किसानों को कुचलने वाले व्यक्ति को हिरासत में न लेने का मतलब संविधान ख़तरे में है: राहुल गांधी

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर को उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर गाड़ी चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय मंत्री मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया है. घटना के बाद वहां का दौरा करने जा रहीं प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया था.

राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर को उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर गाड़ी चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय मंत्री मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया गया है. घटना के बाद वहां का दौरा करने जा रहीं प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया था.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी की हिंसा और प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में लिए जाने को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को गाड़ी से कुचलने वाले केंद्रीय मंत्री के पुत्र को हिरासत में नहीं लिए जाने का मतलब यह है कि देश का संविधान खतरे में है.

उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि प्रियंका गांधी एक सच्ची कांग्रेसी हैं और डरने वाली नहीं हैं तथा उनका सत्याग्रह जारी रहेगा.

राहुल गांधी ने लखीमपुर में किसानों को गाड़ी से कुचलने से संबंधित एक कथित वीडियो को साझा करते हुए फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘एक मंत्री का बेटा अगर अपनी गाड़ी के नीचे सत्याग्रही किसानों को कुचल दे, तो देश का संविधान खतरे में है. अगर वीडियो के सामने आने के बाद भी उसे हिरासत में न लिया जाए तो देश का संविधान खतरे में है. अगर एक महिला नेता को 30 घंटे तक बिना प्राथमिकी के हिरासत में रखा जाए तो देश का संविधान खतरे में है.’

उन्होंने यह दावा किया, ‘अगर कत्ल हुए पीड़ितों के परिवार से किसी को न मिलने दिया जाए तो देश का संविधान खतरे में है. अगर ये वीडियो किसी को दुखी नहीं करता तो मानवता भी खतरे में है.’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘जिसे (प्रियंका गांधी) हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी! सत्याग्रह रुकेगा नहीं.’

लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद वहां जाने के दौरान रास्ते में हिरासत में लीं गईं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 30 घंटे बाद भी पुलिस हिरासत में हैं.

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि प्रियंका समेत पांच नेताओं को हिरासत में लिए गए 30 घंटे से ज्यादा समय हो चुका है.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी की कथित तौर पर किसानों को कुचलते हुए एक वीडियो क्लिप साझा किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

वीडियो की सत्यता की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ-साथ आप नेता संजय सिंह ने कथित फुटेज को शेयर किया है.

मंगलवार को प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर कहा, ‘मोदी जी, आप आजादी के अमृत महोत्सव मनाने के लिए लखनऊ आ रहे हैं, लेकिन क्या आपने यह वीडियो देखा है. इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे आपकी सरकार में एक मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचला है. कृपया इस वीडियो को देखें और देश को बताएं कि क्यों इस मंत्री को अभी तक बर्खास्त नहीं किया गया है और इस लड़के को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.’

उन्होंने अपने ट्वीट में मोदी से पूछा, ‘आपने मेरे जैसे नेताओं को बिना किसी प्राथमिकी या आदेश के गिरफ्तार कर लिया है, मैं जानना चाहती हूं कि यह आदमी अभी भी आजाद क्यों है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे लखीमपुर आने का आग्रह करती हूं. जो अन्नदाता मारे गए, वे भारत की आत्मा हैं, उनका दर्द सुनें. उनकी रक्षा करना आपका और संविधान का कर्तव्य है.’

मोदी को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी सरकार ने उन्हें पिछले 28 घंटों से बिना किसी आदेश और प्राथमिकी के हिरासत में रखा है.

प्रियंका गांधी ने यह भी पूछा कि उनके जैसे विपक्षी नेताओं को बिना किसी प्राथमिकी या आदेश के हिरासत में क्यों लिया गया और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और गिरफ्तार क्यों नहीं किए गए.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में बीते तीन अक्टूबर को उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)