महाराष्ट्र पुलिस ने अपनी महिला कॉन्स्टेबलों के कामकाजी समय को 12 से घटाकर आठ घंटे कर दिया है. एक अधिकारी ने कहा कि यह पहल पिछले महीने नागपुर, अमरावती, पुणे और नवी मुंबई में प्रायोगिक तौर पर लागू की गई थी और आने वाले दिनों में इसे अन्य शहरों और ज़िलों में भी प्रभावी किया जाएगा.
मुंबई: महाराष्ट्र पुलिस ने अपनी महिला कॉन्स्टेबलों के कामकाजी समय को 12 से घटाकर आठ घंटे कर दिया है, ताकि उन्हें अपने पेशेवर और निजी जीवन में संतुलन बिठाने में मदद मिल सके. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडेय ने इस पहल को लागू किए जाने की पुष्टि की है, जिसका पहला प्रायोगिक कार्यान्वयन नागपुर, अमरावती, पुणे और नवी मुंबई में किया गया.
अधिकारी ने कहा कि यह पहल पिछले महीने इन क्षेत्रों में प्रायोगिक तौर पर लागू किया गया और कुछ दिनों में अन्य शहरों और जिलों में भी प्रभावी होगा.
नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेष कुमार ने 28 अगस्त से इस पहल को पहली बार लागू किया था. उन्होंने कहा कि यह कदम महिला कॉन्स्टेबलों को उनकी निजी एवं पेशेवर जिंदगियों में संतुलन बिठाने में मदद करेगा.
उन्होंने कहा कि ड्यूटी के घंटे कम होने के बाद महिला कॉन्स्टेबल अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को समय दे सकेंगी.
अमरावती शहर की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने कहा, ‘हमने इस पहल के माध्यम से कुछ सकारात्मक परिणाम देखे हैं. महिला कॉन्स्टेबल अपने पेशेवर कर्तव्यों को तनाव मुक्त तरीके से करने में सक्षम बनेंगी और अपने परिवार को भी अधिक समय दे सकती हैं.’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हालांकि ड्यूटी के घंटे घटाकर आठ घंटे कर दिए जाएंगे, लेकिन विभिन्न कार्यक्रमों या त्योहारों के दौरान बंदोबस्त जैसी असाधारण परिस्थितियां हो सकती हैं, जिनमें ज्यादा वक्त तक काम करना पड़ सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा कि कई महिला कॉन्स्टेबलों ने राज्य के पुलिस प्रमुख से संपर्क किया था, जिसमें कहा गया था कि उनकी ड्यूटी के घंटे अक्सर निर्धारित बारह घंटे से अधिक बढ़ जाते हैं, जिससे उनका पारिवारिक जीवन प्रभावित होता है.
उसके बाद डीजीपी संजय पांडेय ने कार्रवाई करने का फैसला करने से पहले अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह ली थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि मुंबई जैसे व्यस्त शहर में इसे लागू करना एक मुश्किल काम होगा, क्योंकि प्रत्येक पुलिस स्टेशन में पहले से ही स्वीकृत संख्या से कम कर्मचारी हैं. इसके बाद डीजीपी ने राज्य के अन्य हिस्सों में इसे लागू करने का फैसला किया है.
डीजीपी ने हाल ही में शहर और जिला पुलिस के प्रमुखों को निर्देश जारी किया था कि वे अपने साप्ताहिक अवकाश से एक दिन पहले निचले रैंक के अधिकारियों को रात की गश्त ड्यूटी या इस तरह के अन्य तनावपूर्ण काम न दें.
डीजीपी पांडेय ने अपने आदेश में कहा था कि उनके कार्यालय को पता चला है कि पुलिस अधिकारियों और कॉन्स्टेबलों को उनके साप्ताहिक अवकाश से एक दिन पहले रात्रि गश्त या 24 घंटे की ड्यूटी दी जाती है.
राकांपा नेता और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा राज्य सरकार के इस फैसले से महिला अधिकारियों के कर्तव्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में मदद मिलेगी.
महाराष्ट्र सरकारने महिला पोलीसांची ड्युटी बारा तासांहून आठ तासांची करण्याचा निर्णय घेतला आहे. हा अतिशय चांगला निर्णय असून यामुळे अनेक महिला पोलीस कर्मचाऱ्यांना कुटुंब आणि नोकरी यामध्ये उत्तम असा ताळमेळ साधता येणे शक्य होणार आहे.
— Supriya Sule (@supriya_sule) September 24, 2021
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार ने महिला पुलिस अधिकारियों के काम के घंटे 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे करने का फैसला किया है. यह राज्य सरकार द्वारा वास्तव में एक अच्छी पहल है, क्योंकि इससे परिवार और महिला अधिकारियों के कर्तव्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में मदद मिलेगी.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)