भारत का यह वर्तमान खेलों में निशानेबाज़ी में दूसरा पदक है. बीते सोमवार को अवनि लेखरा ने आर-2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच-1 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. अडाना के इस पदक से भारत की टोक्यो पैरालंपिक में पदकों की संख्या आठ पहुंच गई है.
टोक्यो/नई दिल्ली: बीते सोमवार को निशानेबाजी की एक स्पर्धा में अवनि लेखरा के स्वर्ण जीतने के बाद भारतीय निशानेबाज सिंहराज अडाना ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में मंगलवार को पी-1 पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच-1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता.
पहली बार पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाले अडाना ने कुल 216.8 अंक बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया. उन्होंने छठे स्थान पर रहकर आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाई थी.
हालांकि क्वालीफिकेशन में 575 अंक के साथ शीर्ष पर रहने वाले मनीष नरवाल फाइनल में सातवां स्थान ही हासिल कर पाए.
असाका शूटिंग रेंज पर 39 वर्षीय अडाना शीर्ष तीन में जगह बनाने के लिए शुरू से ही संघर्षरत थे. उनका 19वां शॉट सही नहीं लगा, जिससे वह पिछड़ गए थे, लेकिन उनका 20वां प्रयास अच्छा रहा, जबकि इसमें चीन के झियालोंग लोउ 8.6 अंक ही बना पाए.
And another one!!✨🎉 With @AdhanaSinghraj's #Bronze Medal 🥉in P1 – Men's 10m Air Pistol SH1, India's #Tokyo2020 #Paralympics medal tally now stands at 8️⃣, double of what we had achieved in #Rio2016, and we still have more to come!🇮🇳🔥 #Praise4Para #shootingparasport pic.twitter.com/01dFUKUKpW
— Paralympic India 🇮🇳 (@ParalympicIndia) August 31, 2021
चीन ने हालांकि फाइनल में दबदबा बनाए रखा. मौजूदा चैंपियन चाओ यांग (237.9 पैरालंपिक रिकार्ड) ने स्वर्ण और हुआंग झिंग (237.5) ने रजत पदक जीता.
एसएच-1 वर्ग में निशानेबाज एक हाथ से ही पिस्टल थामते हैं. उनके एक हाथ या पांव में विकार होता है. इसमें निशानेबाज नियमों के अनुसार बैठकर या खड़े होकर निशाना लगाते हैं.
भारत का यह वर्तमान खेलों में निशानेबाजी में दूसरा पदक है. सोमवार को अवनि लेखरा ने आर-2 महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच-1 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. अडाना के इस पदक से भारत की टोक्यो पैरालंपिक में पदकों की संख्या आठ पहुंच गई है.
अवनि की जीत से भारत को निशानेबाजी में पहला पदक मिला था. टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है और अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं.
बीते सोमवार को भारत ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में दो पदक अपने नाम किए थे. निशानेबाजी में अवनि के बाद पहली बार पैरालंपिक खेल रहे सुमित अंतिल ने भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया था.
इसके अलावा बीते सोमवार को स्टार पैरा एथलीट और दो बार के स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया पैरालंपिक खेलों की भाला फेंक स्पर्धा में अपना तीसरा पदक रजत पदक के रूप में जीता, जबकि चक्का फेंक के एथलीट योगेश कथूनिया ने भी दूसरा स्थान हासिल किया, जिससे भारत ने इन खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
इतना ही नहीं सुंदर सिंह गुर्जर ने भी कांस्य पदक जीता. वह पुरुषों के भाला फेंक के एफ-46 स्पर्धा में झाझरिया के बाद तीसरे स्थान पर रहे. रविवार (29 अगस्त) को टेबल टेनिस में भाविना पटेल और ऊंची कूद स्पर्धा में निषाद कुमार ने रजत पदक भारत के नाम किया था. भाविना के पदक के साथ भारत का टोक्यो पैरालंपिक में खाता खुला था.
पैरालंपिक में सफल होने के लिए घर में रेंज बना दिया था सिंहराज अडाना ने
सिंहराज अडाना कोविड-19 के कारण टोक्यो पैरालंपिक की तैयारी के लिए निशानेबाजी रेंज पर नहीं जा पाए, लेकिन यह भारतीय निशानेबाज निराश नहीं हुआ और उन्होंने केवल एक रात में खाका तैयार करके अपने घर पर ही रेंज का निर्माण कर दिया.
सिंहराज ने असाका शूटिंग रेंज पर मंगलवार को पी-1 पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच-1 में कांस्य पदक जीता. यह इस 39 वर्षीय खिलाड़ी का निशानेबाजी से जुड़ने के बाद चार साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
लेकिन इस बीच वह दौर भी आया, जब निशानेबाजी के उनके सपने को पूरा करने के लिए उनकी पत्नी को अपने गहने बेचने पड़े थे. वह जानते थे कि यह बहुत बड़ा जुआ है और उनकी मां का भी ऐसा ही मानना था.
