कोरोना महामारी से प्रभावित वर्ष 2020 में अपराध के मामले 28 प्रतिशत बढ़े: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों अनुसार, साल 2020 में कोविड नियमों का उल्लंघन करना प्रमुख अपराधों की श्रेणी में रहा. कुल 66,01,285 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जिसमें आईपीसी के तहत 42,54,356 मामले और विशेष एवं स्थानीय क़ानून के तहत 23,46,929 मामले दर्ज किए गए.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों अनुसार, साल 2020 में कोविड नियमों का उल्लंघन करना प्रमुख अपराधों की श्रेणी में रहा. कुल 66,01,285 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जिसमें आईपीसी के तहत 42,54,356 मामले और विशेष एवं स्थानीय क़ानून के तहत 23,46,929 मामले दर्ज किए गए.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा बीते बुधवार को जारी आंकड़ों अनुसार कोरोना महामारी से प्रभावित वर्ष 2020 के दौरान अपराध के मामलों में 2019 की तुलना में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2020 में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं और कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया. इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश अव्वल स्थान पर है.

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में 2020 में बलात्कार के प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए. पिछले साल बलात्कार के कुल 28,046 मामले दर्ज किए गए. देश में ऐसे सबसे अधिक मामले राजस्थान में और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए.

एनसीआरबी के अनुसार, वर्ष 2020 में दर्ज किए गए कुल अपराधों में काफी संख्या भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत लोक सेवकों द्वारा लागू व्यवस्था का उल्लंघन करने के खिलाफ दर्ज मामले शामिल हैं .

ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में कुल 66,01,285 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 42,54,356 मामले और विशेष एवं स्थानीय कानून (एसएलएल) के तहत 23,46,929 मामले दर्ज किए गए.

2020 में आईपीसी के तहत मामलों के पंजीकरण में 31.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि विशेष और स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत मामलों में 2019 की तुलना में 21.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

आईपीसी की धारा 188 के तहत के तहत लोक सेवकों द्वारा लागू व्यवस्था का उल्लंघन करने को लेकर वर्ष 2019 में 29,469 मामले दर्ज किए गए थे जो वर्ष 2020 में बढ़कर 6,12,179 हो गए.

इसमें कहा गया, ‘ये मामले मुख्य रूप से कोविड मानदंडों के उल्लंघन के कारण दर्ज किए गए हैं. इसलिए प्रभावी रूप से पारंपरिक अपराध के पंजीकरण में लगभग दो लाख मामलों की कमी आई है.’

भारतीय दंड संहिता से जुड़े अन्य अपराधों के वर्ष 2019 में 2,52,268 मामले दर्ज किए गए थे जो वर्ष 2020 में 10,62,399 हो गए.

एनसीआरबी के अनुसार, यह 2019 की तुलना में अपराध के मामले दर्ज किए जाने को लेकर 28 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. वर्ष 2019 में 51,56,158 मामले दर्ज किए गए थे और साल 2020 में 14,45,127 मामले अधिक दर्ज किए गए.

उल्लेखनीय है कि 25 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक कोविड-19 महामारी के कारण देश में संपूर्ण लॉकडाउन रहा था, जिसके चलते सार्वजनिक स्थलों पर आवाजाही बहुत सीमित थी.

ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2020 में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं और कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया . इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश अव्वल स्थान पर है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले एनसीआरबी के आंकड़ें बताते हैं कि अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 प्रतिशत की कमी आई है. 2020 में अपहरण के 84,805 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2019 में 1,05,036 मामले दर्ज किए गए थे.

आंकड़ों के अनुसार, 2020 में उत्तर प्रदेश में हत्या के 3,779 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद बिहार में हत्या के 3,150, महाराष्ट्र में 2,163, मध्य प्रदेश में 2,101 और पश्चिम बंगाल में 1,948 मामले दर्ज किए गए.

दिल्ली में 2020 में हत्या के 472 मामले दर्ज किए गए. पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी समेत पूरे भारत में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया था.

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल जिन लोगों की हत्या की गई थी उनमें से 38.5 प्रतिशत 30-45 वर्ष आयु समूह के थे जबकि 35.9 प्रतिशत 18-30 वर्ष आयु के समूह के थे.

आंकड़े बताते हैं कि कत्ल किए गए लोगों में 16.4 फीसदी 45-60 वर्ष की आयु वर्ग के थे तथा चार प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे जबकि शेष नाबालिग थे.

आंकड़ें बताते हैं कि 2020 में अपहरण के सबसे ज्यादा 12,913 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. इसके बाद पश्चिम बंगाल में अपहरण के 9,309, महाराष्ट्र में 8,103, बिहार में 7,889, मध्य प्रदेश में 7,320 मामले दर्ज किए गए. आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण के 4,062 मामले दर्ज किए गए हैं.

एनसीआरबी ने कहा कि देश में अपहरण के 84,805 मामलों में 88,590 पीड़ित थे. उन्होंने बताया कि इनमें अधिकतर यानी 56,591 पीड़ित बच्चे थे.

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल पूरे देश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में 4,05,326 थे और 2018 में 3,78,236 थे.

आंकड़ों के मुताबिक, 2020 के दौरान बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1,28,531 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 (1,48,090 मामले) की तुलना में 13.2 प्रतिशत की कमी है. 2019 में 33.2 की तुलना में 2020 में प्रति लाख बच्चों की आबादी पर दर्ज अपराध दर 28.9 है.

देश में वर्ष 2019 में मानव तस्करी के कुल 2,208 मामलों की तुलना में 2020 में 22.4 प्रतिशत की कमी दर्ज करते हुए ऐसे कुल 1,714 मामले दर्ज किए गए. कुल 4,709 लोगों की तस्करी के मामले दर्ज किए गए, जिसमें 2,222 बच्चे और 2,487 वयस्क शामिल थे.

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