उत्तर प्रदेशः दलित बलात्कार पीड़िता की गर्भपात के दौरान मौत, डॉक्टर सहित चार गिरफ़्तार

दलित युवती से छह माह पूर्व कथित रूप से बलात्कार हुआ था, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी. युवती के पिता ने बलात्कार के आरोपी युवक, उसके परिवार और एक डॉक्टर के ख़िलाफ़ बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले से यह गिरफ़्तारी हुई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

दलित युवती से छह माह पूर्व कथित रूप से बलात्कार हुआ था, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी. युवती के पिता ने बलात्कार के आरोपी युवक, उसके परिवार और एक डॉक्टर के ख़िलाफ़ बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले से यह गिरफ़्तारी हुई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

महोबा: उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के कबरई कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की दलित युवती की गर्भपात के दौरान हुई मौत के मामले में महोबा जिले की पुलिस ने एक डॉक्टर सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

युवती के पिता ने 28 साल के एक युवक, उसके परिवार और एक डॉक्टर के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद महोबा में यह गिरफ्तारी हुई है.

पुलिस के अनुसार, दलित युवती से छह माह पूर्व कथित रूप से बलात्कार हुआ था, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी.

कबरई थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) दिनेश सिंह ने बताया कि थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 20 वर्षीय दलित युवती की हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बे के एक निजी अस्पताल में गर्भपात के दौरान मंगलवार शाम (28 सितंबर) मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में बुधवार (29 सितंबर) को कबरई थाने में मुख्य आरोपी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ बलात्कार करने, उसके पिता रामनारायण, चाचा शिवनारायण पर जबरन गर्भपात कराने और निजी अस्पताल के चिकित्सक पर दलित युवती का गर्भपात करने का मामला दर्ज किया गया है.

एसएचओ ने बताया कि बृहस्पतिवार (30 सितंबर) की शाम आरोपी शैलेंद्र, उसके पिता रामनारायण सिंह, चाचा शिवनारायण और निजी अस्पताल के चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया गया.

सिंह ने बताया कि छह माह पूर्व दलित युवती से उस समय बलात्कार हुआ था, जब वह अकेले खेत में काम कर रही थी, लेकिन तब घटना की सूचना पुलिस को नहीं दी गई थी.

उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को अचानक रक्तस्राव होने पर युवती के परिजनों को उससे बलात्कार होने और उसके गर्भवती होने की जानकारी हुई. इसके बाद आरोपी के पिता व चाचा उसे हमीरपुर जिले में मौदहा कस्बे के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां गर्भपात के दौरान दलित युवती की मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले के चार आरोपियों महोबा में स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया. युवती आरोपी को जानती थी, क्योंकि उसके संबंधी उसके घर के पास रहते थे.

युवती ने इस घटना की जानकारी किसी को नहीं दी, क्योंकि युवक ने उसे मुंह खोलने पर खामियाजा भुगतने की धमकी दी थी. मामले की जानकारी होने पर युवती के पिता, जो पेशे से किसान हैं, आरोपी युवक के घर गए और उन्होंने उनके परिवार के सदस्यों से बात की.

युवक के परिवार ने पड़ोस के हमीरपुर जिले में युवती का गर्भपात कराने की सलाह दी और इसका खर्चा उठाने का वादा किया.

आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ को बताया गया था कि युवती शादीशुदा है. डॉक्टर ने गर्भपात किया, लेकिन इस बीच महिला का खून काफी बहने से 28 सितंबर को महिला की मौत हो गई.

इस मामले में महोबा में आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 313 (महिला की बिना सहमति के गर्भपात कराना), 314 (गर्भपात के इरादे से किए गए कृत्य से मौत) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)