पोलियो से ग्रस्त यह निशानेबाज लॉकडाउन के दौरान अभ्यास शुरू करने को लेकर बेताब था. इससे उनकी रातों की नींद भी गायब हो गई थी.
सिंहराज ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं जब अभ्यास नहीं कर पा रहा था तो मैं सोचने लगा था कि पदक जीतने का मेरा सपना खत्म हो चुका है. तब मेरे कोचों ने मुझे घर में रेंज तैयार करने की सलाह दी.’
उन्होंने कहा, ‘मैं बेताब हो रहा था और अभ्यास नहीं कर पाने के कारण मेरी नींद उड़ गई थी. इसलिए मैंने रेंज तैयार करने के लिए अपने परिवारवालों से बात की तो वे सकते में आ गए, क्योंकि इसमें लाखों रुपये का खर्च आना था.’
सिंहराज ने कहा, ‘मेरी मां ने मुझसे केवल इतना कहा कि इतना सुनिश्चित कर लो कि यदि कुछ गड़बड़ होती है तो हमें दो जून की रोटी मिलती रहे. लेकिन मेरे परिवार और प्रशिक्षकों के समर्थन, भारतीय पैरालंपिक समिति और एनआरएआई (भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ) से मंजूरी और मदद के कारण हम अपने मिशन में कामयाब रहे और जल्द ही रेंज बनकर तैयार हो गया.’
उन्होंने इस रेंज का खाका स्वयं तैयार किया था.
सिंहराज ने कहा, ‘मैंने एक रात में खाका तैयार किया और मेरे प्रशिक्षकों ने मुझसे कहा कि यदि हम रेंज तैयार कर रहे हैं तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए, क्योंकि इससे मुझे न सिर्फ टोक्यो बल्कि पेरिस खेलों में भी मदद मिलेगी.’
सिंहराज का इस खेल से पहला परिचय उनके भतीजे ने कराया था, जिनके साथ वह पहली बार निशानेबाजी रेंज पर गए थे.
उन्होंने कहा, ‘मेरा भतीजा गौरव अडाना निशानेबाज है. जब वे अभ्यास कर रहे थे तो मैं मुस्करा रहा था तो कोच ने मुझसे इसका कारण पूछा. उस दिन मैंने निशानेबाजी में अपना हाथ आजमाया तथा पांच में से चार सही निशाने लगाए. इनमें परफेक्ट 10 भी शामिल था.’
उन्होंने कहा, ‘कोच भी हैरान था और उन्होंने मुझसे इस खेल पर ध्यान देने के लिए कहा. उन्होंने तब मुझसे कहा था कि मैं देश का नाम रोशन कर सकता हूं और ऐसा मैं शुरू से चाहता था. मैं इससे पहले सामाजिक सेवा के कार्यों से भी जुड़ा रहा था.’
पदक तक पहुंचने की राह में अपने संघर्षों के बारे में बात करते हुए सिंहराज भावुक हो गए और इस बारे में अपनी भावनाओं को बहुत अधिक व्यक्त नहीं कर पाए.
उन्होंने कहा, ‘मैं इस पर बाद में बात करूंगा. पैरा खिलाड़ियों की जिंदगी बहुत मुश्किल होती है. मेरे दोनों पांवों में पोलियो है और मैं बैसाखी के सहारे चलता था, लेकिन मेरी मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने मुझे बिना सहारे के पांवों पर खड़ा होने के लिए प्रेरित किया.’
क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहने वाले मनीष नरवाल फाइनल्स में जल्द ही बाहर हो गए जिससे सिंहराज भी निराश थे.
क्वालीफिकेशन और फाइनल के बीच ध्यान लगाने वाले सिंहराज ने कहा, ‘जब मनीष नरवाल बाहर हुआ तो मैं दुखी था, लेकिन मुझे जल्द ही एहसास हो गया कि मुझे अपना मुकाबला जारी रखना है.’
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए निशानेबाज सिंहराज अडाना को बधाई देते हुए कहा कि देश को उन पर गर्व है.
कोविंद ने ट्वीट किया, ‘सिंहराज अडाना का पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतना उत्कृष्टता हासिल करने के उनके सफर में दृढ़निश्चय का शीर्ष बिंदू है. इस शानदार उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई. देश को आप पर गर्व है. आगामी वर्षों में आप और अधिक गौरव हासिल करें.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले निशानेबाज सिंहराज अडाना की प्रशंसा करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर काफी सफलताएं हासिल की.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘सिंहराज अडाना का अद्वितीय प्रदर्शन. भारत के प्रतिभाशाली निशानेबाज ने प्रतिष्ठित कांस्य पदक जीता. उन्होंने कड़ी मेहनत करके उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं. उन्हें बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनाएं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)