संघ प्रमुख ने कहा, उनका संगठन ट्रोलिंग और इंटरनेट पर आक्रामक आचरण का समर्थन नहीं करता क्योंकि यह गरिमा के अनुकूल नहीं होते हैं.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज मंगलवार को कहा कि उनका संगठन ट्रोलिंग और इंटरनेट पर आक्रामक आचरण का समर्थन नहीं करता क्योंकि यह गरिमा के अनुकूल नहीं होते हैं. हाल ही में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद ट्विटर पर उनके लिए अपशब्दों का प्रयोग किया गया. यह अपशब्द लिखने वाले कुछ ट्विटर हैंडल ऐसे हैं जिनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 50 से भी अधिक देशों के राजनयिकों से मुलाकात की और उनके साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की. समारोह में मौजूद प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश के ट्वीट के अनुसार, भागवत ने कहा कि ट्रोलिंग गरिमा के अनुकूल नहीं होते. हम ऐसे आक्रामक व्यवहार का समर्थन नहीं करते. हम ट्रोलिंग और नेट पर आक्रामक आचरण का समर्थन नहीं करते.
भावगत ने समारोह के दौरान सवालों के जवाब भी दिए. एक अन्य ट्वीट में प्रकाश ने सरसंघचालक को उद्धृत किया. इसमें कहा गया है कि संघ परिवार भेदभाव में विश्वास नहीं करता. बिना भेदभाव के देश की एकजुटता, दुनिया की एकजुटता हमारा लक्ष्य है.
उन्होंने कहा कि आरएसएस स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में 170 सेवा परियोजनाएं चला रहा है. भाजपा के साथ अपने संबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में भाजपा महासचिव राम माधव ने आरएसएस प्रमुख के बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि न तो संघ बीजेपी को चलाता है और न बीजेपी संघ को. दोनों एक-दूसरे से सलाह मशविरा करते हैं. इस समारोह का आयोजन इंडिया फाउंडेशन ने किया था जिसके निदेशक राम माधव और प्रकाश हैं.
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार, सागरिका घोष, राजदीप सरदेसाई, नेहा दीक्षित समेत तमाम पत्रकारों का आरोप है कि उन्हें सरकार की आलोचना करने के लिए ट्विर पर ट्रोल किया जाता है और उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. भाजपा के कई नेताओं पर बार बार सोशल मीडिया में फेक न्यूज प्रसारित करने या ट्रोलिंग में शामिल होने का आरोप लगता रहा है, जिसमें भाजपा की आईटी सेल के मुखिया भी शामिल हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)