पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कहा- मतदाता सूची अपडेट करने की तुरंत ज़रूरत

देश के पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को खुला पत्रकर लिखकर चुनावों के आयोजन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है, जिसमें कमज़ोर और वंचित समूहों के लोगों को बाहर रखना और पंजीकरण प्रक्रिया में विसंगतियों जैसे मुद्दे शामिल हैं.

Kamrup: Voters show their ID cards while standing in a queue at a polling station during the 1st phase of the panchayat elections at Hatipara village, in Kamrup district, Assam, Wednesday, Dec. 05, 2018. (PTI Photo)(PTI12_5_2018_000042B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

देश के पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को खुला पत्रकर लिखकर चुनावों के आयोजन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है, जिसमें कमज़ोर और वंचित समूहों के लोगों को बाहर रखना और पंजीकरण प्रक्रिया में विसंगतियों जैसे मुद्दे शामिल हैं.

Kamrup: Voters show their ID cards while standing in a queue at a polling station during the 1st phase of the panchayat elections at Hatipara village, in Kamrup district, Assam, Wednesday, Dec. 05, 2018. (PTI Photo)(PTI12_5_2018_000042B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग (ईसीआई) को खुला पत्र लिखकर कहा है कि अगले साल कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची को सही कर उसे अपडेट करने की तत्काल जरूरत है.

पूर्व नौकरशाहों के इस कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप (सीसीजी) इससे पहले सिटिजंस कमीशन ऑन इलेक्शंस (सीसीई) का गठन कर चुका है, जिसने इस साल की शुरुआत में दो रिपोर्ट जारी की थीं.

सीसीई ने चुनावों के आयोजन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जिसमें कमजोर और वंचित समूहों के लोगों को बाहर रखना और पंजीकरण प्रक्रिया में विसंगतियों जैसे मुद्दे शामिल हैं.

हालांकि वर्तमान खुला पत्र मतदाता सूची की अखंडता और सटीकता पर केंद्रित है, जिसमें कमजोर आबादी को शामिल करने के लिए विशेष ध्यान देने की बात शामिल है.

सीसीजी का कहना है कि यह देश के नागरिकों के बहुमूल्य और वोट देने के बुनियादी अधिकार की गारंटी देगा.

इस पत्र पर 100 पूर्व नौकरशाहों ने हस्ताक्षर किए हैं.

समूह ने ऐसे कई उपायों की सिफारिश की है, जिन्हें चुनाव आयोग द्वारा लागू किए जाने पर मतदाता सूची सही और अपडेट हो जाएगी.

सीसीजी ने कहा कि चुनाव आयोग को शहरी बेघरों के लिए विशेष नियम बनाने और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए विशेष उपाय करने की जरूरत है, ताकि इन समुदायों के लोगों के लिए मतदाता पंजीकरण कराना आसान हो सके.

सीसीजी ने कहा कि मतदाता सूची में मतदाताओं का नाम शामिल हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवस्थित तंत्र बनाने की जरूरत है. हाल के वर्षों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जिनसे पता चला है कि मतदान के दिन मतदाता मतदान केंद्र पहुंचते हैं, वहां उन्हें पता चलता है कि उनका नाम मतदाता सूची से गायब है. ऐसा अक्सर मतदाताओं को बिना सूचित किए उनके नामों को सूची से हटाने से होता है.

सीसीजी ने कहा कि विशेष रूप से कोविड-19 काल में माइग्रेशन और मृत्यु दर के दौर में फर्जी मतदान को रोकने के लिए ऐसे मतदाताओं के नाम सूची से हटाने के लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत है, जो या तो कहीं और शिफ्ट हो गए हैं या जिनकी मृत्यु हो गई है.

समूह ने मतदान पहचान पत्र को आधार से जोड़े जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह स्पष्ट रूप से असंवैधानिक लगता है.

पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि सीसीई की दोनों रिपोर्ट को जांच के लिए चुनाव आयोग के पास भेजा गया था, लेकिन अभी तक इस पर आयोग से तरफ से किसी तरह का जवाब नहीं आया है.

सीसीई ने कहा, ‘इन दोनों रिपोर्ट को इस पत्र में भी शामिल किया गया है. हम आपसे आग्रह करते हैं कि हमारी चिंताओं पर गौर करें और इन रिपोर्ट में सुझाए गए उपायों पर ध्यान दें. यह मामला आगामी लोकसभा चुनाव से लेकर 2022 में होने जा रहे विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए जरूरी है.’

(इस पत्र को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)