वरुण गांधी ने लखीमपुर की घटना को ‘हिंदू बनाम सिख’ बनाने की कोशिश का लगाया आरोप

भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में न्याय के लिए संघर्ष ग़रीब किसानों की निर्दयी हत्या को लेकर है और इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है. बीते कुछ दिनों से वरुण गांधी किसानों के मुद्दे पर लगातार अपनी राय रख रहे हैं. लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हुई हिंसा को लेकर उन्होंने दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग भी की थी.

वरुण गांधी. (फोटो: पीटीआई)

भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में न्याय के लिए संघर्ष ग़रीब किसानों की निर्दयी हत्या को लेकर है और इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है. बीते कुछ दिनों से वरुण गांधी किसानों के मुद्दे पर लगातार अपनी राय रख रहे हैं. लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हुई हिंसा को लेकर उन्होंने दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग भी की थी.

वरुण गांधी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी में पिछले दिनों हुई हिंसा की घटना को हिंदू बनाम सिख मामला बनाए जाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह कोशिश न सिर्फ ‘अनैतिक व गलत धारणा’ पैदा करने वाली है बल्कि ‘खतरनाक’ भी है.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘लखीमपुर खीरी की घटना को हिंदू बनाम सिख की लड़ाई बनाने की एक कोशिश हो रही है. यह न सिर्फ अनैतिक व गलत विमर्श पैदा करने वाली है. ऐसी कोई रेखा खींचना खतरनाक है और उनके घावों को हरा करने का प्रयास है, जिसे भरने में पीढ़ियां खप गईं. हमें राजनीतिक फायदे के लिए राष्ट्रीय एकता को ताक पर नहीं रखना चाहिए.’

वरुण गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में न्याय के लिए संघर्ष गरीब किसानों की निर्दयी हत्या को लेकर है और इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनकारी किसानों को खालिस्तानी बताया जाना न सिर्फ हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए लड़ने और खून बहाने वालों देश के महान सपूतों का अपमान है, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक भी है, यदि इससे गलत प्रकार की प्रतिक्रया हो जाए तो.’

बीते कुछ दिनों से वरुण गांधी किसानों के मुद्दे पर लगातार अपनी राय रख रहे हैं. लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हुई हिंसा को लेकर भी उन्होंने वीडियो साझा किए थे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा था, ‘लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जान-बूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा. पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिह्नित कर तत्काल गिरफ्तार करे.’

उन्होंने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी संलग्न किया था, जिसमें एक गाड़ी किसानों को कुचलती हुई जाती दिखाई दे रही है.

इसके बाद भाजपा की नवगठित राष्ट्रीय कार्यसमिति से वरुण और मेनका गांधी को बाहर कर दिया गया था.

इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हिंसा के सिलसिले में आशीष मिश्रा को शनिवार को करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के मामले में आशीष और अन्य लोगों के खिलाफ हत्या समेत अन्‍य संबंधित धाराओं में तिकुनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई थी.

इस दौरान भड़की हिंसा में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं, मंत्री अजय मिश्रा का ड्राइवर और एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई थी.

मृतक किसानों की पहचान- गुरविंदर सिंह (22 वर्ष), दलजीत सिंह (35 वर्ष), नक्षत्र सिंह और लवप्रीत सिंह (दोनों की उम्र का उल्लेख नहींं) के रूप में की गई है.

किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचला. हालांकि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने इस बात से से इनकार किया है.

लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में बीते तीन अक्टूबर को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के उस बयान के बाद और बढ़ गई थी, जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधार देने की चेतावनी’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)