चामराजनगर ज़िले के उपायुक्त एमआर रवि ने कहा कि ‘नो वैक्सीनेशन, नो राशन’ अभियान के तहत ज़िले में मुफ़्त राशन चाहने वाले बीपीएल और अंत्योदय कार्ड धारकों को अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराना होगा. कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सवाल उठाया है कि क्या इसके लिए पर्याप्त टीके उपलब्ध हैं.
नई दिल्ली: कर्नाटक के एक जिले के उपायुक्त ने एक अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत कोविड-19 टीका न लगवाने वाले लोगों को राशन और पेंशन नहीं दिया जाएगा.
समाचार एजेंसी एजेंसी एएनआई ने चामराजनगर जिले के उपायुक्त एमआर रवि के दो बयानों को ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि दो लाख से अधिक लोगों वाले दो अलग-अलग समूहों को टीकाकरण कराना अनिवार्य होगा.
रवि ने कहा, ‘नो वैक्सीनेशन, नो राशन’ अभियान के तहत जिले में मुफ्त राशन चाहने वाले गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) और अंत्योदय कार्ड धारकों को अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराना होगा. इस समूह में 2.9 लाख लोग हैं.
बता दें कि बीपीएल कार्ड बेहद ही गरीब लोगों द्वारा रखा जाता है जिन्हें हर महीने बेहद कम दाम पर खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं.
वहीं, अंत्योदय अन्न योजना कार्ड अत्यधिक गरीब लोगों को दिया जाता है जिन्हें बड़ी संख्या में चावल तीन रुपये प्रति किलो और गेहूं दो रुपये किलो के हिसाब से दिए जाते हैं.
इसके साथ ही रवि ने ‘नो वैक्सीनेशन, नो पेंशन’ अभियान भी शुरू करने की बात की जिसके तहत 2.2 लाख पेंशन पाने वालों को बिना टीकाकरण के पेंशन नहीं मिल सकेगा. उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में हमने सभी बैंकों को निर्देश दे दिए हैं.’
We've also given the slogan of 'no vaccination, no pension'. We have around 2.20 lakh pensioners in (Chamarajanagar) district. We have instructed all the banks in this regard. These measures are part of our efforts to vaccinate everyone in the district: Chamarajanagar DC MR Ravi
— ANI (@ANI) September 1, 2021
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने ट्वीट कर पूछा कि कुल उपलब्ध वैक्सीन की जानकारी के बाद भी लोगों को खाना और पेंशन देने से मना करना अवैध है.
उन्होंने लिखा, ‘चामराजनगर में भाजपा कहती है कि बिना टीके के राशन, पेंशन नहीं मिलेंगे. लेकिन क्या पर्याप्त वैक्सीन हैं? क्या उन्होंने टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया है? इस तरह से खाने और पेंशन से इनकार करना अवैध और असंवैधानिक है.’
In Chamarajanagar, the BJP Govt says it won’t give ration or pension to those not vaccinated.
But are there enough vaccines?
Have they persuaded people to take vaccines?Such denial of basic food and pension is illegal, unethical, unconstitutional.https://t.co/JVqfkrpGKb
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) August 31, 2021
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य और आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने ट्वीट किया है कि वह यह पता लगाने के लिए एक आरटीआई दाखिल करेंगे कि क्या जिले में भूखे गरीब लोगों की कीमत पर इस तरह के प्रोत्साहन के लिए पर्याप्त टीके उपलब्ध हैं.
Will be filing an RTI to find out the total vaccine stock available this week in Chamarajanagar District.
If the number is even 1 digit below 2.9 lakhs, this genius Deputy Commissioner has a lot of answering to do for trying to starve poor people. https://t.co/rkI37bikhU
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) September 1, 2021
जहां यह प्रयास जिले के लोगों का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने का है लेकिन इसके साथ ही वह अदालतों द्वारा जताई गई उन चिंताओं को दरकिनार कर रहे हैं जो लोगों को वैक्सीन के कारण आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने से इनकार करती हैं.
बता दें कि देश में टीकाकरण अभी भी स्वैच्छिक है और केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, इस बीमारी से खुद को बचाने के लिए और परिवार के सदस्यों, दोस्तों, रिश्तेदारों और सहकर्मियों सहित करीबी संपर्कों तक इस बीमारी के प्रसार को सीमित करने के लिए कोविड -19 वैक्सीन का पूरा शेड्यूल प्राप्त करने की सलाह दी जाती है.
कई शिक्षण संस्थानों और सेवाओं ने छात्रों और कर्मचारियों के लिए कक्षाएं फिर से शुरू करने और व्यक्तिगत रूप से रोजगार के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है. हालांकि अब तक उन्हें सरकारी योजनाओं से नहीं जोड़ा गया है.
वैक्सीन परीक्षण के आंकड़े मांगने वाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अनिवार्य टीकाकरण से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था.
वहीं, जुलाई में मणिपुर हाईकोर्ट ने लोगों के रोजगार को कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त करने से जोड़कर आजीविका से वंचित करने को अवैध करार दिया था. इसी तरह जून के अंत में मेघालय हाईकोर्ट ने कहा था कि जबरन टीकाकरण इससे जुड़े कल्याण के मूल उद्देश्य के खिलाफ जाता है.
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