दक्षिणपंथी संगठनों की मांग है कि नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मीट की सभी दुकानें बंद रहनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने हर मंगलवार को भी मीट की दुकानों को बंद करने की मांग की है. बीते एक हफ़्ते में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों से ऐसे वीडियो सामने आए हैं.
नई दिल्लीः बीते एक हफ्ते में उत्तर भारत के कई शहरों से ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनमें दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठनों के सदस्य नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद कराने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.
नवरात्रि हिंदू त्योहार है, जो नौ दिनों का होता है. इस साल सात अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक यह मनाया जा रहा है. हिंदुओं का एक वर्ग इस दौरान मांसाहार खाने का विरोध करता है.
गुड़गांव (हरियाणा)
टाइम्स ऑफ इंडिया की बीते पांच अक्टूबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले कई संगठनों ने गुड़गांव के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखकर नवरात्रि के दौरान 150 मीट की दुकानों को बंद करने को कहा था.
समिति ने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करने से आम जनता को असुविधा होती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दो साल में गुड़गांव के कई हिस्सों में नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानें बंद रही थीं. हालांकि, इस साल कई मीट शॉप के मालिकों का कहना है कि 10 दिन दुकान बंद करने से कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से हुआ नुकसान और बढ़ जाएगा.
This one is from Chhindwara, MP. pic.twitter.com/8BxY4kqEoE
— Alishan Jafri (@alishan_jafri) October 7, 2021
द वायर के लिए बीते एक साल से हेट स्पीच के मामलों को ट्रैक कर रहे अलीशान जाफरी ने एक दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठन के एक सदस्य का एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें यह सदस्य कह रहा है कि ये दुकानें बढ़ रही हैं और ये मंगलवार और हिंदू त्योहारों पर भी खुली रहती हैं.
मार्च 2021 में गुड़गांव नगर निगम (एमसीजी) ने हर मंगलवार को शहर की मीट की दुकानें बंद करने का फैसला किया था.
Coming to Delhi from Bihar and Jharkhand it shocked me to find meat-shops shut on Tuesdays. How can you rob me of my right to have my kind of food, even for a day? Delhi I thought was a cosmopolitan city. Now the shakahari-violence is openly ravaging this country.
— Apoorvanand अपूर्वानंद (@Apoorvanand__) October 10, 2021
बुलंदशहर जिला (उत्तर प्रदेश)
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के बेहट कस्बे में बजरंग दल के सदस्यों ने बीते सात अक्टूबर को तहसील मुख्यालय में एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग की गई थी.
इसमें बजरंग दल के जलिया संयोजक हरीश कौशिक ने मांग की कि नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने को प्रभावी तरह से लागू करने के लिए सहारनपुर से सिद्धपीठ मंदिर तक राजमार्ग सहित विभिन्न गांवों में पुलिस को तैनात करना चाहिए, ताकि हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत न हों.
उन्होंने चेताया कि अगर कोई बाधा उत्पन्न की जाती है तो यह प्रशासन की जिम्मेदारी होगी. कौशिक ने कहा, ‘अगर मीट की दुकानें बंद नहीं की जातीं तो बजरंग दल सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा.’
अगले दिन तक विभिन्न दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित मांस की दुकानों को जबरन बंद करा दिया था.
पत्रकार नील माधव ने आठ अक्टूबर को एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसे उन्होंने बुलंदशहर का बताया था. इस वीडियो में कुछ लोग मीट की दुकानों में घुसते और जबरन दुकान के शटर बंद करते देखे जा सकते हैं.
इस वीडियो में टोपी पहने दुकान में मौजूद मुस्लिम शख्स उन लोगों की बात मानते हुए दुकान बंद करने की तैयारी करता है. इस बीच दुकान में घुसे लोगों में से एक, जो भगवा गमछा लगाए हुए था, जल्दी दुकान बंद करने को कहता है.
