पंजाब सियासी संकट के बीच कपिल सिब्बल ने कहा- हम जी-23 हैं, जी हुज़ूर 23 नहीं

पंजाब में मची राजनीतिक खींचतान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के कामकाज को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि विडंबना है कि जिन्हें पार्टी हाईकमान अपना ख़ासमख़ास समझती थी, वे पार्टी छोड़कर चले गए लेकिन जिन्हें वे ख़ास नहीं मानते थे, वे आज भी साथ खड़े हैं.

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कपिल सिब्बल. (फोटोः पीटीआई)

पंजाब में मची राजनीतिक खींचतान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के कामकाज को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि विडंबना है कि जिन्हें पार्टी हाईकमान अपना ख़ासमख़ास समझती थी, वे पार्टी छोड़कर चले गए लेकिन जिन्हें वे ख़ास नहीं मानते थे, वे आज भी साथ खड़े हैं.

(फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के कामकाज को लेकर बुधवार को नाराजगी जताते हुए कहा कि यह विडंबना है कि जिन्हें पार्टी हाईकमान अपना खासमखास समझती थी, वे पार्टी छोड़कर चले गए लेकिन जिन्हें वे खास नहीं मानते थे, वे आज भी इनके साथ खड़े हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में मची सियासी खींचतान के बीच सिब्बल ने कहा कि पार्टी को नेताओं की बात सुननी होगी और फिर आत्मनिरीक्षण करना होगा.

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘केंद्र में बैठे 20 लोगों से लोकतंत्र नहीं चल सकता.’ सिब्बल ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब पार्टी को पंजाब में संकट का सामना करना पड़ रहा है.

सिब्बल ने कहा, ‘मेरा मानना है कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक तत्काल बुलाने के लिए शायद मेरे वरिष्ठ सहयोगियों ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा होगा या लिखने वाले होंगे ताकि इस पर बातचीत की जा सके कि हम ऐसी स्थिति में क्यों हैं?’

सिब्बल ने कहा, ‘मौजूदा समय में पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं है. हम जानते भी हैं और नहीं भी जानते हैं कि फैसले कौन ले रहा है.’

बता दें कि कथित तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनसे सीडब्ल्यूसी की बैठक तत्काल बुलाने को कहा है.

सिब्बल ने कहा, ‘जी-23 उन मुद्दों को उठाएगा, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. यह बहुत स्पष्ट है कि हम जी-23 है, हम जी हुजूर 23 नहीं है. हम बात करना जारी रखेंगे. हम हमारी मांगों को दोहराना जारी रखेंगे.’

बता दें कि पिछले साल अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग करने वाले पार्टी के असंतुष्ट धड़े को जी-23 कहा जाता है. सिब्बल इन्हीं जी-23 नेताओं में से एक हैं.

सिब्बल ने कहा, ‘मैं पंजाब के बारे में बात नहीं करना चाहता लेकिन एक सीमावर्ती राज्य जहां कांग्रेस पार्टी के साथ ऐसा हो रहा है, इसका क्या मतलब है? यह आईएसआई और पाकिस्तान के लिए फायदेमंद हो सकता है. हम पंजाब के इतिहास के बारे में जानते हैं और वहां चरमपंथ के उभार के बारे में भी जानते हैं. हम जानते हैं कि किस प्रकार वहां बाहरी तत्व अनिश्चितता का माहौल बनाने के लिए स्थिति का फायदा उठाती है. ये तत्व ही देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है. कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे एकजुट रहें. अगर किसी को कोई समस्या है तो इस पर चर्चा करने की जरूरत है.’

सिब्बल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं आपसे उन कांग्रेसियों की ओर से बात कर रहा हूं, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पार्टी हाईकमान को पत्र लिखा था और पार्टी के अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय चुनाव समिति के संबंध में हमारे नेतृत्व द्वारा कदम उठाने का इंतजार कर रहे हैं.’

मालूम हो कि सिब्बल की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पंजाब कांग्रेस आंतरिक रूप से कई गुटों में बंटी है और वहां रोजाना नए घटनाक्रम हो रहे हैं.

मुख्यमंत्री के पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया. उनकी नई कैबिनेट ने शपथ भी ली लेकिन इस बीच पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

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