जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार के साथ गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस से जुड़ गए हैं. बताया गया है कि विधायक होने के कारण कुछ तकनीकी मुद्दों के मद्देनज़र वे कुछ समय बाद औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता लेंगे.
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए.
उनके साथ ही गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी भी ‘वैचारिक रूप से’ कांग्रेस के साथ जुड़े हैं. बताया गया है कि विधायक होने के कारण कुछ तकनीकी मुद्दों के मद्देनजर वे कुछ समय बाद औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे.
शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती के अवसर पर इन दोनों युवा नेताओं ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और उनके साथ शहीद पार्क जाकर भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की.
Shri @RahulGandhi with Shri @jigneshmevani80 & Shri @kanhaiyakumar at the AICC headquarters.
Our ancestors fought fearlessly to save the idea of India. We will stand together – united & fearless – to do the same. pic.twitter.com/bqA6z9Ae3A
— Congress (@INCIndia) September 28, 2021
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में मेवाणी ने राहुल गांधी को संविधान की प्रति भेंट की, तो कन्हैया ने उन्हें महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर भेंट की.
इसके बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने संवाददाता सम्मेलन में दोनों नेताओं का स्वागत किया.
वेणुगोपाल ने कहा, ‘कन्हैया कुमार देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रतीक हैं. उनके शामिल होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा. जिग्नेश जी के भी शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी.’
भक्त चरण दास ने कहा, ‘कन्हैया और जिग्नेश ने भगत सिंह की जयंती पर ऐतिहासिक निर्णय लिया है. दोनों ने कमजोर और बेसहारा लोगों की आवाज उठाई है. राहुल जी के साथ इन दोनों नेताओं का विचारधारा का मेल भी है. ये दोनों नेता कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे.’
कन्हैया कुमार ने कहा कि करोड़ों नौजवानों को लगने लगा है कि कांग्रेस नहीं बचेगी, तो देश भी नहीं बचेगा और ऐसे में वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कांग्रेस में शामिल हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि देश में वैचारिक संघर्ष को कांग्रेस ही नेतृत्व ही दे सकती है.
आप अपने विपक्ष का चुनाव कीजिए, आपके दोस्त अपने आप बन जायेंगे। हम इस देश की सबसे पुरानी पार्टी, सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी में शामिल होकर लड़ाई लड़ना चाहते हैं। अब लाखों करोड़ों युवाओं को लगता है कि अगर कांग्रेस नहीं बचा, तो ये देश नहीं बचेगा: श्री @kanhaiyakumar
— Congress (@INCIndia) September 28, 2021
उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का धन्यवाद किया.
उन्होंने कहा, ‘मुझे महसूस होता है कि इस देश की सत्ता में एक ऐसी सोच के लोग काबिज हैं, जो इस देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, इसके मूल्य, इतिहास और वर्तमान को खत्म कर रहे हैं. इस सोच से लड़ना है… देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी में इसलिए शामिल होना चाहते हैं क्योंकि यह पार्टी नहीं बचेगी, तो देश नहीं बचेगा.’
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘आज देश को भगत सिंह के ‘साहस’, आंबेडकर की ‘समानता’ और गांधी की ‘एकता’ की जरूरत है.’
जिग्नेश ने कहा कि देश के युवाओं और संविधान में विश्वास करने वालों को मिलकर लड़ाई लड़नी है क्योंकि देश अब तक के सबसे अप्रत्याशित संकट का सामना कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा, ‘जो कहानी गुजरात से शुरू हुई, उस कहानी ने पिछले 6-7 साल में इस मुल्क में क्या उत्पात मचाया है, वह अब आपके और हम सभी के सामने है. हम राष्ट्र के रूप में एक अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं. यह हमारे संविधान पर हमला है, दिल्ली की सड़क पर संविधान की कॉपी को जलाया जाता है… हमारे देश के लोकतंत्र के ऊपर हमला है. आज एक भाई दूसरे भाई का दुश्मन बन जाए, उतना जहर, उतनी नफरत सोची-समझी साजिश के तहत दिल्ली और नागपुर मिलकर फैला रहे हैं.’
मूल रूप से बिहार से आने वाले कन्हैया साल 2016 में जेएनयू में कथित देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे.
कन्हैया पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)