बीते 24 अगस्त को मैसूर शहर के बाहरी इलाके में एक एमबीए छात्रा के साथ कथित रूप से लगभग छह लोगों ने बलात्कार किया और उनके पुरुष मित्र पर भी हमला किया था. मामले का एक आरोपी अब भी फ़रार है. पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिया गया एक आरोपी 17 साल का है, जिसकी जांच की जानी है. घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनज़र मैसूर विश्वविद्यालय ने शाम 6:30 बजे के बाद छात्राओं की आवाजाही पर रोक लगा दी है.
नई दिल्ली: कर्नाटक के मैसूर शहर में 23 वर्षीय एमबीए छात्रा के सामूहिक बलात्कार के आरोप में पुलिस ने तमिलनाडु से पांच लोगों को गिरफ्तार नहीं किया है, इसमें एक नाबालिग भी शामिल है. मामले में एक आरोपी अभी फरार है.
इसी बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस. बोम्मई ने शुक्रवार को कहा था कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रवीण सूद सामूहिक बलात्कार के मामले की जांच की निगरानी करेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, डीजीपी प्रवीण सूद ने शनिवार को बताया कि आरोपी तिरुपपुर से हैं और काम के सिलसिले में अक्सर मैसूर आते रहते थे. वे मजदूर हैं. इनमें से कुछ ड्राइवर, बढ़ई, पेंटर है और अन्य ऐसे ही छोटे-मोटे काम करते थे.
बीते 24 अगस्त को 23 वर्षीय एमबीए छात्रा अपने एक दोस्त के साथ मैसूर के बाहरी इलाके ललिताद्रिपुरा के टिप्पय्यानाकेरे क्षेत्र में थी, जब रात लगभग आठ बजे कथित तौर पर आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था.
आरोपियों ने लड़की के पुरुष मित्र पर भी हमला किया. वे दोनों चामुंडी हिल की ओर से आ रहे थे. पीड़िता और उनके मित्र का एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है.
सूद ने कहा, ‘पीड़िता का बयान लेना अभी बाकी है, क्योंकि वह अभी तक सदमे से बाहर नहीं आ पाई है. इसके अलावा हमें उसके पुरुष मित्र से कुछ जानकारी मिली है, लेकिन वह अधूरी है और इससे जांच में ज्यादा मदद नहीं मिली.’
रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता कर्नाटक से नहीं हैं. बीते शुक्रवार को उन्होंने मैसूर छोड़ दिया. डॉक्टरों के सुझावों की अवहेलना करते हुए उनके माता-पिता ने उन्हें अपने गृह राज्य ले जाने का विकल्प चुना और शुक्रवार दोपहर को मैसूर से चले गए. वह यात्रा करने की अच्छी स्थिति में नहीं थीं, लेकिन अभिभावकों ने उन्हें ले जाने का फैसला किया.
Five arrested in connection with the incident. As per reports they're from Tamil Nadu. As per preliminary probe, one of the accused is juvenile (subject to confirmation), it'll be known from further probe. One accused is absconding: Praveen Sood, Karnataka DGP on Mysuru gang rape
— ANI (@ANI) August 28, 2021
सूद ने कहा कि हिरासत में लिया गया किशोर 17 साल का है, जिसकी जांच की जानी है. सूद ने 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के बाद किशोर अभियुक्तों की परिभाषा में बदलाव का हवाला देते हुए कहा, लेकिन गंभीर प्रकृति के मामलों में 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोरों पर भी नियमित अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा.
सूद ने कहा कि आरोपियों ने पीड़ितों से तीन लाख रुपये लूटने की भी कोशिश की थी.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरोह के सदस्यों ने कथित तौर पर एक वीडियो भी बनाया और तीन लाख रुपये न देने पर इसे सार्वजनिक करने की धमकी दी. जब लड़की और उसके दोस्त ने रकम देने में असमर्थता जतायी तो उन लोगों ने उनके साथ मारपीट की और युवती से सामूहिक बलात्कार किया.
उन्होंने कहा कि हम मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करेंगे. हमें भी उम्मीद है कि पीड़िता का बयान जल्द से जल्द मिल जाएगा. फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी एफएसएल के कर्मचारी अतिरिक्त जानकारी जमा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या यह पूर्व नियोजित हमला था, सूद ने कहा कि जांच चल रही है और जल्द ही इस बारे में खुलासा किया जाएगा.
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार) और 397 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले मुख्यमंत्री बसवराज एस. बोम्मई ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘डीजीपी मैसूर जा रहे हैं. मैंने उन्हें जांच की निगरानी करने और मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच दल गठित कर दिए गए हैं और तेजी से जांच हो रही है. बोम्मई ने कहा कि उन्होंने पुलिस को उनके पास सीधे जांच रिपोर्ट भेजने को कहा है.
इस बीच, गृहमंत्री अर्गा ज्ञानेंद्र ने मीडिया से कहा कि वह इस मुद्दे पर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और प्रगति रिपोर्ट लेंगे.
