डेंगू प्रभावित फ़िरोज़ाबाद के स्वास्थ्य अधिकारी निलंबित, आठ झोलाछाप डॉक्‍टरों के क्‍लीनिक सील

फ़िरोज़ाबाद जिला बीते कई हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जिले में अभी तक 57 लोगों की मौत हुई है जिसमें अधिकतर बच्चे हैं. हालांकि बीते तीन सितंबर को सदर विधायक मनीष असीजा ने बुखार और डेंगू से अब तक 61 लोगों की मौत होने का दावा किया था. 

फिरोजाबाद के एक अस्पताल में भर्ती वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे. (फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश का फ़िरोज़ाबाद ज़िला बीते कई हफ़्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, ज़िले में अभी तक 57 लोगों की मौत हुई है जिसमें अधिकतर बच्चे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, कुछ मामले पड़ोसी ज़िलों- मथुरा, आगरा और मैनपुरी में भी मिले हैं.

फिरोजाबाद के एक अस्पताल में भर्ती वायरल बुखार से पीड़ित बच्चे. (फोटो: पीटीआई)

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में वायरल बुखार और डेंगू के प्रकोप से अभी तक आधिकारिक रूप से 57 लोगों की मौत होने की पृष्ठभूमि में प्रशासन ने बीते शुक्रवार को नगर निगम के नगर स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.

इसके साथ ही आठ झोला छाप डॉक्‍टरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके क्‍लीनिक सील कर दिए गए.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, नगर स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी बिना सूचना के तीन सितंबर से ड्यूटी पर नहीं थे और पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं शिक्षा आलोक कुमार के दौरे पर भी वह उपस्थित नहीं रहे.

जानकारी के अनुसार, आलोक कुमार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक (प्रशासन) रवींद्र सिंह को मामले की जांच के आदेश दिए थे, जिसकी रिपोर्ट उन्हें नौ सितंबर को मिली.

निदेशक की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने नगर स्वास्थ अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अपर निदेशक चिकित्सा, आगरा से संबद्ध कर दिया.

इसी सिलसिले में जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह शुक्रवार को नगर मजिस्ट्रेट गुलशन कुमार के साथ नगर की नई आबादी क्षेत्र हुमायूंपुर, सुहाग नगर पहुंच कर लोगों से झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज नहीं कराने की अपील की और ऐसे डॉक्टरों के आठ क्‍लीनिकों को नगर मजिस्ट्रेट द्वारा तत्काल सील करवाया.

वहीं एक अन्य कार्रवाई में शिकोहाबाद तहसील के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, धनपुरा के गांव आमरी में लगे स्वास्थ्य विभाग के शिविर में डॉक्टरों द्वारा एक्सपायर (जिनकी उपयोगिता की तारीख समाप्त हो गई हो) दवाइयां मंगलवार (सात सितंबर) को वितरित किए जाने का मामला सामने आया.

इस संबंध में मीडिया में खबर आने के बाद जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी से बात की गई तो उन्होंने इसकी जांच करा कर कार्रवाई के निर्देश दिए.

उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि फिजियोथेरेपिस्ट विजय कुमार ने यह दवाइयां अपने पास से लोगों को बांटी थीं. उन्होंने बताया कि विजय कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है और जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं, जबकि 404 लोगों का अभी भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है.

मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीता अनेजा ने कहा, ‘शुक्रवार को 120 नए मरीजों को भर्ती किया गया, जबकि 102 लोगों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई. डेंगू के 195 परीक्षणों में से 62 पॉजीटिव पाए गए हैं.’

अनेजा के अनुसार, प्रशासन और सरकार के ठोस प्रयासों से मरीजों की संख्या में कमी आई है और यह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की भीड़ में दिखाई दे रहा है.

सरकार के निर्देश पर केजीएमयू लखनऊ के एसएन सिंह मरीजों में बुखार के प्रकार का पता लगाने के लिए पिछले पांच दिनों से फिरोजाबाद में डेरा डाले हुए हैं.

मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा कि अब तक की जांच में यह पाया गया है कि वायरल बुखार और डेंगू का प्रकोप क्षेत्र में मच्छरों की बहुतायत के कारण हुआ था.

उन्होंने कहा, ‘जांच जारी है और किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद ही मैं और कुछ कह पाऊंगा.’ उन्होंने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे.

मालूम हो कि फिरोजाबाद पिछले तीन हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है, जिसमें अधिकांश पीड़ित बच्चे हैं. अधिकारियों के मुताबिक कुछ मामले पड़ोसी जिलों- मथुरा, आगरा और मैनपुरी में भी मिले हैं.

इससे पहले बीते तीन सितंबर को सदर विधायक मनीष असीजा ने बुखार और डेंगू से अब तक 61 लोगों की मौत होने का दावा किया था. विधायक के अनुसार, वह क्षेत्र में लगातार घूमकर पीड़ित परिवारों से मिल रहे हैं और उनके परिवार में हुई मौतों की जानकारी जुटा रहे हैं.

असीजा ने इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय नगर निकाय को जिम्मेदार ठहराया था. तब हालांकि स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने विधायक असीजा के इस दावे को गलत बताया था.

इसके बाद बीते 31 अगस्त को उत्तर प्रदेश सरकार ने फिरोजाबाद जिले में डेंगू के कारण लोगों की मौत के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का तबादला कर दिया था.

फिरोजाबाद की मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीता कुलश्रेष्ठ को हटाकर अलीगढ़ के मलखान सिंह जिला अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट पद पर भेजा गया था.

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में वायरल बुखार और डेंगू के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे पास डेंगू के 16 मामले आए हैं. छह मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि अन्य का घर पर ही इलाज चल रहा है. अब तक किसी की मौत की सूचना नहीं है. पुष्टि किए गए मामलों में हम आसपास के 50 घरों की संपर्क कॉन्टैक्ट कर रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)