इंजीनियर दिवस पर गोवा के मुख्यमंत्री बोले, ‘इंजीनियरिंग भारत की बहुत पुरानी कला है, जिसे आधुनिक युग में मान्यता दी गई है.
पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज शुक्रवार को कहा कि भगवान परशुराम के बारे में माना जाता है कि उन्होंने गोवा का सृजन किया और वह जरूर एक इंजीनियर रहे होंगे.
पौराणिक कथाओं के अनुसार गोवा के उदय का हवाला देते हुए पर्रिकर ने कहा, ऐसा कहा जाता है कि भगवान परशुराम ने गोवा का सृजन किया. मेरा मानना है कि परशुराम इंजीनियरों की बिरादरी से ही रहे होंगे, जिन्होंने समुद्र से जमीन निकाल ली.
उन्होंने कहा, हजारों साल पहले हमें हस्तिनापुर या पांडवों के महल के बारे में पता था, जिसमें हर तरह की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल देखा गया. मुख्यमंत्री ने कहा, इंजीनियरिंग भारत की बहुत पुरानी कला और कौशल है, जिसे आधुनिक युग में मान्यता दी गई है.
शहर में इंजीनियर दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, यह ऐसा दिन है जब भारत इंजीनियरिंग प्रतिभाओं की अहमियत को मान्यता देता है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में 2014 से 17 तक रक्षा मंत्री रह चुके पर्रिकर ने पहली बार बेसिर पैर का बयान दिया हो, ऐसा नहीं है. सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले का क्रेडिट आरएसएस के प्रशिक्षण को दे चुके पर्रिकर का विवादित बयानों से पुराना नाता है.
देश में असहिष्णुता को लेकर बहस जारी हुई तो इसपर अभिनेता आमिर खान ने भी बयान दिया था कि ‘किरण और मैं अपनी पूरी जिंदगी भारत में रहे हैं. पहली बार उसने कहा कि क्या हमें भारत से बाहर जाना चाहिए? किरण का यह बयान मेरे लिए डरावना था.’
इस पर मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि ‘एक एक्टर का कहना है उनकी पत्नी भारत से बाहर जाना चाहती हैं. यह बेहद घमंड भरा और निराशाजनक बयान है. यदि कोई ऐसा बोलता है तो उसे सबक सिखाना चाहिए.’
मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्री रहते हुए एक बयान में यह भी संकेत दिए थे कि कि जरूरत पड़ी तो भारत पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने उनके बयान से पल्ला झाड़ लिया था. 2015 में उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों पर आरोप लगाया था कि अबके पहले के प्रधानमंत्रियों ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया था.
मई, 2015 में पर्रिकर ने एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि ‘हमें आतंकियों को आतंकियों के सहारे से ही ख़त्म करना होगा. हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? हमें ऐसा करना चाहिए.’ उनका यह बयान भारत सरकार को ही असहज करने वाला था.
इसके बाद जयपुर में एक सेमिनार में पर्रिकर बोल गए थे कि भारत ने पिछले 40-50 सालों में कोई युद्ध नहीं लड़ा है इसलिए सेना का महत्व कम हुआ है. हालांकि, उन्होंने तुरंत यह भी सफाई दे दी कि उनकी बात को युद्ध को बढ़ावा देने के अर्थ में नहीं लेना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)