उन्होंने कहा कि जांच जारी है और छानबीन में जुटे दल की संख्या बढ़ा दी गई है. गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं आश्वस्त हूं वे मामले को सुलझा लेंगे.’
कुमारस्वामी ने कहा, हैदराबाद में पुलिस ने जो कार्रवाई की थी, उसका अनुसरण करें
जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि मैसूर के पास कॉलेज छात्रा से बलात्कार के कथित दोषियों के साथ वैसे ही निपटना चाहिए जैसा कि करीब दो साल पहले पुलिस ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में ऐसे ही एक मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की थी और उन्हें मार गिराया था.
कुमारस्वामी ने चन्नपटना में संवाददाताओं से कहा, ‘मैं बलात्कार की एक घटना से निपटने को लेकर हैदराबाद पुलिस की सराहना करता हूं. आखिरकार उन्होंने क्या किया? जब तक सख्त कार्रवाई नहीं जाएगी, चीजें नहीं सुधरेंगी.’
पूर्व मुख्यमंत्री वर्ष 2019 में तेलंगाना की राजधानी के शमशाबाद इलाके में अपराध करने के बाद एक पशु चिकित्सक को बलात्कार के बाद जिंदा जलाने वाले आरोपियों को हैदराबाद पुलिस द्वारा गोली मारने के तरीके का जिक्र कर रहे थे. उस समय पुलिस चारों आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी और कथित तौर पर जब उन्होंने भागने का प्रयास किया तो तेलंगाना पुलिस ने उन्हें गोली मार दी थी.
जेडीएस नेता ने वर्तमान तंत्र को अपराधियों का मनोबल बढ़ाने वाला करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘हमारे वर्तमान तंत्र में आरोपियों को जेल भेजा जाता है और वे कुछ दिन बाद जमानत पर बाहर आ जाते हैं. इस तरह की धारणा बन गई है कि कुछ नहीं होगा.’
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘पुलिस गंभीरता से मामले की जांच कर रही है. मुझे पूरा भरोसा है कि अपराधी पकड़े जाएंगे और उन्हें सजा मिलेगी.’
घटना को लेकर उपजे गुस्से के बीच राज्य के मंत्री आनंद सिंह ने कहा, ‘अपराधियों का सब कुछ काट देना चाहिए. इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए.’
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बेलगावी ग्रामीण सीट से कांग्रेस विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की, क्योंकि उन्होंने न केवल इस घृणित अपराध को अंजाम दिया, बल्कि इसका वीडियो भी बनाया और पीड़िता से पैसे वसूलने की कोशिश की.
मैसूर विश्वविद्यालय ने शाम साढ़े छह बजे के बाद छात्राओं की आवाजाही पर रोक लगाई
इस घटना के बाद मैसूर विश्वविद्यालय ने छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनजर 27 अगस्त से शाम 6:30 बजे के बाद परिसर में छात्राओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, पुरुष छात्रों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.
द न्यूज मिनट के मुताबिक, रजिस्ट्रार द्वारा जारी आदेश के अनुसार परिसर में छात्राओं का कुक्कराहल्ली झील परिसर में भी शाम 6:30 बजे के बाद जाने पर रोक लगा दी गई है.
सर्कुलर में कहा गया, ‘सुरक्षा अधिकारी शाम छह बजे से रात नौ बजे तक झील क्षेत्र में गश्त की व्यवस्था करें.’
सर्कुलर में आगे कहा, ‘मनसा गंगोत्री परिसर में छात्राओं का शाम 6.30 बजे के बाद अकेले बैठना प्रतिबंधित है. प्रतिदिन शाम छह से नौ बजे के बीच गश्त के लिए सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा.’
In the wake o tragic incident in Mysore, I informed VCs to withdraw the order as soon as circular issued by University of Mysore forbidding student movement at university campus after 6.30 pm. Accordingly, it was withdrawn: Karnataka Min for Higher Education, Dr CN Ashwathnarayan pic.twitter.com/asFsEmWaCI
— ANI (@ANI) August 28, 2021
इस आदेश के बारे में कुलपति ने बताया, ‘पुलिस विभाग द्वारा परिसर में छात्राओं की सुरक्षा पर चिंता जताने के बाद यह आदेश जारी किया गया है, जहां परिसर में एकांत स्थान है. छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनजर गाइडलाइन जारी की गई है.’
कुमार ने कहा कि आदेश का उद्देश्य परिसर में एकांत स्थानों पर छात्राओं की आवाजाही को रोकना था. उन्होंने कहा कि कुक्कराहल्ली झील परिसर में घनी वनस्पति है, जो एक जंगल जैसा दिखता है. इसलिए उन्होंने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए देर शाम के बाद छात्राओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया.
उन्होंने कहा, ‘कैंपस में हम छात्राओं को बताना चाहते थे कि अकेले जाने के बजाय उन्हें अपने दोस्त के साथ जाना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)