हाथ से मैला उठाने की प्रथा समाप्त करने की ज़िम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार की है: बॉम्बे हाईकोर्ट

अदालत तीन महिलाओं के द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिनके पति हाथ से मैला उठाते थे और दिसंबर 2019 में एक निजी सोसायटी के सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय उनकी मौत हो गई थी. अदालत ने मुंबई के ज़िलाधिकारी को निर्देश दिया कि मुआवजे़ के तौर पर प्रत्येक याचिकाकर्ता को 10 लाख रुपये की राशि दी जाए.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अदालत तीन महिलाओं के द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिनके पति हाथ से मैला उठाते थे और दिसंबर 2019 में एक निजी सोसायटी के सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय उनकी मौत हो गई थी. अदालत ने मुंबई के ज़िलाधिकारी को निर्देश दिया कि मुआवजे़ के तौर पर प्रत्येक याचिकाकर्ता को 10 लाख रुपये की राशि दी जाए.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में हाथ से मैला उठाने की शर्मनाक प्रथा को खत्म करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.

जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस माधव जामदार की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि मैनुअल स्कैवेंजर्स (हाथ से मैला ढोने वाले) के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 लागू होने के बाद क्या उसने राज्य में हाथ से मैला उठाने वाले लोगों का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण कराया है.

साथ ही खंडपीठ ने पूछा कि उनके पुनर्वास के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं.

अदालत ने यह भी जानना चाहा कि 1993 के बाद हाथ से मैला उठाने वाले कितने कर्मचारियों की काम के दौरान मौत हुई है और क्या राज्य सरकार ने उनके परिवार को मुआवजा दिया है.

अदालत तीन महिलाओं की तरफ से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनके पति हाथ से मैला उठाते थे और दिसंबर 2019 में गोवंदी उपनगर में एक निजी सोसायटी के सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय उनकी मौत हो गई थी.

याचिकाकर्ताओं ने कानून के प्रावधानों के मुताबिक सरकार से मुआवजे की मांग की थी.

अदालत ने शुक्रवार को मुंबई के जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि मुआवजे के तौर पर प्रत्येक याचिकाकर्ता को 10 लाख रुपये की राशि दी जाए.

अदालत ने कहा, ‘जिलाधिकारी यह राशि याचिकाकर्ताओं के पति की मौत के जिम्मेदार व्यक्ति या संस्था से वसूल करेंगे. राशि का भुगतान चार हफ्ते के अंदर करना होगा.’

सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने अदालत से कहा कि जिस कंपनी ने उन लोगों को काम के लिए नियुक्त किया था, उसने घटना के बाद प्रत्येक याचिकाकर्ता के लिए सवा-सवा लाख रुपये का चेक जमा कराया था.

अदालत ने निर्देश दिया कि चेक याचिकाकर्ताओं को सौंपा जाए और कहा कि शेष राशि उन्हें जिलाधिकारी सौंपेंगे.

अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि उसने जितनी भी सूचनाएं मांगी है, उन्हें सुनवाई की अगली तारीख 18 अक्टूबर को सौंपी जाए.

अदालत ने याचिकाकर्ताओं के पति की मौत के सिलसिले में गोवंदी थाने में दर्ज प्राथमिकी की स्थिति भी जाननी चाही.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अदालत ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा कि राज्य में कहीं भी हाथ से मैला ढोने की प्रथा को अंजाम न दिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इसे समाज से पूरी तरह से मिटा दिया जाए.

पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अन्य अदालतों के साथ बार-बार यह माना है कि हाथ से मैला ढोना, समाज के निचले तबके के लोगों को सेप्टिक टैंक की सफाई का खतरनाक काम करने के लिए नियुक्त करना एक अपमानजनक और शर्मनाक तरीका है.

मालूम हो कि देश में पहली बार 1993 में मैला ढोने की प्रथा पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बाद 2013 में कानून बनाकर इस पर पूरी तरह से बैन लगाया गया. हालांकि आज भी समाज में मैला ढोने की प्रथा मौजूद है.

मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत किसी भी व्यक्ति को सीवर में भेजना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. अगर किसी विषम परिस्थिति में सफाईकर्मी को सीवर के अंदर भेजा जाता है तो इसके लिए 27 तरह के नियमों का पालन करना होता है. हालांकि इन नियमों के लगातार उल्लंघन के चलते आए दिन सीवर सफाई के दौरान श्रमिकों की जान जाती है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq