मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सरकार से अपील की है कि वह प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मान ले. उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा मारे गए नागरिकों को लेकर चिंता ज़ाहिर करते हुए यह भी कहा कि जब वे कश्मीर के गवर्नर थे तो आतंकी श्रीनगर के 50 किलोमीटर के दायरे में घुसने की हिम्मत नहीं करते थे.
नई दिल्ली: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सरकार से अपील की है कि वे प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को मान लें.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राजस्थान के झुंझुनू जिला में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, ‘यदि किसानों की मांगें नही पूरी की जाती हैं तो यह सरकार वापस से सत्ता में नहीं आएगी.’
भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में आज उनकी ये स्थिति हो गई है कि वे कई गांवों में घुस भी नहीं पा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं मेरठ से हूं. मेरे क्षेत्र में कोई भाजपा नेता किसी गांव में नहीं घुस सकता है. मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत में वे प्रवेश नहीं कर सकते हैं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसानों के साथ खड़े होने के लिए अपना पद छोड़ देंगे, मलिक ने कहा कि वह किसानों के साथ खड़े हैं और वर्तमान में उन्हें पद छोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वह ऐसा भी करेंगे.
मलिक, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक जाट नेता हैं, ने कहा कि किसानों के विरोध के मुद्दे पर उन्होंने कई लोगों के साथ लड़ाई लड़ी है.
गवर्नर ने कहा, ‘उनके (किसान) लिए मैंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सभी के साथ झगड़ा किया है. मैंने सभी से कहा है कि आप गलत कर रहे हैं, ऐसा न करें. यहां अगर सरकार कानूनी रूप से एमएसपी की गारंटी देती है, तो इसका समाधान हो जाएगा. किसान तीन विधेयकों के मुद्दे को इसलिए छोड़ सकते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. केवल एक ही बात है, आप वह भी नहीं कर रहे हैं. क्यों? बिना एमएसपी के कुछ नहीं होगा.’
मलिक ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी राय व्यक्त करेंगे. उन्होंने कहा, ‘खास तौर से, सिखों के बारे में ये लोग जानते नहीं हैं, निहत्थे गुरुओं ने पूरे मुगल सम्राट से लड़ाई लड़ी है. तो उनको तंग नहीं करना चाहिए.’
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर सरकार चाहे तो वह केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं.
मेघालय के राज्यपाल ने कहा, ‘इसका एक समाधान हो सकता है. आप एमएसपी की गारंटी दें, मैं किसानों को समझाऊंगा कि तीनों कानून स्थगित हैं, अब इसे छोड़ दें. उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी होनी चाहिए. अगर यह नहीं होगा तो वे बर्बाद हो जाएंगे. इससे कम पर वे कोई समझौता नहीं करेंगे.’
मालूम हो कि किसान करीब एक साल से तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
सत्यापल मलिक ने जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा मारे गए नागरिकों को लेकर भी चिंता जाहिर की और कहा कि जब वे कश्मीर के गवर्नर थे तो आतंकी श्रीनगर के 50 किमी के दायरे में घुसने की हिम्मत नहीं करते थे.
During my tenure as Governor of Jammu and Kashmir, no terrorists could enter within the 50-100 kms range of Srinagar. But now, terrorists are killing poor people in Srinagar. This is really saddening: Governor of Meghalaya Satya Pal Malik (17.10) pic.twitter.com/bDq6HO3rgh
— ANI (@ANI) October 18, 2021
उन्होंने कहा, ‘जब था, तब कुछ नहीं हो रहा था, न पत्थरबाजी हो रही थी, न ही भर्ती हो रही थी, न कोई मर रहा था. आतंकी श्रीनगर के 50 किमी के दायरे में घुसने की हिम्मत नहीं करते थे. अब तो वो मार रहे हैं, शहर में खुलेआम.’
मलिक ने लखीमपुर खीरी की घटना पर भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को इस्तीफा देना चाहिए था.
उन्होंने कहा, ‘यह बिल्कुल गलत हुआ है. उसी दिन इस्तीफा हो जाना चाहिए था. वैसे भी वह मंत्री मंत्री बनने के लायक नहीं है.’
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ बीते तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों की नाराजगी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के उस बयान के बाद और बढ़ गई थी, जिसमें उन्होंने किसानों को ‘दो मिनट में सुधार देने की चेतावनी’ और ‘लखीमपुर खीरी छोड़ने’ की चेतावनी दी थी.
हिंसा के दौरान चार किसानों समेत कुल आठ किसानों की मौत हुई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा तथा अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.
आशीष को बीते नौ अक्टूबर को करीब 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था और वह 12 अक्टूबर से तीन दिन की पुलिस हिरासत में है. अब तक इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या छह हो चुकी है.