कनाडा के संसदीय चुनाव में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी 2019 में जीती गई सीटों से एक अधिक यानी 158 सीटों पर जीत के कगार पर है. हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत के लिए 170 सीटों पर जीत आवश्यक है, जिससे लिबरल पार्टी 12 सीट दूर है. कंजर्वेटिव पार्टी ने 121 सीटें जीती हैं.
टोरंटोः कनाडा के संसदीय चुनाव के परिणाम में सोमवार को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जीत मिली है. हालांकि अधिकतर सीटों पर बड़ी जीत की उनकी मंशा पूरी नहीं हो पाई है.
ट्रूडो को उम्मीद थी कि कोरोना महामारी से निपटने के उनकी सरकार के प्रयासों को जनता बड़े स्तर पर समर्थन देगी लेकिन जनता ने अन्य मुद्दों पर अधिक महत्व दिया.
इन चुनावों में दूसरे स्थान पर रही कंजर्वेटिव पार्टी के नेता एरिन ओ’टुले ने पार्टी की हार स्वीकार कर ली. हालांकि, लिबरल पार्टी ने किसी भी पार्टी की तुलना में सबसे अधिक सीटें हासिल की हैं.
ट्रूडो ने 2015 के चुनाव में अपने दिवंगत पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का सहारा लिया और चुनाव में जीत हासिल की थी. फिर पार्टी का नेतृत्व करते हुए पिछले दो बार के चुनाव में उन्होंने अपने दम पर पार्टी को जीत दिलाई.
लिबरल पार्टी 2019 में जीती गई सीटों से एक अधिक यानी 158 सीटों पर जीत के कगार पर है. हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत के लिए 170 सीटों पर जीत जरूरी है.
Thank you, Canada — for casting your vote, for putting your trust in the Liberal team, for choosing a brighter future. We're going to finish the fight against COVID. And we're going to move Canada forward. For everyone.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) September 21, 2021
इस जीत के बाद जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट कर कहा, ‘धन्यवाद कनाडा वोट करने के लिए, लिबरल पार्टी पर विश्वास करने के लिए और सुनहरा भविष्य चुनने के लिए. हम कोरोना के खिलाफ लड़ाई को खत्म करने जा रहे हैं और हम कनाडा को आगे ले जा रहे हैं.’
वहीं, कंजर्वेटिव पार्टी ने 121 सीटें जीती हैं, 2019 में भी पार्टी ने इतनी ही सीटें जीत थी, जबकि ब्लॉक क्यूबेकोइस 32 और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 27 सीटों पर आगे है.
ऐसा नहीं लगता कि ट्रूडो (49) पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे लेकिन वह एक स्थिर अल्पमत की सरकार बनाने की स्थिति में हैं और अन्य पार्टियों के सहयोग के बिना किसी कानून को पारित नहीं करा पाएंगे हालांकि वह इतनी सीटें जरूर जीत जाएंगे उन्हें पद से हटाने का खतरा नहीं रहेगा.
विपक्ष ट्रूडो पर अपने फायदे के लिए समय से दो साल पहले आम चुनाव कराने का आरोप लगाता रहा है.
ट्रूडो ने कहा, ‘आपने कनाडा को महामारी के संकट से बाहर निकालने की खातिर हमें स्पष्ट बहुमत के साथ काम करने के लिए चुना है. मैंने आपकी उन आवाजों को सुना है कि महमारी की चिंता किए बगैर आप अपनी उन मनपसंद चीजों को फिर से करना चाहते हैं.’
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता एरिन ओ’टुले ने समर्थकों से कहा, ‘हमारा समर्थन देशभर में बढ़ा है लेकिन हमें अभी भी कनाडावासियों का विश्वास जीतने के लिए और मेहनत करने की जरूरत है. मैं और मेरा परिवार कनाडा के लिए काम करते रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रूडो की जीत ऐसी नहीं है जिसकी वह उम्मीद कर रहे थे.
मॉन्ट्रियल में मैक गिल विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डेनियल बेलैंड ने कहा, ‘ट्रूडो की बहुमत पाने की मंशा पूरी नहीं हो पाई. इसलिए मैं कहूंगा कि यह उनके लिए धूप-छांव वाली जीत है. देखा जाए तो यह पुरानी अल्पमत की सरकार जैसी ही होगी. ट्रूडो और लिबरल पार्टी के नेता अपना अस्तित्व बचाने में कामयाब रहे और वे सत्ता में बने रहेंगे.’
बता दें कि ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा के लोग महामारी के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार नहीं चाहते. ट्रूडो ने दलील दी थी कि कंजर्वेटिव पार्टी का दृष्टिकोण खतरनाक है क्योंकि वे लॉकडाउन के खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा कि कनाडा के लोगों को एक ऐसी सरकार चाहिए जो विज्ञान का अनुसरण करे.
कनाडा मौजूदा समय में दुनिया के उन देशों में शामिल है जिसके अधिकतर नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है.
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता एरिन ओ’टुले ने कहा था कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को टीका लगवाने की जरूरत नहीं है और वे नहीं बता पाएंगे कितने लोगों का टीकाकरण हुआ है.
अलबर्टा के प्रधानमंत्री और ओ’टुले के सहयोगी जेसन केन्नी ने कहा कि प्रांत के अस्पतालों में कुछ दिनों में रोगियों और कर्मियों के लिए बिस्तर उपलब्ध नहीं रह सकते हैं और आईसीयू के भी भरने की आशंका है.
उन्होंने इस गंभीर स्थिति के लिए माफी मांगी और कहा कि अब वे टीका पासपोर्ट की शुरुआत करना चाहते हैं तथा करीब दो महीने तक सभी पाबंदियों से छूट के बाद घर से काम करने को अनिवार्य करना चाहते हैं.
मालूम हो कि बीसवीं शताब्दी के दौरान लिबरल पार्टी ने 69 वर्षों तक कनाडा पर शासन किया था.
पियरे ट्रूडो ने एक न्यायपूर्ण समाज का आह्वान किया और देश का नेतृत्व किया जो कनाडा में इससे पहले नहीं देखा गया था.
कनाडा के सबसे बड़े शहर और दुनिया के सबसे बहुसांस्कृतिक शहरों में से एक टोरंटो में ट्रूडो की लिबरल पार्टी का वर्चस्व रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)