इससे पहले भारत के विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कोविशील्ड टीके के मुद्दे पर ब्रिटेन को चेताया था और कहा था कि भारत भी ब्रिटेन जैसा क़दम उठा सकता है. हालांकि नियमों में संशोधन के बाद भी भारतीयों को ब्रिटेन पहुंचने पर क्वारंटीन में रहना होगा क्योंकि यूके कोविन सर्टिफिकेट स्वीकार नहीं कर रहा है.
नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा गहरी नाराजगी जाहिर करने के बाद यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने बुधवार को अपने यात्रा नियमों में संशोधन किया और कोविशील्ड टीके को स्वीकृति प्रदान की है.
हालांकि अभी भी भारतीयों को ब्रिटेन पहुंचने पर क्वारंटीन में रहना होगा क्योंकि यूके कोविन सर्टिफिकेट स्वीकार नहीं कर रहा है.
एनडीटीवी के मुताबिक ब्रिटेन द्वारा उसके यात्रा नियमों में कोविशील्ड को शामिल किए जाने के बाद भी भारतीयों को 10 दिन की क्वारंटीन अवधि से गुजरना पड़ेगा. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि ब्रिटेन को वैक्सीन से नहीं, बल्कि भारतीय वैक्सीन प्रमाणपत्र से आपत्ति है.
इसकी अपडेटेड गाइडलाइन के मुताबिक एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और मॉडर्न टाकेडा को स्वीकृत टीका करार दिया गया है,
इससे पहले ब्रिटेन की नई कोविड-19 टीका नीति के संबंध में भारत की चिंताओं का समाधान नहीं किए जाने की स्थिति में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बीते मंगलवार को कहा था कि ऐसी स्थिति में ‘उसी तरह के कदम उठाए जा सकते हैं.’ श्रृंगला ने ब्रिटेन की इस नीति को भेदभावपूर्ण बताया था.
COVID19 | In its revised travel advisory, the UK government says Covishield qualifies as an approved vaccine pic.twitter.com/B5R52cDu6v
— ANI (@ANI) September 22, 2021
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कोविशील्ड टीका लगवाने वालों के संबंध में देश की चिंताओं से ब्रिटेन की नवनियुक्त विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रस को न्यूयॉर्क में हुई बैठक में अवगत कराया था.
श्रृंगला ने कहा था, ‘यहां मुख्य मुद्दा यह है कि, एक टीका है कोविशील्ड, जो ब्रिटिश कंपनी का लाइसेंसी उत्पाद है, जिसका उत्पादन भारत में होता है और ब्रिटिश सरकार के अनुरोध पर हमने ब्रिटेन को इसकी 50 लाख खुराक भेजी है.’
उन्होंने कहा, ‘हम समझते हैं कि इसका उपयोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली (एनएचएस) के तहत हो रहा है और ऐसे में कोविशील्ड को मान्यता नहीं देना भेदभावपूर्ण नीति है और इससे ब्रिटेन की यात्रा करने वाले हमारे नागरिक प्रभावित होते हैं.’
अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अगर चार अक्टूबर तक भारत की चिंताओं का समाधान नहीं किया गया तो ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के संबंध में वैसे ही कदम उठाये जाएंगे. गौरतलब है कि यात्रा संबंधी ब्रिटेन का नया नियम चार अक्टूबर से प्रभावी हो रहा है.
पत्रकारों के साथ बातचीत में श्रृंगला ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि ब्रिटेन द्वारा कुछ आश्वासन दिया गया है कि इस समस्या का समाधान किया जाएगा.
श्रृंगला ने कहा, ‘हमने कुछ साझेदार देशों को एक-दूसरे के टीकाकरण प्रमाणपत्र को मान्यता देने का विकल्प भी दिया है. लेकिन ये कदम एक-दूसरे के फैसले पर निर्भर करते हैं. हमें देखना होगा कि आगे क्या होता है. अगर हम संतुष्ट नहीं होते हैं तो उसी तरह के कदम उठाना हमारे अधिकार क्षेत्र के भीतर होगा.’
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ आरएस शर्मा ने कहा है कि कोविन पर कोविड-19 सर्टिफिकेट के साथ ‘कोई समस्या नहीं है’. शर्मा ने कहा है कि ये ऐप पूरी तरह से विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुरूप काम कर रहा है और इसे लेकर कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.
सीरम इंस्टिट्यूट के अदार पूनावाला ने कोविशील्ड को मान्यता दिए जाने पर ‘खुशी’ व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रिटेन की यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए मामला अभी भी हल नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘हमें खुशी है कि कोविशील्ड को यूके सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर एस्ट्राजेनेका के समकक्ष वैक्सीन के रूप में मान्यता दी गई है. हालांकि, यात्रा और क्वारंटीन के मामले को सुलझाया नहीं गया है. यूके की यात्रा करने वाले सभी लोगों को दिशानिर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)