भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

गुजरात में विधानसभा चुनाव से लगभग 15 महीने पहले बीते 11 सितंबर को विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. कोरोना वायरस महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले उत्तराखंड में दो बार और कर्नाटक में एक बार मुख्यमंत्री बदले जा चुके हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को गांधीनगर स्थित राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को बधाई दी. (फोटो: पीटीआई)

गुजरात में विधानसभा चुनाव से लगभग 15 महीने पहले बीते 11 सितंबर को विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. कोरोना वायरस महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले उत्तराखंड में दो बार और कर्नाटक में एक बार मुख्यमंत्री बदले जा चुके हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को गांधीनगर स्थित राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को बधाई दी. (फोटो: पीटीआई)

गांधीनगर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. विजय रूपाणी ने दो दिन पहले मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था. राज्य में लगभग सवा साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं.

59 वर्षीय पटेल को रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया था और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज उन्हें राजधानी गांधीनगर में आयोजित एक सादे समारोह में राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी.

राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भूपेंद्र पटेल को बधाई दी. इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत समेत भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे.

पार्टी के निर्णय के अनुसार, केवल पटेल ने शपथ ली. सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद अगले कुछ दिनों में मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य शपथ लेंगे.

राज्यपाल ने रविवार को पटेल को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए न्योता दिया था.

देवव्रत ने ट्वीट किया था, ‘भाजपा के विधायक दल के नए नेता भूपेंद्रभाई पटेल ने अपने नेतृत्व में सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए उन्हें 13 सितंबर को अपराह्न 2:20 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का न्योता दिया.’

रविवार को विधायक दल की बैठक में पटेल के नाम का प्रस्ताव विजय रूपाणी ने रखा था. रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव से लगभग 15 महीने पहले बीते 11 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों को आश्चर्य हुआ.

कोरोना वायरस महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले उत्तराखंड में दो बार और कर्नाटक में एक बार मुख्यमंत्री बदले जा चुके हैं.

इससे पहले उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते नौ मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि बीते दो जुलाई को आधी रात के करीब राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात कर तीरथ सिंह रावत ने भी इस्तीफा दिया था.

इसी तरह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने पर महीनों से लगायी जा रहीं अटकलों को विराम देते हुए बीते 26 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद बसवराज बोम्मई ने बीते 28 जुलाई को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी.

बहरहाल गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी उन्होंने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने इस वर्ष सात अगस्त को मुख्यमंत्री के तौर पर पांच वर्ष पूरे किए थे.

विजय रूपाणी ने कहा, ‘मैंने उन्हें (भूपेंद्र पटेल) बधाई दी है. मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में पार्टी और प्रदेश का विकास आगे बढ़ेगा. गुजरात सभी राज्यों के लिए रोल मॉडल बनेगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘आगामी विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में भाजपा गुजरात में जीत हासिल करेगी. मैं पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहूंगा और उनके निर्देशों का पालन करूंगा.’

ऐसे में जब दिसंबर 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, भाजपा ने चुनाव में जीत के लिए भूपेंद्र पटेल पर भरोसा जताया है, जो कि एक पाटीदार हैं. साल 2017 के चुनावों में भाजपा ने राज्य विधानसभा की 182 में से 99 सीटें जीतीं थी, जबकि कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं.

गुजरात में पाटीदार एक प्रमुख जाति है. उसकी चुनावी वोटों में से एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण होने के साथ ही शिक्षा, रियल्टी और सहकारी क्षेत्रों पर मजबूत पकड़ है.

मुख्यमंत्री बनने वाले भूपेंद्र पटेल कडवा पाटीदार हैं और यह भाजपा की इस समुदाय को लुभाने की योजना का हिस्सा है, जिनके बारे में कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि वे पार्टी से दूर हो गए हैं.

पटेल उस कार्यक्रम की मेजबानी करने वाले पाटीदार समुदाय के संगठन सरदारधाम के ट्रस्टी भी हैं, जिसमें शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे.

अहमदाबाद में जन्मे पटेल घाटलोडिया सीट से विधायक हैं, जहां से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और अब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विधायक थीं.

पटेल को मृदुभाषी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने नगरपालिका स्तर के नेता से लेकर प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर तय किया है.

भूपेंद्र पटेल ने 2017 में 1.17 लाख से अधिक मतों से यह सीट कांग्रेस के शशिकांत पटेल को हराकर जीती थी, जो उस चुनाव में सबसे अधिक अंतर था.

अपने समर्थकों के बीच ‘दादा’ के नाम से पुकारे जाने वाले पटेल को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और अब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है. वह जिस विधानसभा क्षेत्र (घाटलोडिया) का प्रतिनिधित्व करते हैं, वो गांधीनगर लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सांसद हैं.

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल ने अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में काम किया है. वह पाटीदार संगठन विश्व उमिया फाउंडेशन के ट्रस्टी भी हैं.

पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह कभी भी मंत्री पद नहीं संभाला है. मोदी भी 20 साल पहले गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री नहीं रहे थे. मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और 24 फरवरी 2002 को राजकोट सीट से उपचुनाव जीतकर विधायक बने थे.

भाजपा के मुख्यमंत्री चयन ने कई लोगों को आश्चर्यचकित किया, क्योंकि पहली बार विधायक बने पटेल शीर्ष पद की दावेदारों में नहीं थे.

भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता था. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर पटेल का काम, सहकारिता क्षेत्र पर उनकी पकड़, पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ाव और प्रशासनिक क्षमताएं उन कारकों में शामिल हैं, जिनके कारण उनकी यह पदोन्नति हुई.

विभिन्न नेताओं ने बधाई दी

गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भूपेंद्र पटेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न नेताओं ने बधाई दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में राज्य के विकास को नई ऊंचाई मिलेगी.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर भूपेंद्र भाई को बधाई. मैं उन्हें सालों से जानता हूं और उनके शानदार काम को भी मैंने देखा है, वह चाहे भाजपा संगठन में हों या स्थानीय निकाय प्रशासन में हों या फिर सामुदायिक सेवा में हों, वह निश्चित तौर पर गुजरात की विकास गाथा को और आगे बढ़ाएंगे.’

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी सराहना की और उम्मीद जताई कि आने वाले समय में वह जनसेवा में अपना योगदान जारी रखेंगे.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री के रूप में अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान रूपाणी जी ने कई जन हितैषी कदम उठाए. समाज के सभी वर्गों के लिए उन्होंने अनथक काम किए. मुझे भरोसा है कि वह आने वाले समय में जन सेवा में अपना योगदान जारी रखेंगे.’

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में गुजरात के विकास की गति और तेज होगी.

नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं भूपेंद्र पटेल को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर हार्दिक बधाई देता हूं. मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में गुजरात की सतत विकास यात्रा की गति और तेज होगी.’

नड्डा ने एक अन्य ट्वीट में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले पांच सालों में प्रदेश के विकास की हरसंभव कोशिश की.

उन्होंने कहा, ‘पिछले दो दशक से भाजपा लगातार गुजरात की जनता की सेवा कर रही है. मोदी जी ने मुख्यमंत्री के रूप में राज्य के विकास को नई दिशा दिखाई थी, जिसे आनंदीबेन पटेल और विजय रूपाणी ने आगे बढ़ाया. रूपाणी जी ने पिछले 5 सालों में प्रदेश के विकास व जनता की सेवा के लिए हरसंभव प्रयास किया.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)