एक बलात्कार पीड़िता और उसके सहयोगी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज करने के बाद भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस ने बीते 27 अगस्त को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के ख़िलाफ़ सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिस के साथ मारपीट करने के आरोप में गोमतीनगर पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है.
लखनऊ: एक बलात्कार पीड़िता और उसके सहयोगी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बीते 27 अगस्त को गिरफ्तार किए गए भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में शनिवार को लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मामला दर्ज किया गया.
अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज किया गया है, जबकि दूसरी एफआईआर गोमतीनगर थाने में दर्ज की गई है.
पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिस के साथ मारपीट करने का मामला गोमतीनगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया है.
पुलिस का आरोप है कि शुक्रवार को जब पुलिसकर्मी ठाकुर को गिरफ्तार करने गए थे तो उन्होंने और उनकी पत्नी ने उनके काम में बाधा डाली थी और कथित तौर पर मारपीट की थी.
अमिताभ ठाकुर पहले से ही जेल में बंद हैं. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली पुलिस ने एक बलात्कार पीड़िता और उसके सहयोगी को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत कई गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
हजरतगंज कोतवाली पुलिस के अनुसार अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर उनका डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था.
हजरतगंज पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को उनके गोमतीनगर स्थित आवास से गिरफ्तार किया. लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने शुक्रवार बताया था कि एक बलात्कार पीड़िता और मामले के गवाह की मौत के बाद दर्ज कराए गए मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी की गिरफ्तारी की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में ठाकुर अपनी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए पुलिस वाहन की छत पर चढ़ने का प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने एफआईआर की एक प्रति की मांग की और पुलिस के निर्देशों का पालन करने से इनकार कर दिया. एक वाहन में ले जाने से पहले उन्हें यह दावा करते हुए सुना जाता है कि पुलिस अवैध रूप से काम कर रही है.
बलात्कार पीड़िता और उसके सहयोगी को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए अमिताभ ठाकुर के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बाद यह दूसरी प्राथमिकी सब इंस्पेक्टर धनंजय सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश की बलिया जिले की एक युवती ने साल 2019 में मऊ जिले के घोसी लोकसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाया था. सांसद इस आरोप में जेल में बंद हैं.
पुलिस का दावा है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर अमिताभ बसपा सांसद अतुल राय के समर्थक हैं.
बीते 16 अगस्त को पीड़ित युवती और उसके मित्र सत्यम राय ने सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया था और इलाज के दौरान 21 अगस्त को सत्यम राय की तथा 24 अगस्त को पीड़ित लड़की की मौत हो गई थी.
आत्मदाह से पहले युवती ने सहयोगी के साथ फेसबुक लाइव पर एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने अपनी पहचान बताई और आरोप लगाया कि उसने 2019 में राय के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था. युवती ने आरोप लगाया था कि पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और अन्य लोग आरोपी का साथ दे रहे हैं.
फेसबुक लाइव के दौरान पीड़िता ने वाराणसी के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक, कोतवाल राकेश सिंह, विवेचक गिरिजा शंकर सहित कई अधिकारियों पर आरोप लगाया था.
फेसबुक लाइव में युवती ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की स्थानीय अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है और न्यायाधीश ने उन्हें समन भी जारी किया है.
युवती ने अपनी जान को खतरा बताते हुए मार्च में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर बलात्कार मामले की सुनवाई इलाहाबाद से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था.
इस बीच सांसद के भाई ने पिछले साल नवंबर में वाराणसी में युवती के खिलाफ कथित तौर पर उसकी जन्मतिथि के बारे में जाली दस्तावेज बनाने की शिकायत दर्ज कराई थी. इसे लेकर युवती के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. जब पुलिस ने अदालत को बताया कि कई छापों के बावजूद वह लापता हैं तो बीते 2 अगस्त को वाराणसी की एक अदालत ने युवती के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था.
पुलिस का दावा है कि आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित तहरीर में कहा गया है कि सांसद अतुल राय व अमिताभ ठाकुर द्वारा युवती की छवि खराब करने के लिए अत्यंत गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि अमिताभ ठाकुर उसके गवाह का नाम किसी अपराधी के साथ जोड़कर दिखा रहे और ऑडियो वायरल कर रहे हैं, जिससे व्यथित होकर मेरे गवाह (सत्यम राय) आत्मदाह करने की बात कह रहे थे.
पुलिस के अनुसार, तहरीर में यह भी उल्लेख है कि सांसद अतुल राय एक बाहुबली हैं और ऐसे में अमिताभ ठाकुर जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा उसकी मदद करना हमें भविष्य में आत्महत्या के लिए मजबूर कर सकता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)