श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश के तहत आपातकाल नियम-क़ानूनों को लागू किया है, जिसके ज़रिये सरकारी अधिकारियों को कारोबारियों द्वारा जमा कर रखे गए खाद्य भंडारों को ज़ब्त करने और आवश्यक खाद्य सामानों की जमाखोरी करने वालों को गिरफ़्तार करने की मंज़ूरी दी है.
नई दिल्लीः खाद्यान्न संकट का सामने कर रहे श्रीलंका ने मंगलवार को आपातकाल की घोषणा की. श्रीलंका के निजी बैंकों के पास वित्तीय आयात के लिए विदेशी मुद्रा खत्म हो गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, गोटाबाया राजपक्षे ने सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश के तहत आपातकाल नियम-कानूनों को लागू किया है, जिसके जरिये सरकारी अधिकारियों को कारोबारियों द्वारा जमा कर रखे गए खाद्य भंडारों को जब्त करने और आवश्यक खाद्य सामानों की जमाखोरी करने वालों को गिरफ्तार करने की मंजूरी दी है.
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं कि धान, चावल और चीनी सहित जरूरी सामान सरकार द्वारा तय कीमतों पर बेचे जाए.
इस संबंध में राष्ट्रपति ने एक मेजर जनरल को भी नियुक्त किया है, जो खाद्यान्नों के वितरण की निगरानी करेगा.
देश में कोरोना के बढ़ते मामले और सोमवार तक लगे 16 दिन के कर्फ्यू के बीच देश के विभिन्न हिस्सों से दूध पाउडर, चीनी और कुकिंग तेल खरीदने के लिए लंबी कतारें देखी जा सकती हैं.
ऊर्जा मंत्री उदय गम्मनपिला ने नागरिकों से किफायती ढंग से ईंधन का उपयोग करने की अपील की है ताकि दवाइयों और वैक्सीन जैसी जरूरी चीजें खरीदने के लिए विदेशी मुद्रा का उपयोग किया जा सके.
चरमराती अर्थव्यवस्था
श्रीलंका का विदेश मुद्रा भंडार जुलाई 2021 के अंत तक गिरकर 2.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया जबकि नवंबर 2019 में मौजूदा सरकार के पदभार संभालने के समय यह 7.5 अरब डॉलर था.
एसोसिएटिड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कई सालों से बढ़ रहे व्यापार घाटे की वजह से देश का वित्तीय संकट गहरा रहा है इसलिए पिछले साल श्रीलंका ने बाकी बचे विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने के लिए टूथब्रश हैंडल्स, वेनेशियन ब्लाइंड, स्ट्रॉबेरी, विनेगर, वेट वाइप्स, चीनी और मसाले-हल्दी सहित विदेशी निर्मित कई सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया था.
श्रीलंका में पर्यटन ही विदेशी मुद्रा आय का एकमात्र व्यापक स्रोत है लेकिन कोरोना महामारी की वजह से यह बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
इस साल श्रीलंका को 1.5 अरब डॉलर के दो विदेशी ऋणों का भुगतान करना है, जिन्हें अगले 12 महीनों तक चुकाया जाना है. श्रीलंका पहले ही 1.3 अरब डॉलर का भुगतान कर चुका है. यह ऋण स्थानीय कर्ज के इतर है.
वहीं, श्रीलंकाई रुपया लगातार गिर रहा है और इसका अवमूल्यन सर्वकालिक उच्च स्तर पर जा पहुंचा है, जिससे ऋणों का भुगतान करना और महंगा हो जाएगा.
इकोनॉमी नेक्सट की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में मुद्रित 650 अरब श्रीलंकाई रुपये में से 213 अरब श्रीलंकाई रुपये का इस्तेमाल विदेशी कर्ज चुकाने में किया गया, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार लगभग समाप्त हो गया.
वहीं, ट्रेजरी बिल ऑक्शन सफल न होने के बाद 22 अगस्त को श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने 29 अरब श्रीलंकाई रुपये का मुद्रण किया. देश के केंद्रीय बैंक ने एक सितंबर से वैधानिक आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को भी दो फीसदी से बढ़ाकर चार फीसदी कर दिया है.
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