दिल्ली-हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास 15 अक्टूबर की सुबह एक दलित खेतिहर मज़दूर का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया था. उनकी कलाई कटी हुई थी और उसके टखने और पैर टूटे हुए थे. निहंग सिखों ने पवित्र धर्मग्रंथ की बेअदबी के आरोप में उनकी हत्या किए जाने की बात कही है.
नई दिल्लीः सिखों के पवित्र धर्मग्रंथ की बेअदबी के आरोप में बीते 15 अक्टूबर को पंजाब के एक दलित खेतिहर मजदूर की हत्या के बाद उसके अंतिम संस्कार में अड़चन डालने का मामला सामने आया है. इस संबंध में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने शनिवार को पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से बात कर दलित खेतिहर मजदूर के अंतिम संस्कार में अड़चन पैदा करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया, ‘यह अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के खिलाफ है. ग्रामीण मृतक का अंतिम संस्कार नहीं होने दे रहे थे. मैंने डीजीपी से बात की है और उनसे इस मामले पर संज्ञान लेने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.’
बता दें कि कथित तौर पर गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने के लिए निहंग सिखों ने तरणतारण के दलित खेतिहर मजदूर लखबीर सिंह की हत्या कर दी थी.
सांपला ने कहा, ‘मैंने तालिबान और आईएसआई के अत्याचारों के बारे में कहानियां सुनी हैं, लेकिन इस तरह की चीजें हमारे देश में नहीं होती थीं, लेकिन वे अब करते हैं. यह दिल दहला देने वाली घटना है.’
सांपला ने शुक्रवार को हरियाणा के डीजीपी और मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर उनसे सिंघू बॉर्डर पर हुई घटना को लेकर रिपोर्ट देने को भी कहा था.
बता दें कि दिल्ली-हरियाणा की सीमा (सिंघू बॉर्डर) पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास एक लखबीर सिंह की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और उनका हाथ काट दिया गया था.
सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शनस्थल के पास शुक्रवार (15 अक्टूबर) सुबह उनका क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया था. लखबीर को बैरिकेड से बांधा गया था. उनकी कलाई कटी हुई थी और उसके टखने और पैर टूटे हुए थे.
घटना से संबंधित एक वायरल वीडियो में निहंग सिखों द्वारा कथित तौर पर सिखों के पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के आरोप में उसकी हत्या करने की बात कही थी.
पुलिस ने बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोप में सिखों के एक पंथ के सदस्यों द्वारा पीट-पीटकर जान से मारे गए दलित खेतिहर मजदूर लखबीर सिंह पंजाब के तरणतारण जिले के चीमा खुर्द के रहने वाले थे.
उनके परिवार का कहना है कि वह ईश्वर से डरने वाले व्यक्ति थे, जो कभी भी पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे. लखबीर के परिवार ने सच्चाई सामने लाने के लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
इस मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया.
वहीं, 15 दलित संगठनों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को एक ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की. राजनीतिक दलों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए व्यापक जांच की मांग उठाई है.