार केरल में 20 मई को एक दिन में संक्रमण के मामले 30,000 के पार चले गए थे और उस दिन 30,491 नए कोविड-19 रोगियों का पता चला था.
दक्षिणी राज्य में नए मामलों और जांच में संक्रमण की पुष्टि की दर (टीपीआर) में वृद्धि हुई है. केरल में फिलहाल देश में संक्रमण के दैनिक नए मामलों के करीब 70 प्रतिशत मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 31,445 नए मामले दर्ज किए गए, जो इस अवधि में देश में सामने आए 46,164 मामलों का 68.11 प्रतिशत है.
इससे पहले टीपीआर बुधवार को 19.03 प्रतिशत थी. पिछली बार इसने 19 प्रतिशत का आंकड़ा तीन महीने पहले 26 मई को पार किया था जब यह दर 19.95 प्रतिशत दर्ज की गई थी.
राज्य सरकार ने संक्रमण को और बढ़ने से रोकने के लिए सघन स्क्रीनिंग कार्यक्रम की घोषणा की है.
स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि ओणम त्योहार के बाद राज्य में जांच के मामलों में संक्रमण दर (टीपीआर) 20 प्रतिशत से अधिक हो सकती है तथा संक्रमण के मामले भी बढ़ेंगे.
केरल में बकरीद त्योहार के बाद 27 जुलाई से रोजाना संक्रमण के लगभग 20,000 नए मामले आ रहे हैं. बकरीद के दौरान सरकार ने कुछ दिन के लिए कोविड संबंधी पाबंदियों में ढील दी थी.
राज्य में बढ़ते कोविड मामलों के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि संक्रमण के मामलों में बढ़त के बीच महामारी के प्रसार को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग जल्द से जल्द जांच के लिए योजना शुरू कर रहा है, जहां कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों में जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा.
उन्होंने यह भी लिखा कि बीमारी का पता जल्दी चल जाये तो आप खुद को और अपने परिवार को समान रूप से बचा सकते हैं. सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त कोविड टेस्टिंग कराने की सुविधा है.
गुरुवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 3,25,58,530 हो गई है और संक्रमण से 4,36,365 लोग जान गंवा चुके हैं.
बीते चौबीस घंटे में संक्रमण के 46,164 नए मामले आए और 607 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 216 और केरल के 215 लोग थे.
विपक्ष ने साधा निशाना
इस बीच केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री वी. मुरलीधरन ने गुरुवार को कहा कि केरल सरकार की ‘लापरवाही’ राज्य में कोविड-19 के मामलों और संक्रमण दर में वृद्धि की वजह है.
दिल्ली में संवाददाताओं से मंत्री ने कहा कि संक्रमण के नए मामलों में वृद्धि, बढ़ती जांच संक्रमण दर (टीपीआर) और मृतकों की संख्या यह दिखाती है कि राज्य महामारी के बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार की लापरवाही इसकी वजह है.’’ उन्होंने कहा कि वाम सरकार का ध्यान मोपला दंगों की वर्षगांठ मनाने पर केंद्रित है. यह प्राथमिकता नहीं है. कोविड-19 से निपटना प्राथमिकता होनी चाहिए.’
कांग्रेस विधायक रमेश चेन्नीथला ने भी सरकार को कोरोना संक्रमण रोकने में नाकाम बताया है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में महामारी को फैलने से रोकने में नाकाम रही है और उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से लोगों से माफी मांगने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि केरल में कोविड-19 के मामले बढ़ने के पीछे राज्य की लापरवाही वजह है.
प्रख्यात जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एसएस लाल ने स्पष्ट कोविड प्रबंधन रणनीति की कमी, वैज्ञानिक समुदाय को निर्णायक फैसलों से दूर रखने और नौकरशाही के स्तर पर लिए गए ‘बेवकूफी भरे’ फैसलों को बीमारी के मौजूदा तेज प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराया.
लाल कांग्रेस के टिकट पर हालिया विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे थे लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी. लाल ने सरकार से राज्य में व्याप्त वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए वायरस के संक्रमण से संबंधित आंकड़े जारी करने का भी आग्रह किया.
इसी तरह का आरोप राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने बुधवार को लगाया था और कहा था कि राज्य में कोविड नियंत्रण प्रणाली विफल हो गई है तथा वह चाहते हैं कि सरकार रोग प्रबंधन के लिए अपनी मौजूदा रणनीतियों एवं कार्यप्रणाली में सुधार करे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)