इस दौरान संभवत: इस वीडियो को शूट करने वाला व्यक्ति जब दुकान मालिक से पूछता है कि क्या हुआ है? तो वह कहता है कि ये लोग दुकान बंद करा रहे हैं.
उपरोक्त सम्बन्ध में क्षेत्राधिकारी एवं थाना प्रभारी को कड़ाई से निर्देशित किया गया है कि इस तरह बलपूर्वक कोई दुकानें बन्द न कराये तथा इस तरह के कार्य की दोबारा पुनरावृत्ति न हो।
— Bulandshahr Police (@bulandshahrpol) October 8, 2021
द वायर ने इस दुकान के मालिक इमरान से बात की तो उन्होंने बताया, ‘उन्होंने नवरात्रि की वजह से दुकान बंद करा दी. मैं वैसे भी दुकान बंद करने जा रहा था, क्योंकि नवरात्रि की वजह से ज्यादा कमाई नहीं हो रही थी.’
बता दें कि इस वीडियो को सबसे पहले हिंदू रक्षा दल के सदस्यों ने फेसबुक पर शेयर किया था.
वहीं, बुलंदशहर पुलिस ने माधव के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा, ‘क्षेत्राधिकारी अधिकारी और थाना प्रभारी ने सख्त निर्देश दिए हैं कि इस तरह से किसी भी दुकान को जबरन बंद न कराया जाए और इस तरह का काम दोबारा न हो.’
माधव ने ट्वीट कर बताया कि इसी तरह की घटनाएं हरियाणा के फरीदाबाद और मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में भी हुई हैं.
फरीदाबाद (हरियाणा)
फरीदाबाद में स्थानीय बजरंग दल के नेता जीत वशिष्ठ ने बीते सात अक्टूबर को फेसबुक (उनके 52 हजार फॉलोवर हैं) पर एक लाइव वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उन्हें लोगों को मीट की दुकानें बंद करने और रेस्तरां में मांसाहार परोसने से परहेज करने की धमकी देते देखा जा सकता है.
इस वीडियो की एक क्लिप अलीशान जाफरी ने ट्वीट की है, जिसमें दक्षिणपंथी कार्यकर्ता को एक अन्य शख्स से बहस करते देखा जा सकता है.
#Thread
Hindutva outfits are coercing meat shops to shut down their business because of Navratri.This video is from Faridabad. pic.twitter.com/hWfn5QxJ1q
— Alishan Jafri (@alishan_jafri) October 7, 2021
दरअसल यह शख्स कहता है कि नवरात्रि के दौरान आमतौर पर मीट की दुकानें बंद नहीं होती थीं, यह बीते दो सालों से ही बंद हो रही हैं, जब से भाजपा की सरकार सत्ता में आई है.
शख्स यह भी कहता है कि अगर उन्हें पहले से नोटिस दिया जाता तो चीजें आसान हो सकती थीं.
एक अन्य वीडियो में कार्यकर्ता कहता है कि उसके पास कई पुलिस अधिकारियों की अनुमति है और मांस की दुकानों के खुलने पर प्रतिबंध मंगलवार तक है.
छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से भी इसी तरह का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दक्षिणपंथी संगठन का एक कार्यकर्ता नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने पर जोर दे रहा है.
Ved Nagar, leader of the “Gauraksha Hin'du Dal" says that anyone who tries open his shop on NAVRATRI will go to jail and his shop will be sealed for lifetime. pic.twitter.com/XfvtuDMyg9
— Alishan Jafri (@alishan_jafri) October 7, 2021
जाफरी ने भी एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें गोरक्षा हिंदू दल के एक नेता वेद नागर कह रहे हैं कि पूरे देश में जो भी नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को खोलने की कोशिश करेगा, उसे दंड दिया जाएगा.
बता दें कि इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा में शराब और मीट की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.
2017 में योगी आदित्यनाथ ने वृंदावन और बरसाना क्षेत्रों में मीट और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था. इन स्थानों को तीर्थस्थल घोषित किया गया था.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)