मोदी मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद राजनीति छोड़ने का फैसला लेने वाले सुप्रियो टीएमसी में शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद पूर्व भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अगस्त महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं, लेकिन बाद में उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा नहीं देने के लिए मना लिया गया था. सुप्रियो ने ज़ोर देकर कहा था कि वह अब सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को ही उनकी सुरक्षा श्रेणी को ‘जे़ड’ से घटाकर ‘वाई’ कर दी है.

टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ बाबुल सुप्रियो. (फोटो साभार ट्विटर/@AITCofficial)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद पूर्व भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अगस्त महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं, लेकिन बाद में उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा नहीं देने के लिए मना लिया गया था. सुप्रियो ने ज़ोर देकर कहा था कि वह अब सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को ही उनकी सुरक्षा श्रेणी को ‘जे़ड’ से घटाकर ‘वाई’ कर दी है.

टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ बाबुल सुप्रियो. (फोटो साभार ट्विटर/@AITCofficial)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो शनिवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए. उन्होंने हाल में राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी.

पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, ‘आज राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में पूर्व केंद्रीय मंत्री व मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो तृणमूल परिवार में शामिल हो गए.’

पिछले महीने मंत्री पद जाने के बाद सुप्रियो ने घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं, लेकिन बाद में उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने के लिए मना लिया गया था. सुप्रियो ने जोर देकर कहा था कि वह अब सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे.

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आसनसोल के सांसद सुप्रियो ने कहा था कि वह एक सांसद के रूप में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना जारी रखेंगे, लेकिन राजनीति से दूर रहेंगे. साथ ही वह राष्ट्रीय राजधानी में अपना आधिकारिक आवास खाली कर देंगे.

सुप्रियो ने कहा कि वह टीएमसी में शामिल होने को लेकर बहुत उत्साहित हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘जब मैंने दो महीने पहले कहा था कि मैं राजनीति छोड़ना चाहता हूं तो मैं इसे लेकर गंभीर था. हालांकि, यह नया अवसर मिलने के बाद मैंने अपना विचार बदलने का फैसला किया.’

उन्होंने कहा, ‘मैं बंगाल के विकास के लिए काम करूंगा.’

सोमवार को सुप्रियो के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात करने की संभावना है.

उन्होंने कहा, ‘मैं अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे राज्य के लिए काम करने का मौका दिया. मैं नियम पुस्तिका का पालन करूंगा. जब मैं टीएमसी में शामिल हुआ हूं तो आसनसोल सीट पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को सुप्रियो की सुरक्षा श्रेणी को ‘जेड’ से घटाकर ‘वाई’ कर दिया था. इसके तुरंत बाद टीएमसी ने घोषणा की कि सुप्रियो ने पार्टी नेताओं डेरेक ओ ब्रायन और अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए हैं.

50 वर्षीय सुप्रियो ने 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में कई विभागों को संभाला था. उन्हें बीते जुलाई महीने में हुए एक बड़े मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान हटा दिया गया था.

आसनसोल से दो बार के सांसद सुप्रियो उन कई मंत्रियों में शामिल थे, जिन्हें बीते सात जुलाई को एक बड़े फेरबदल के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था.

बीते अप्रैल महीने में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

बता दें कि साल 1992 में सुप्रियो ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में अपनी नौकरी छोड़कर बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगर बनने के सफर पर निकल गए थे. भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने कई बंगाली फिल्मों में उन्होंने छोटे-छोटे किरदार निभाए थे.

रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के आम चुनावों से ठीक पहले सुप्रियो राजनीति में शामिल हुए थे और आसनसोल से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें शहरी विकास के लिए राज्यमंत्री नियुक्त किया गया था.

इस दौरान सुप्रियो में पार्टी में अपनी जगह बनाई और बंगाल के भाजपा नेताओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत की. भ्रष्टाचार और समुचित विकास न होने को लेकर उन्होंने टीएमसी पर जोरदार हमला किया और ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के आलोचक बनकर उभरे थे.

साल 2019 के चुनाव में वह पहली बार से भी अधिक वोटों से आसनसोल से दूसरी बार जीते. उन्हें एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में जगह मिली और उन्हें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बनाया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)