पश्चिम बंगाल भाजपा में अंदरूनी मतभेद और नेताओं के पाला बदलकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस जाने की पृष्ठभूमि के बीच पार्टी ने दिलीप घोष की जगह बालुरघाट सीट से सांसद सुकांता मजूमदार को अध्यक्ष बनाया है. दिलीप घोष को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. घोष के अलावा उत्तराखंड के राज्यपाल पद से हटाई गईं बेबी रानी मौर्य को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बालुरघाट सीट से लोकसभा सदस्य सुकांता मजूमदार को पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई का नया अध्यक्ष बनाया है. पार्टी में अंदरूनी मतभेद और नेताओं के पाला बदलकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर जाने की पृष्ठभूमि में पार्टी ने दिलीप घोष की जगह मजूमदार को दी है.
पार्टी द्वारा जारी बयान के अनुसार, घोष को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. यह पद इससे पहले तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए मुकुल रॉय के पास था. रॉय बीते अप्रैल माह में हुए विधानसभा चुनाव के बाद वापस तृणमूल में चले गए हैं.
दिलीप घोष के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हाल ही में उत्तराखंड के राज्यपाल पद से हटाई गईं बेबी रानी मौर्य को भी पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है.
गौरतलब है कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में घोष का कार्यकाल समाप्त होने में अभी 15 महीने (करीब सवा साल) का वक्त था.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष के रूप में मजूमदार के नाम को लेकर पिछले कुछ महीनों से चर्चा चल रही थी, खास तौर से मार्च-अप्रैल के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली बुरी हार के बाद चर्चा जोरों पर थी.
बॉटनी से पीएचडी 41 वर्षीय मजूमदार के घोष के साथ करीबी संबंध हैं.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘मैं यह अवसर देने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं. पार्टी पिछले कुछ साल में और मजबूत हुई है. मैं इसकी नींव और मजबूत बनाने पर काम करूंगा.’
पार्टी में अंदरूनी मतभेद और पार्टी छोड़कर जा रहे नेताओं की समस्या से वह कैसे निपटेंगे, यह सवाल करने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से करीब से जुड़े मजूमदार ने कहा कि जो लोग भाजपा की विचारधारा के प्रति समर्पित हैं, वे पार्टी कभी नहीं छोड़ेंगे.
उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी और इसके संगठन को मजबूत करना चाहता हूं. दिलीप घोष ने पार्टी को जहां छोड़ा था, मैं वहां से पार्टी को आगे ले जाना चाहता हूं. वह भाजपा के सबसे अधिक सफल राज्य अध्यक्षों में से एक हैं.’
मालूम हो कि राज्य में दो मई को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से भाजपा के चार विधायक और एक सांसद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इनमें मुकुल रॉय और बाबुल सुप्रियो भी शामिल हैं.
294 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 77 सीटें जीती थीं जो पश्चिम बंगाल में अब तक का उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था, लेकिन तृणमूल कांग्रेस में विधायकों के पलायन के कारण यह संख्या पहले ही घटकर 71 रह गई है.
नियुक्ति पर मजूमदार को बधाई देते हुए घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में संगठन को आगे ले जाने के लिए राज्य इकाई को नई ऊर्जा की जरूरत थी. उन्होंने अपनी नई भूमिका के लिए केन्द्रीय नेतृत्व को धन्यवाद दिया.
भाजपा में प्रदेश स्तर पर हुए इस बदलाव पर तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘दिलीप घोष मेहनती व्यक्ति हैं, लेकिन उन्हें अपनी जुबान पर लगाम नहीं है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बदल सकती है, लेकिन उससे पार्टी को कोई लाभ नहीं होगा. बंगाल में भाजपा डूबता हुआ जहाज है.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद से राज्य इकाई के प्रमुख के पद से घोष को हटाया जाना लगभग तय था.
सूत्रों ने बताया, ‘चुनाव के बाद से घोष ने जिस तरह से पार्टी को संभाला है, उससे भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व खुश नहीं है लेकिन एक वरिष्ठ नेता ने कहा था कि राज्य में नए भाजपा अध्यक्ष के ऐलान में देरी इसलिए की गई, क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने उनके (घोष) उत्तराधिकारी के चुनाव को अंतिम रूप देने में समय लिया.’
सूत्रों के अनुसार, ‘पार्टी उत्तर बंगाल पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि हालिया चुनाव में पार्टी ने दक्षिण बंगाल की तुलना में उत्तर बंगाल में बेहतर काम किया है.’
एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी दक्षिण बंगाल से हैं. पार्टी के नए राज्य अध्यक्ष उत्तर बंगाल से हैं. पार्टी संतुलन बना रही है.’
पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘मजूमदार आरएसएस से हैं और उनके सभी के साथ अच्छे कामकाजी संबंध हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)