भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा है कि पिछले चार सालों में गन्ने की उत्पादन लागत बहुत बढ़ गई है, परंतु इसके मूल्य में मामूली बढ़ोतरी की गई. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी मूल्य वृद्धि को लेकर सरकार की आलोचना की है. टिकैट ने मूल्य वृद्धि को किसानों के साथ मज़ाक क़रार दिया. वहीं मायावती ने इसे चुनावी स्वार्थ बताया है. यूपी सरकार ने गन्ने के मूल्य में प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि की है.
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की अपील की है.
सांसद ने गन्ने के मूल्य में प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया साथ ही यह भी सुझाव दिया कि अगर किसी कारणवश और मूल्य वृद्धि संभव न हो तो उत्तर प्रदेश सरकार अपनी ओर से घोषित किए गए गन्ना मूल्य के ऊपर 50 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने पर भी विचार कर सकती है.
वरुण गांधी के अलावा भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी गन्ने की मूल्य वृद्धि को लेकर सरकार की आलोचना की है. टिकैट ने मूल्य वृद्धि को किसानों के साथ मजाक करार दिया. वहीं मायावती ने कहा कि इसे चुनावी स्वार्थ बताया है.
गौरतलब है कि रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किसानों के हक में लागू की गई योजनाओं की चर्चा करते हुए गन्ने के मूल्य में प्रति क्विंटल 25 रुपये की वृद्धि की घोषणा की.
इसके बाद गन्ने का खरीद मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा.
सोमवार को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में वरुण गांधी ने कहा, ‘आपकी सरकार ने उत्तर प्रदेश में गन्ने की आगामी पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ने के मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है. इस वृद्धि के लिए मैं आपको धन्यवाद देते हुए निवेदन करना चाहता हूं कि गन्ना किसान आपसे और ज्यादा मूल्य वृद्धि की आशा कर रहे हैं.’
उत्तर प्रदेश में आगामी पेराई सत्र में गन्ने का रेट ₹350/क्विंटल घोषित करने के लिए योगी जी का आभार।
मेरा निवेदन है कि कृपया इस पर पुनर्विचार कर बढ़ती लागत व महंगाई के अनुरूप ₹400 का रेट घोषित करें या सरकार की ओर से ₹50/क्विंटल का बोनस घोषित रेट के ऊपर अलग से देने की कृपा करें। pic.twitter.com/B07dUhtl2W
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 27, 2021
वरुण ने पत्र में लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में गन्ना एक प्रमुख फसल है, जिसकी खेती में लगभग 50 लाख किसान परिवार लगे हुए हैं. लाखों मजदूरों को भी इससे रोजगार मिलता है. मेरे क्षेत्र पीलीभीत के गन्ना किसानों ने मेरे माध्यम से आपको अवगत कराने का निवेदन किया है कि पिछले चार सालों में गन्ने की लागत, खाद, बीज, कीटनाशक, बिजली, पानी, डीजल मजदूरी, ढुलाई आदि का खर्च बहुत ज्यादा बढ़ गया है, परंतु इसके मूल्य में मामूली बढ़ोतरी की गई.’
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की बदहाल स्थिति का जिक्र करते हुए वरुण गांधी ने कहा, ‘इस विषय में मैंने एक पत्र के माध्यम से आपसे निवेदन किया था कि गन्ना किसानों की दुर्दशा, गन्ने की बढ़ती लागत और महंगाई दर को देखते हुए इस वर्ष गन्ने का मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाना चाहिए.’
अपनी इस मांग पर मुख्यमंत्री से पुनर्विचार करने के लिए जोर देते हुए गांधी ने किसानों और मजदूरों के हित में गन्ना मूल्य बढ़ाने की उम्मीद जताई.
मालूम हो कि इससे पहले बीते 12 सितंबर को भी उत्तर प्रदेश से तीन बार के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गन्ने की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि करने, गेहूं और धान की सरकारी खरीद पर बोनस देने, प्रधानमंत्री किसान योजना की राशि दोगुनी करने और डीजल पर सब्सिडी देने की मांग की थी.
गन्ने का खरीद मूल्य में वृद्धि किसानों के साथ बड़ा मजाक: राकेश टिकैत
मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने गन्ने के खरीद मूल्य में वृद्धि की उत्तर प्रदेश सरकार की घोषणा को किसानों के साथ एक बड़ा मजाक करार दिया है.
बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक की तरफ से जारी एक बयान में टिकैत ने कहा, ‘किसानों को 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी स्वीकार्य नहीं है. यह उत्तर प्रदेश सरकार का किसानों के साथ एक बड़ा मजाक है.’
बीकेयू नेता ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में गन्ने का खरीद मूल्य अधिक है और वहां डीजल सस्ता है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में डीजल महंगा होने के कारण राज्य सरकार की यह बढ़ोतरी नाकाफी है.
गन्ने के मूल्य में वृद्धि चुनावी स्वार्थ: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य मंत्रिमंडल में विस्तार को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार की सोमवार को तीखी आलोचना की और गन्ने के मूल्य में वृद्धि को चुनावी स्वार्थ बताया.
2. केन्द्र व यूपी सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुःखी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं। ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) September 27, 2021
गन्ने के मूल्य में वृद्धि पर पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार पूरे साढ़े चार वर्षों तक यहां के किसानों की घोर अनदेखी करती रही व गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया, मैंने सात सितंबर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में इस पर बोला था. अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है जो इनके स्वार्थ को दर्शाता है.’
मायावती ने कहा, ‘केंद्र व राज्य सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुखी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले खुद को बचाने के लिए गन्ने का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं. ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)