ई-कॉमर्स से महामारी के दौरान उपजी असमानता, छोटे व्यापारियों के अधिकार प्रभावित हुए: एनएचआरसी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने कहा है कि ई-कॉमर्स ने कोविड-19 के दौरान छोटे विक्रेताओं के अधिकारों को प्रभावित करने वाली असमानता उत्पन्न की है. उनके अधिकारों को संरक्षित करने की आवश्यकता है.

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जून 2020 में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के हटने के बाद दिल्ली का एक बाजार. (फोटो: पीटीआई)

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने कहा है कि ई-कॉमर्स ने कोविड-19 के दौरान छोटे विक्रेताओं के अधिकारों को प्रभावित करने वाली असमानता उत्पन्न की है. उनके अधिकारों को संरक्षित करने की आवश्यकता है.

जून 2020 में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के हटने के बाद दिल्ली का एक बाजार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने कहा है कि ई-कॉमर्स ने कोविड-19 महामारी के दौरान ‘असमानता’ उत्पन्न की जिससे छोटे विक्रेताओं के अधिकार प्रभावित हुए हैं, जिन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाल ही में ऑनलाइन आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 48वें सत्र के दौरान उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों में से कुछ को सोमवार को ट्वीट किया.

आयोग ने ट्वीट किया, ‘एनएचआरसी के अध्यक्ष जस्टिस एके मिश्रा ने कहा है कि ई-कॉमर्स ने कोविड-19 के दौरान छोटे विक्रेताओं के अधिकारों को प्रभावित करने वाली असमानता उत्पन्न की है. उनके अधिकारों को संरक्षित करने की आवश्यकता है.’

आयोग ने कहा कि जस्टिस मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार और मानवाधिकारों को संतुलित करने की आवश्यकता है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एनएचआरसी प्रमुख ने अपने संबोधन में समाज के विभिन्न वर्गों की मानवाधिकारों की चिंताओं को दूर करने के लिए महामारी के दौरान किए गए विभिन्न हस्तक्षेपों और आयोग द्वारा जारी 20 परामर्शों की संक्षिप्त जानकारी दी.

महामारी के दौरान ई-कॉमर्स फल-फूल रहा है क्योंकि लोगों का एक बड़ा वर्ग किराने का सामान, दवाएं, भोजन, किताबें और अन्य वस्तुओं की खरीद के लिए ऑनलाइन हो गया है, जो कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन बाधाओं या सामाजिक दूर करने के मानदंडों से प्रेरित है.