बीते एक दिन में कोविड-19 संक्रमण के 22,842 नए मामले और 244 लोगों की मौत

भारत में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,38,13,903 पहुंच गई है, जबकि मृतकों का आंकड़ा 4,48,817 है. दुनिया में संक्रमण के मामले 23.46 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और अब तक 47.97 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

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गुड़गांव में एक टीकाकरण केंद्र पर कोविड-19 रोधी टीके का डोज लेते लोग. (फोटो: पीटीआई)

भारत में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,38,13,903 पहुंच गई है, जबकि मृतकों का आंकड़ा 4,48,817 है. दुनिया में संक्रमण के मामले 23.46 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं और अब तक 47.97 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

गुड़गांव में एक टीकाकरण केंद्र पर कोविड-19 रोधी टीके का डोज लेते लोग. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 22,842 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,38,13,903 पर पहुंच गई, जबकि उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 2,70,557 रह गई है, जो 199 दिनों में सबसे कम है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 244 मरीजों के और जान गंवाने से मृतकों की संख्या 4,48,817 पर पहुंच गई है.

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बीच पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 23,46,29,004 हो गए हैं और अब तक 47,97,575 लोगों की जान जा चुकी है.

आंकड़ों के मुताबिक, भारत में उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.80 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.87 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है.

पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 3,332 की कमी दर्ज की गई है.

मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को कोविड-19 के लिए 14,29,258 नमूनों की जांच की गई और इसी के साथ अब तक जांचें गए नमूनों की संख्या 57,19,94,990 पर पहुंच गई है.

दैनिक संक्रमण दर 1.80 प्रतिशत है. यह पिछले 34 दिनों से तीन प्रतिशत से कम बनी हुई है. साप्ताहिक संक्रमण दर 1.66 प्रतिशत दर्ज की गई,  जो पिछले 100 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है.

उसने बताया कि इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,30,94,529 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गई .

देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीके की 90.15 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है.

आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में जिन 244 और लोगों ने जान गंवाई है उनमें से 121 की मौत केरल में और 49 मरीजों की मौत महाराष्ट्र में हुई.

इस महामारी से अब तक 4,48,817 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे अधिक 1,39,166 मरीजों की मौत महाराष्ट्र में, 37,811 की कर्नाटक, 35,627 की तमिलनाडु, 25,303 की केरल, 25,088 की दिल्ली, 22,894 की उत्तर प्रदेश और 18,815 मरीजों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं.

आंकड़ों के मुताबिक, देश में 110 दिन में कोविड-19 के मामले एक लाख हुए थे और 59 दिनों में वह 10 लाख के पार चले गए थे.

भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10 लाख से 20 लाख (7 अगस्त 2020 को) तक पहुंचने में 21 दिनों का समय लगा था, जबकि 20 से 30 लाख (23 अगस्त 2020) की संख्या होने में 16 और दिन लगे. हालांकि 30 लाख से 40 लाख (5 सितंबर 2020) तक पहुंचने में मात्र 13 दिनों का समय लगा है.

वहीं, 40 लाख के बाद 50 लाख (16 सितंबर 2020) की संख्या को पार करने में केवल 11 दिन लगे. मामलों की संख्या 50 लाख से 60 लाख (28 सितंबर 2020 को) होने में 12 दिन लगे थे. इसे 60 से 70 लाख (11 अक्टूबर 2020) होने में 13 दिन लगे. 70 से 80 लाख (29 अक्टूबर को 2020) होने में 19 दिन लगे और 80 से 90 लाख (20 नवंबर 2020 को) होने में 13 दिन लगे. 90 लाख से एक करोड़ (19 दिसंबर 2020 को) होने में 29 दिन लगे थे.

इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन (19 अप्रैल को) का वक्त लगा और फिर सिर्फ 15 दिनों बाद चार मई को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए आंकड़ा 1.5 करोड़ से दो करोड़ के पार चला गया. चार मई के बाद करीब 50 दिनों में 23 जून को संक्रमण के मामले तीन करोड़ से पार चले गए थे.

