हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि ऐसा करने के लिए पहले संबंधित नियमों के तहत केंद्र सरकार से मंज़ूरी ली जाए, उसके बाद ही इस पर स्वीकृति दी जा सकती है. हरियाणा सरकार ने एक आईपीएस अधिकारी कला रामचंद्रन को प्रमुख सचिव परिवहन के पद पर नियुक्त करने का निर्देश करने के साथ उन्हें महिला अपराध विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी दिया है.
नई दिल्ली: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने उस आईपीएस अधिकारी को आईएसएस अधिकारियों के लिए निर्धारित पद पर नियुक्त करने से इनकार कर दिया है, जिसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यालय ने मंजूरी प्रदान कर दी थी.
विज ने कहा है कि ऐसा करने के लिए पहले संबंधित नियमों के तहत केंद्र सरकार से मंजूरी ली जाए, उसके बाद ही इस पर स्वीकृति दी जा सकती है.
दरअसल बीते एक सितंबर को राज्य सरकार ने 10 आईपीएस अधिकारियों की ट्रांसफर/पोस्टिंग का आदेश जारी किया था, जिसमें से एक आईपीएस अधिकारी कला रामचंद्रन को प्रमुख सचिव (परिवहन) के पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है. अधिकारी को महिला अपराध विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ट्रांसफर आदेश जारी होने के तुरंत बाद विज ने इसकी पड़ताल की और आईएएस अधिकारियों के लिए स्वीकृत पद पर आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति जताई.
गृह विभाग ने संबंधित ऑल इंडिया सर्विस (कैडर) नियमों का हवाला दिया है, जिसके तहत ऐसे मामलों में केंद्र के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से पूर्व अनुमति की आवश्यकता होती है.
अनिल विज ने कला रामचंद्रन के ट्रांसफर को रोकते हुए कहा कि यह डीओपीटी के निर्देशों के खिलाफ है. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में डीओपीटी से अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाएं. अनुमति प्राप्त होने तक कला रामचंद्रन को उनके नए कार्यभार के लिए मुक्त नहीं किया जाएगा.
हालांकि इसके बाद भी मुख्यमंत्री कार्यालय अड़ा हुआ है कि इस ट्रांसफर को मंजूरी प्रदान की जाए.
रिपोर्ट के अनुसार, आईएएस कैडर पद के खिलाफ कला रामचंद्रन की नियुक्ति अकेला मामला नहीं है. आईएएस कैडर नियमों के उल्लंघन के लिए हरियाणा सरकार पहले से ही केंद्र सरकार की आलोचना का सामना कर रही है.
आईएएस कैडर पदों पर आईपीएस अधिकारियों की कई पूर्व नियुक्तियों में राज्य सरकार ने डीओपीटी की अनिवार्य अनुमति नहीं ली थी.
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने आईएएस कैडर नियमों के उल्लंघन को लेकर ऐसी नियुक्तियों का मुद्दा मुख्यमंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और यहां तक कि डीओपीटी के साथ भी उठाया है.
खेमका ने तीन नवंबर 2020 और नौ दिसंबर 2020 को अखिल भारतीय सेवा (कैडर) नियमों के नियम 9 का उल्लंघन करते हुए कैडर पदों पर गैर-कैडर अधिकारियों की नियुक्ति का मुद्दा उठाया था.
खेमका के पत्र के आधार पर डीओपीटी ने हरियाणा सरकार को राज्य में अधिकारियों की पोस्टिंग/स्थानांतरण के दौरान एआईएस कैडर नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.
डीओपीटी ने राज्य में ऐसी सभी नियुक्तियों पर हरियाणा सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा था. वैसे राज्य सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया था, लेकिन डीओपीटी ने इसे खारिज कर दिया.