कांग्रेस कार्य समिति की ओर से कहा गया है कि मीडिया को झूठे मामलों में फंसाकर और छापे मारकर अपने वश में करने के लिए धमकाया गया. ग़ैर-सरकारी संगठनों को धमकाया गया और उनकी कल्याणकारी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई. लोगों की आवाज़ दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का व्यापक रूप से दुरुपयोग किया गया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने बीते शनिवार को केंद्र की मोदी सरकार पर करारा हमला बोला और कहा कि उनके शासन में भारत निर्वाचित अधिनायकवाद (तानाशाही) में तब्दील हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस सरकार द्वारा संसद की बार-बार अवमानना की जा रही है.
सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला मोदी सरकार के कारनामों का एक और दुखद व लज्जाविहीन पहलू है. भारत ने लोकतंत्र के रूप में अपनी मान्यता खो दी है, इसे अब निर्वाचित अधिनायकवाद के रूप में देखा जाने लगा है. संसद की तिरस्कारपूर्ण अवमानना की गई है.’
उन्होंने कहा, ‘मीडिया को झूठे मामलों में फंसाकर और छापे मारकर अपने वश में करने के लिए धमकाया गया. गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को धमकाया गया और उनकी कल्याणकारी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई. लोगों की आवाज दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का व्यापक रूप से दुरुपयोग किया गया.’
कांग्रेस की सर्वोच्च इकाई ने कहा, ‘सरकार ने दुर्भावनापूर्ण स्पायवेयर (पेगासस) द्वारा गुप्त रूप से लोगों के व्यक्तिगत जीवन में घुसपैठ की. लोकतंत्र के हर पहलू को कमजोर किया गया. कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार द्वारा भारत देश को ‘नागरिकों के ऊपर जासूसी और पुलिस द्वारा निगरानी तंत्र’ में बदलने के हर षड्यंत्रकारी प्रयास का विरोध करेगी.’
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘कांग्रेस कार्य समिति का विश्वास है कि हमारी जिम्मेदारी है, लोगों को आने वाले खतरों के प्रति आगाह करना. हम ऐसा करते हुए सभी लोकतांत्रिक दलों और शक्तियों से आह्वान करते हैं कि सभी मिलकर मोदी सरकार से उत्पन्न इन चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला करें, ताकि देश के नागरिकों की बेहतरी हो सके और उन मूल्यों का संरक्षण हो, जिन पर इस देश का निर्माण हुआ था.’
इसके साथ ही सीडब्ल्यूसी ने लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त नहीं किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि यह घटना भाजपा की ‘हठधर्मिता’ को दिखाती है.
सीडब्ल्यूसी की बैठक में ‘गंभीर कृषि संकट और भारत के किसानों पर बर्बर हमला’ विषय पर प्रस्ताव पारित कर तीनों कृषि कानूनों को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘खेती के तीन ‘काले कानून’ मोदी सरकार द्वारा मुट्ठीभर पूंजीपति मित्रों को मुनाफा कमवाने के लिए भारत के अन्नदाता किसानों का दमन करने की एक कुत्सित साजिश की पराकाष्ठा है. साढ़े दस महीनों से लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अपने हक की इस लड़ाई में लगभग एक हजार किसान अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन मोदी सरकार उनकी बात तक सुनने को तैयार नहीं.’
सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलकर मारने की घटना सरकार की हठधर्मिता प्रदर्शित करती है. यह घटना केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की ओर से सार्वजनिक रूप से धमकी दिए जाने के बाद घटित हुई. इस धमकी से उनका संदिग्ध अतीत स्पष्ट होता है.’
Opening remarks of Congress President Smt. Sonia Gandhi at the CWC meeting:- pic.twitter.com/74K4qjGkZS
— Congress (@INCIndia) October 16, 2021
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘जब कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में जनता द्वारा दबाव डाले जाने पर गृह मामलों के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे को आरोपी मानकर गिरफ्तार कर लिया गया है, तब भी प्रधानमंत्री ने मंत्री को बर्खास्त करने से इनकार कर दिया है. कांग्रेस कार्य समिति राहुल गांधी द्वारा साहस व निरंतरता से किसानों के मुद्दों के लिए लड़ने और प्रियंका गांधी द्वारा दृढ़ता से उत्तर प्रदेश में किसानों की हत्या के खिलाफ लड़ाई की सराहना करती है.’
इसके साथ ही कांग्रेस कार्य समिति ने पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने का अधिकार दिए जाने को राज्यों के अधिकार में अतिक्रमण करार देते हुए कहा कि विभिन्न पक्षों और दलों के साथ मिलकर सरकार को इस अधिसूचना को वापस लेने के लिए विवश किया जाएगा.
सीडब्ल्यूसी की बैठक में देश के राजनीतिक हालात पर पारित प्रस्ताव में यह कहा गया है.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना पर गंभीर चिंता प्रकट की है, जो केंद्रीय सुरक्षा बलों को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और तलाशी लेने का अधिकार देता है.’