मई रहा अब तक का सबसे घातक महीना

भारत में अकेले मई में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 92,87,158 से अधिक मामले सामने आए थे, जो एक महीने में दर्ज किए गए संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं. इस तरह यह महीना इस महामारी के दौरान सबसे खराब और घातक महीना रहा था.

मई में इस बीमारी के चलते 1,20,833 लोगों की जान भी गई थी.

सात मई को 24 घंटे में अब तक कोविड-19 के सर्वाधिक 4,14,188 मामले सामने आए थे और 19 मई को सबसे अधिक 4,529 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी.

रोजाना नए मामले 17 मई से 24 मई तक तीन लाख से नीचे रहे और फिर 25 मई से 31 मई तक दो लाख से नीचे रहे थे. देश में 10 मई को सर्वाधिक 3,745,237 मरीज उपचाररत थे.

वायरस के मामले और मौतें

अक्टूबर महीने में बीते एक दिन या 24 घंटे के दौरान सामने आए संक्रमण के नए मामलों की बात करें तो बीते दो अक्टूबर को 24,354 और एक अक्टूबर को 26,727 नए मामले आए थे.

सितंबर महीने में बीते एक दिन या 24 घंटे के दौरान संक्रमण के सर्वाधिक 47,092 मामले दो सितंबर को सामने आए, जबकि दो सितंबर को ही सर्वाधिक 509 लोगों की जान गई थी.

अगस्त महीने में बीते 24 घंटे के दौरान संक्रमण के सर्वाधिक 46,759 मामले 28 अगस्त को दर्ज किए गए और इस अवधि में सर्वाधिक 648 लोगों की मौत 25 अगस्त को दर्ज की गई थी.

अमेरिका में मृतकों की संख्या 7,00,000 के आंकड़े पर पहुंची

मिनियापोलिस: अमेरिका में कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या शुक्रवार को 7,00,000 के आंकड़े पर पहुंच गई. वहीं, अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप के मामलों में कमी आनी शुरू हो गई और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ कुछ कम हुई है.

अमेरिका में डेल्टा स्वरूप के कारण मृतकों की संख्या 6,00,000 से 7,00,000 पहुंचने में महज साढ़े तीन महीने का वक्त लगा.

डेल्टा स्वरूप का संक्रमण उन लोगों में ज्यादा फैला, जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक नहीं ले रखी थी. मृतकों की संख्या बोस्टन की आबादी से कहीं ज्यादा है.

मृतकों का यह आंकड़ा स्वास्थ्य नेताओं और चिकित्सकों के लिए परेशान करने वाला है, क्योंकि टीके सभी अमेरिकियों को लगभग छह महीने से उपलब्ध हैं और टीके की खुराक उन्हें अस्पताल में भर्ती होने तथा मरने से बचा सकती है. ऐसा अनुमान है कि सात करोड़ योग्य अमेरिकियों ने अभी टीके की खुराक नहीं ली है.

बहरहाल, मृतकों की बढ़ती संख्या के बावजूद सुधार के कुछ संकेत हैं.

देशभर में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या करीब 75,000 है, जबकि सितंबर की शुरुआत में यह संख्या 93,000 थी. संक्रमण के नए मामलों में कमी आ रही है.

मृतकों की संख्या भी कम होती दिखाई दे रही है. संक्रमण और मृतकों की संख्या कम होने की वजह अधिक लोगों के मास्क पहनने और टीका लगवाना है.

वहीं, दवा कंपनी मर्क ने शुक्रवार को कहा कि उसकी कोविड-19 से संक्रमित लोगों के लिए प्रायोगिक गोली ने अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मृतकों की संख्या आधी कर दी. अगर इसे दवा नियामकों से मंजूरी मिल जाती है जो यह कोरोना वायरस का इलाज करने में कारगर पहली दवा होगी.

सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने शुक्रवार को आगाह किया कि कुछ लोग टीका न लगवाने की वजह के तौर पर कुछ उत्साहजनक प्रवृत्तियों को देख सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘यह अच्छी खबर है कि संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं. यह टीके की खुराक लेने की आवश्यकता के मुद्दे से बचने का बहाना नहीं है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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