दक्षिणपंथी समूह के कार्यकर्ताओं ने एक पादरी पर धर्मांतरण में शामिल होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने उन्हें थाने में बुलाया था. पुलिस के समन पर वह ईसाई समुदाय के दो अन्य लोगों के साथ थाने आए थे, जहां कार्यकर्ताओं ने थाना प्रभारी के चेंबर में ही तीनों के साथ मारपीट की. पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर लिया है.
रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक पुलिस थाने में बीते रविवार को दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण के मुद्दे पर एक पादरी और ईसाई संगठन के दो पदाधिकारियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की और उन्हें प्रताड़ित किया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिणपंथी समूह के कार्यकर्ताओं ने पादरी हरीश साहू पर धर्मांतरण में शामिल होने का आरोप लगाया और उनसे पुरानी बस्ती पुलिस थाने में मारपीट की.
उनके साथ छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के महासचिव अंकुश बरियेकर और एक अन्य प्रकाश मसीह के साथ भी मारपीट की गई.
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘दक्षिणपंथी संगठन ने पादरी साहू पर धर्मांतरण में शामिल होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर पुलिस ने उन्हें थाने में बुलाया था. पुलिस के समन पर वह अंकुश बरियेकर और प्रकाश मसीह के साथ थाने आए थे, लेकिन वहां मौजूद दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं ने थाना प्रभारी के चेंबर में ही तीनों के साथ मारपीट की और उन्हे प्रताड़ित किया.’
A pastor was allegedly beaten inside a police station in Raipur pic.twitter.com/jjNFgz2JGg
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 5, 2021
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
एनडीटीवी के मुताबिक, पादरी और अन्य के पुलिस स्टेशन पहुंचने पर दोनों पक्षों के बीच हुई बहस के बाद ईसाई समूह के सदस्यों को थाना प्रभारी के ऑफिस ले जाया गया. हालांकि, हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने उनका पीछा किया और जूते और चप्पलों से वहां पादरी से मारपीट की.
इस घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने पुरानी बस्ती पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी यदुमणि सिदर को लाइन हाजिर कर दिया है.
बता दें कि यह घटना कबीरधाम जिले के पोल्मी गांव में 25 वर्षीय एक पादरी कवलसिंह परस्ते से कथित मारपीट के एक हफ्ते बाद हुई है. दरअसल लगभग 100 लोगों की भीड़ परास्ते के घर पहुंची थी और उन पर धर्मांतरण में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.
उस वक्त छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने पुलिस और राज्य सरकार पर ईसाई उपासना स्थलों पर हमले के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा था, ‘पिछले 15 दिनों में राज्य भर में हमारे धार्मिक स्थलों पर कम से कम 10 ऐसे हमले कथित रूप से हुए लेकिन किसी भी मामले में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. हम सिर्फ न्याय चाहते हैं. लेकिन ऐसी घटनाओं का बार-बार होना संकेत देता है कि सरकार उन लोगों का समर्थन कर रही है, जो बर्बरता में शामिल हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)