एक साल से अधिक बीत गया है, परंतु चीन अब भी देपसांग प्लेन्स और गोगरा हॉटस्प्रिंग पर कब्जा करे बैठा है और प्रधानमंत्री के मुँह से चीन शब्द नहीं निकलता है: श्री @rssurjewala pic.twitter.com/TF60lVChxP
— Congress (@INCIndia) October 17, 2021
कांग्रेस कार्य समिति ने दावा किया, ‘देश में आंतरिक और बाहरी सुरक्षा, दोनों को लेकर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से गंभीर खिलवाड़ और समझौता किया है. एक साल के करीब बीत गया, परंतु चीन अब भी डेपसांग, गोगरा हॉट स्प्रिंग पर कब्जा किए बैठा है और प्रधानमंत्री जी के मुंह से चीन शब्द नहीं निकलता.’
राजनीतिक हालात से संबंधित इस प्रस्ताव में कहा गया है, ‘तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर लगातार हमले हो रहे हैं. पर सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगती. जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाने और पूर्ण प्रांत का दर्जा देने की बजाय सरकार केवल बहाने ढूंढती है.’
सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों की स्थिति को लेकर भी चिंता प्रकट की गई है.
कांग्रेस कार्य समिति ने यह भी कहा कि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, पिछड़े वर्गों और उनके अधिकारों पर ‘हमले’ चिंताजनक हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हत्याओं में अचानक तेजी आई है. गांधी ने कहा, ‘अल्पसंख्यकों को स्पष्ट रूप से निशाना बनाया गया है. इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए.’
मोदी सरकार सिर्फ ‘बेचो, बेचो, बेचो’ के एजेंडे पर काम कर रही है
प्रस्ताव में अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी चिंता प्रकट की गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार देश की संपत्तियों को बेचने में लगी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस संबंध में सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि देश की संपत्ति बेचना ही सरकार के लिए आर्थिक सुधार का एकमात्र रास्ता रह गया है.
उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के सिर्फ सामरिक और आर्थिक उद्देश्य ही नहीं होते हैं, इसके सामाजिक लक्ष्य भी हैं. उदाहरण के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का सशक्तिकरण और पिछड़े क्षेत्रों का विकास. लेकिन मोदी सरकार सिर्फ ‘बेचो, बेचो, बेचो’ के एजेंडे पर काम कर रही है.’
हालांकि इस पहलू पर चर्चा के दौरान समिति द्वारा एयर इंडिया की बिक्री का कोई विशेष उल्लेख नहीं किया गया है.
सीडब्ल्यूसी ने कहा, ‘अपने वित्त की दयनीय स्थिति को छिपाने के लिए मोदी सरकार ने पिछले 70 वर्षों में इस देश में बनाई गई संपत्ति की बिक्री शुरू की है. इसमें बंदरगाहों, हवाई अड्डों, पेट्रोलियम, बिजली और दूरसंचार जैसी मूल्यवान संपत्ति को उन चुनिंदा व्यापारिक घरानों को बेचा जाएगा, जो मोदी सरकार के साथी हैं.’
मोदी सरकार में अर्थिक अनिश्चितता की स्थिति
इसके अलावा कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर अर्थव्यवस्था के ‘कुप्रबंधन’ का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को उत्पाद शुल्क में कमी करनी चाहिए ताकि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम घट सकें.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में महंगाई और देश की आर्थिक स्थिति पर पारित प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में लगातार हो रही गिरावट चिंता का विषय है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘साल 2020-21 में अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद सरकार ने कहा था कि यह पटरी पर आ जाएगी. सभी संकेत इसी बात के हैं कि अर्थव्यवस्था अब भी संघर्ष कर रही है. महामारी के दौरान बड़ी संख्या में जो नौकरियां खत्म हुई थीं, वो दोबारा सृजित नहीं हुईं.’
सीडब्ल्यूसी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार महंगाई के जरिये लोगों को ‘लूट’ रही है.
उसने कहा कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जो हालात पैदा हुए हैं वो सरकार के ‘कुप्रबंधन’ का नतीजा हैं तथा अब भी आर्थिक अनिश्चितता की स्थिति दिखाई देती है.
सीडब्ल्यूसी ने कहा कि सरकार को उत्पाद शुल्क में कटौती करनी चाहिए, ताकि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम कम हो सकें और लोगों को राहत मिल सके.
मालूम हो कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने बीते शनिवार को फैसला किया कि अगले साल 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा.
इसके साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर आगामी एक नवंबर से कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएगी, जो अगले साल 31 मार्च तक चलेगा.
इसके बाद 15 अप्रैल तक सभी सदस्यों और चुनावों के दावेदारों की सूची जिला कांग्रेस कमेटियों की ओर से प्रकाशित की जाएगी. 16 अप्रैल से 31 मई के बीच ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों एवं बूथ समितियों के अध्यक्षों का चुनाव होगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)