रामायण आधारित प्रतियोगिता का आयोजन करेगी एमपी सरकार, विजेताओं को अयोध्या की हवाई यात्रा

मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा रामायण के अयोध्या कांड पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में हर ज़िले से आठ लोगों का चयन किया जाएगा. पिछले महीने सरकार ने स्नातक पाठ्यक्रमों के कला संकाय के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को दर्शनशास्त्र के तहत एक वैकल्पिक विषय के रूप में रामचरितमानस को पढ़ाए जाने की घोषणा की थी.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा रामायण के अयोध्या कांड पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में हर ज़िले से आठ लोगों का चयन किया जाएगा. पिछले महीने सरकार ने स्नातक पाठ्यक्रमों के कला संकाय के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को दर्शनशास्त्र के तहत एक वैकल्पिक विषय के रूप में रामचरितमानस को पढ़ाए जाने की घोषणा की थी.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

भोपालः मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार रामायण पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित करेगी और इसके विजेताओं को उत्तर प्रदेश के अयोध्या की हवाई यात्रा करने का अवसर मिलेगा.

बता दें कि राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है.

प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर की ओर से रविवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘रामायण पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा. इस प्रतियोगिता के विजेताओं को हवाई जहाज से अयोध्या की यात्रा कराई जाएगी.’

हालांकि, अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि यह प्रतियोगिता कब होगी और कितने विजेताओं का चुनाव किया जाएगा.

ठाकुर ने रविवार को इंदौर जिले के महू में डॉ. बीआर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए कहा, ‘संस्कृति विभाग द्वारा रामायण के अयोध्या कांड पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में हर जिले से आठ लोगों का चयन किया जाएगा. इनमें चार विद्यार्थी और चार सामान्य लोग शामिल रहेंगे.’

इस मौके पर ठाकुर ने रामायण के पात्र और राम की परम भक्त शबरी पर एक चित्र प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया. इस अवसर पर रामायण पर प्रवचन देने वाली विद्वान मंदाकिनी रामकिंकर और अन्य प्रमुख नागरिक भी मौजूद थे.

पिछले महीने प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कॉलेजों और विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों के कला संकाय के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को दर्शनशास्त्र के तहत एक वैकल्पिक विषय के रूप में महाकाव्य रामचरितमानस को पढ़ाए जाने की घोषणा की थी.

मंत्री ने कहा था कि 60 घंटे के इस ऐच्छिक पाठ्यक्रम से छात्रों में मानवीय दृष्टिकोण और संतुलित नेतृत्व गुणवत्ता की क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी.

मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष के बजट में राम वनगमन पथ के निर्माण की विस्तृत योजना रिपोर्ट बनाने के लिए एक करोड़ रुपये की राशि भी निर्धारित की है, जिसके तहत अयोध्या से वनवास के दौरान राम जिस रास्ते से गए थे, उस पर मध्य प्रदेश में मार्ग निर्माण करने की योजना है.

बीते सितंबर महीने में ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश में एमबीबीएस के छात्र आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार, भारतीय जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद और बीआर आंबेडकर के बारे में प्रथम वर्ष के फाउंडेशन कोर्स के हिस्से के रूप में अध्ययन करेंगे.

उन्होंने कहा था कि इस पहल का उद्देश्य एमबीबीएस के छात्रों को सामाजिक और नैतिक मूल्य सिखाना है.

इसी तरह, उच्च शिक्षा मंत्री यादव ने पहले घोषणा की थी कि मध्य प्रदेश सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति पद के हिंदी नामकरण को ‘कुलपति’ से बदलकर ‘कुलगुरु’ करने पर विचार कर रही है.

बता दें कि मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश में राम वनगमन पथ योजना लागू करने की घोषणा की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)